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रांचीः बिल्डर अमित अग्रवाल पर 120 करोड़ की हेराफेरी का आरोप, 20 ठिकानों पर छापेमारी - Builder Amit Company in ranchi

रांची के व्यवसायी अमित अग्रवाल और उनके परिवार के 20 ठिकानों पर आईटी की टीम ने छापेमारी की. इस दौरान 120 करोड़ की गड़बड़ी का मामला सामने आया.

IT raid on Builder Amit Company in ranchi
आईटी का छापा
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Published : Sep 26, 2020, 10:42 PM IST

रांची: वनस्पति घी, रियल स्टेट और चाय कारोबारी अमित अग्रवाल के 20 ठिकानों पर आईटी की दबिश के बाद करीब 120 करोड़ के लेनदेन में गड़बड़झाले की बात सामने आ रही है. आईटी की टीम ने झारखंड और पश्चिम बंगाल में व्यवसायी अमित अग्रवाल और उनके परिवार के ठिकानों पर एक साथ दबिश दी थी.

इनकम टैक्स विभाग की ओर से बताया गया है कि शुरूआती जांच में करीब 40 करोड़ के कैश में लेनदेन का साक्ष्य मिला है, जबकि रियल स्टेट के नाम पर करीब 80 करोड़ रुपये एडवांस में वसूलने की बात सामने आई है.

अकाउंट बुक से ट्रांजेक्शन के भी साक्ष्य मिले हैं. जांच में पाया गया कि शेल कंपनी बनाकर रियल स्टेट कंपनी में अग्रिम लोन दिखाया गया है. ज्यादातर कंपनियों में परिवार के लोग ही निदेशक हैं, जबकि यह कंपनियां सक्रिय नहीं है और इनके नाम पर मुनाफे से जुड़े बहुत कम पैसे का रिटर्न फाइल किया गया है. इस दौरान रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज को भी कोई जानकारी नहीं दी गई है.

ये भी पढ़ें- विवादित लैंड म्यूटेशन बिल पर श्रम मंत्री का बड़ा बयान, कहा- संशोधन के बाद सदन में पेश होगा बिल

जांच में इस व्यवसायी परिवार की एक कंपनी का पता चला है, जो साल 2014 से कोई व्यवसाय नहीं कर रही थी. इसके बावजूद सात करोड़ का नगद में लेन देन कर चुकी है. इस पैसे को कोलकाता के एक बैंक के अकाउंट में रखा गया है और इसका जिक्र झारखंड के खरीदार के बुक में दर्ज है. जांच के दौरान कई पेनड्राइव, हार्ड डिस्क और हाथ से लिखी डायरी जब्त की गई है. डायरी में लोन के लेनदेन का भी जिक्र है.

रांची: वनस्पति घी, रियल स्टेट और चाय कारोबारी अमित अग्रवाल के 20 ठिकानों पर आईटी की दबिश के बाद करीब 120 करोड़ के लेनदेन में गड़बड़झाले की बात सामने आ रही है. आईटी की टीम ने झारखंड और पश्चिम बंगाल में व्यवसायी अमित अग्रवाल और उनके परिवार के ठिकानों पर एक साथ दबिश दी थी.

इनकम टैक्स विभाग की ओर से बताया गया है कि शुरूआती जांच में करीब 40 करोड़ के कैश में लेनदेन का साक्ष्य मिला है, जबकि रियल स्टेट के नाम पर करीब 80 करोड़ रुपये एडवांस में वसूलने की बात सामने आई है.

अकाउंट बुक से ट्रांजेक्शन के भी साक्ष्य मिले हैं. जांच में पाया गया कि शेल कंपनी बनाकर रियल स्टेट कंपनी में अग्रिम लोन दिखाया गया है. ज्यादातर कंपनियों में परिवार के लोग ही निदेशक हैं, जबकि यह कंपनियां सक्रिय नहीं है और इनके नाम पर मुनाफे से जुड़े बहुत कम पैसे का रिटर्न फाइल किया गया है. इस दौरान रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज को भी कोई जानकारी नहीं दी गई है.

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जांच में इस व्यवसायी परिवार की एक कंपनी का पता चला है, जो साल 2014 से कोई व्यवसाय नहीं कर रही थी. इसके बावजूद सात करोड़ का नगद में लेन देन कर चुकी है. इस पैसे को कोलकाता के एक बैंक के अकाउंट में रखा गया है और इसका जिक्र झारखंड के खरीदार के बुक में दर्ज है. जांच के दौरान कई पेनड्राइव, हार्ड डिस्क और हाथ से लिखी डायरी जब्त की गई है. डायरी में लोन के लेनदेन का भी जिक्र है.

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