रांची: झारखंड के मुख्य सचिव डीके तिवारी मंगलवार को अपने पद से सेवानिवृत्त हो गए.1986 बैच के आईएएस अधिकारी तिवारी ने राज्य के चीफ सेक्रेट्री का पदभार 21 मार्च 2019 को ग्रहण किया था. प्रोजेक्ट बिल्डिंग स्थित स्टेट सेक्रेटेरिएट में अखिरी दिन उन्हें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उन्हें शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया. इसके साथ ही इस मौके पर राज्य सरकार ने मंत्री रामेश्वर उरांव, आलमगीर आलम, बादल और बन्ना गुप्ता भी मौजूद थे.
डीके तिवारी कानून और अर्थशास्त्र के थे जानकार
तिवारी राज्य के ऐसे मुख्य सचिव थे, जिन्हें औपचारिक रिटायरमेंट के बाद तीन 3 महीने का दो बार एक्सटेंशन भी मिला था. एकेडमिक रूप से मजबूत तिवारी कानून और अर्थशास्त्र के जानकार थे. जबकि उन्होंने किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज से 1982 में एमबीबीएस भी किया था.
एक अप्रैल को सुखदेव सिंह ले सकते हैं नए सीएस का पदभार
1987 बैच के आईएएस अधिकारी सुखदेव सिंह को राज्य का नया मुख्य सचिव बनाया गया है, वह तिवारी की जगह लेंगे. सिंह पूर्ववर्ती मधु कोड़ा सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भी रहे हैं. कथित तौर पर मधु कोड़ा के कार्यकाल को घोटाले वाली सरकार के कार्यकाल के नाम से ज्यादा जाना जाता है. इसके बावजूद सुखदेव सिंह वैसे अधिकारी हैं जिनके ऊपर जरा भी दाग नहीं लगा है.
सुखदेव सिंह ने पेश किया था नैतिकता का उदाहरण
इतना ही नहीं पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार के कार्यकाल में जैसे ही उन्हें यह जानकारी मिली कि चारा घोटाले के मामले में उन्हें सीबीआई कोर्ट के निर्देश पर धारा 319 के तहत आरोपी बनाया गया है. उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि उन्हें वित्त सचिव के पद से हटा दिया जाए क्योंकि मामला ट्रेजरी से जुड़ा हुआ है. उन्होंने नैतिकता का उदाहरण पेश करते हुए सरकार से आग्रह किया कि उन्हें इस जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया जाए.हालांकि तत्कालीन सरकार ने ऐसा नहीं किया.
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2010 में थे प्रधान सचिव
सुखदेव सिंह 2010 में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा मुख्यमंत्री के पिता शिबू सोरेन के प्रधान सचिव भी नियुक्त किए गए थे. उससे पहले सिंह अगस्त 2006 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के प्रधान सचिव के पद पर भी रहे हैं. इसके साथ ही सिंह मौजूदा मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव रह चुके हैं.