नई दिल्ली: झारखंड में राज्यसभा सीट के लिए कांग्रेस और जेएमएम गठबंधन में घमासान के बीच आज दिल्ली में झारखंड कांग्रेस के बड़े नेताओं की प्रभारी अविनाश पांडेय के साथ बैठक हुई. इसके बाद खबर सामने आई है कि कांग्रेस ने राज्यसभा सीट के लिये अब अल्पसंख्यक कार्ड खेलने का दाव चल दिया है. बैठक के बाद झारखंड कांग्रेस के नेताओं ने सोनिया गांधी को एक पत्र लिखा है. जिसमें अल्पसंख्यक उम्मीदवार को राज्यसभा भेजने की मांग की गई है.
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झारखंड में राज्यसभा चुनावों की सरगर्मी बढ़ती जा रही है. दो सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए कांग्रेस नेता दिल्ली में बैठक कर रहे हैं. बैठक के बाद उन्होंने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखा है. इसके में उन्होंने अल्पसंख्यक को उम्मीदवार बनाने की अपील की है. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि झारखंड 14 लोकसभा सीट पर एक भी अल्पसंख्यक उम्मीदवार नहीं बनाया गया था. जबकि झारखंड में अल्पसंख्यकों की आबादी लगभग 17 प्रतिशत है. इसी को आधार बना कर झारखंड कांग्रेस के प्रभारी ने प्रदेश कांग्रेस नेताओं के साथ मिल कर ये निर्णय लिया कि मौजूदा राज्यसभा चुनाव के लिए अल्पसंख्यक उम्मीदवार की मांग उठाई जाए.
झारखंड में कांग्रेस-जेएमएम के बीच राज्यसभा सीट पर पेंच फंसा हुआ है और गठबंधन में असंतोष खुल कर सामने आ रहा है. कांग्रेस जहां एक ओर खुल कर अपनी इच्छा जाहिर कर चुकी है वहीं दूसरी तरफ जेएमएम की ओर से अभी तक इस मुद्दे पर कोई सीधी प्रतिक्रिया नहीं आई है. कांग्रेस के महासचिव और झारखंड प्रभारी अविनाश पांडेय ने बताया था कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली भी पहुंच सकते हैं. लेकिन वह दिल्ली नहीं पहुंचे. सूत्रों की माने तो हेमंत सोरेन अब शुक्रवार या शनिवार को दिल्ली पहुंच सकते हैं. हालांकि अभी तक इस जानकारी की पुष्टि नहीं हो सकी है.
गुरुवार को झारखंड कांग्रेस नेताओं की प्रभारी अविनाश पांडेय के साथ चली मैराथन मंथन के बाद यही निष्कर्ष सामने आया कि कांग्रेस अपनी तरफ से अल्पसंख्यक उम्मीदवार के लिए गठबंधन में प्रस्ताव रखेगी. झारखंड से राज्यसभा के लिए प्रमुख नाम फुरकान अंसारी का प्रस्तावित किया गया है. इसके पीछे कारण बताया गया है कि फुरकान अंसारी लगातार गोड्डा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ते रहे हैं और 2014 में बहुत कम वोटों से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. गोड्डा में अल्पसंख्यक मतदाताओं की संख्या भी निर्णायक है. ऐसे में प्रदेश कांग्रेस का नेतृत्व चाहती है कि फुरकान अंसारी को राज्यसभा के लिए चुना जाए.
हवाला यह भी दिया गया है कि राहुल गांधी के रांची में हुए कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का एक प्रतिनिधिमंडल उनसे मिला था और संसद में अपने समुदाय से प्रतिनिधित्व की मांग रखी थी. तब राहुल गांधी ने आश्वसन दिया था कि साल 2020 में वह राज्यसभा के लिये एक अल्पसंख्यक उम्मीदवार बनाएंगे. हालांकि तब ऐसा नहीं हुआ. अब प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व ने पुराने आश्वासन का हवाला देते हुए शीर्ष नेतृत्व पर इस बात का दबाव बनाने का प्रयास किया है कि गठबंधन में कांग्रेस अपना पक्ष मजबूती से रखे.