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रांची के मेन रोड पर अब नहीं होगी नमाज की अदायगी, एकरा मस्जिद कमेटी ने लिया फैसला - main road in Ranchi

राजधानी के मेन रोड पर अब नमाज की अदायगी नहीं होगी. इसका फैसला एकरा मस्जिद कमेटी ने लिया, क्योंकि सड़क पर नमाज पढ़ने की वजह से राजधानी का मुख्य मार्ग मेन रोड जाम हो जाया करता था. जिसके वजह से आने जाने वाले लोगों को असुविधा होती थी.

एकरा मस्जिद
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Published : Aug 17, 2019, 2:20 PM IST

रांची: जिले के मेन रोड स्थित एकरा मस्जिद के बाहर अब सड़क पर जुम्मे की नमाज नहीं पढ़ी जाएगी. इसको लेकर मस्जिद के मौलाना डॉ उबैदुल्लाह कासमी ने बताया कि सड़क पर नमाज पढ़ने की वजह से राजधानी का मुख्य मार्ग मेन रोड दो से ढाई घंटे के लिए पूरी तरह जाम हो जाया करती थी. जिस वजह से आने जाने वाले राहगीर, स्कूल के बच्चे, मरीजों को ले जा रही एंबुलेंस सहित अन्य आवश्यक सेवाएं बाधित होती थी जो इस्लाम के उसूलों के खिलाफ है.

देखें पूरी खबर

मौलाना उबैदुल्लाह कासमी बताते हैं कि इस चीज को लेकर एकरा मस्जिद कमेटी पिछले कई दिनों से काम कर रही थी लेकिन कुछ लोगों की वजह से इसे लागू नहीं हो पा रहा था लेकिन कमेटी ने निर्णय लेते हुए 16 अगस्त को इसकी शुरुआत की और मस्जिद कमेटी के वॉलिंटियर्स की पहल से लोगों को सड़क पर नमाज की अदायगी नहीं करने दी गई.

एकरा मस्जिद कमेटी के अन्य पदाधिकारी फिरोज हैदर बताते हैं कि जिस प्रकार हमने 16 अगस्त के जुम्मे में लोगों को सड़क पर नमाज अदा करने से रोकने में सफलता पाई, उसी प्रकार अब से आने वाले हर शुक्रवार को सड़क पर नमाज पढ़ने की अनुमति मस्जिद कमेटी की तरफ से नहीं दी जाएगी और लोगों को सड़क पर नमाज पढ़ने से रोका जाएगा.

ये भी देखें- मुख्यमंत्री शैक्षणिक भ्रमण योजना: रामोजी फिल्म सिटी के बाद झारखंड के 2 हजार स्कूली छात्र दिल्ली में देखेंगे राष्ट्रीय पुलिस स्मारक

आपको बता दें कि शुक्रवार की जुम्मे में अत्यधिक भीड़ होती है इसलिए मस्जिद में जगह नहीं मिलने के कारण लोग सड़क पर बैठकर नमाज अदायगी करते थे, जिस वजह से राजधानी का मुख्य मार्ग दो से ढाई घंटे के लिए जाम हो जाता है. प्रत्येक शुक्रवार को लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था. लेकिन मस्जिद के इस फैसले से लोगों को इन समस्याओं से निजात मिलेगी.

गौरतलब है कि एकरा मस्जिद कमेटी की तरफ से यह फैसला निश्चित रूप से सांप्रदायिक सौहार्द और आपसी भाईचारा को बढ़ावा देता है जिस वजह से एकरा मस्जिद कमेटी के पदाधिकारियों को सभी धर्मों के लोग सुबह से ही बधाइयां और शुभकामनाएं भी दे रहे हैं.

रांची: जिले के मेन रोड स्थित एकरा मस्जिद के बाहर अब सड़क पर जुम्मे की नमाज नहीं पढ़ी जाएगी. इसको लेकर मस्जिद के मौलाना डॉ उबैदुल्लाह कासमी ने बताया कि सड़क पर नमाज पढ़ने की वजह से राजधानी का मुख्य मार्ग मेन रोड दो से ढाई घंटे के लिए पूरी तरह जाम हो जाया करती थी. जिस वजह से आने जाने वाले राहगीर, स्कूल के बच्चे, मरीजों को ले जा रही एंबुलेंस सहित अन्य आवश्यक सेवाएं बाधित होती थी जो इस्लाम के उसूलों के खिलाफ है.

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मौलाना उबैदुल्लाह कासमी बताते हैं कि इस चीज को लेकर एकरा मस्जिद कमेटी पिछले कई दिनों से काम कर रही थी लेकिन कुछ लोगों की वजह से इसे लागू नहीं हो पा रहा था लेकिन कमेटी ने निर्णय लेते हुए 16 अगस्त को इसकी शुरुआत की और मस्जिद कमेटी के वॉलिंटियर्स की पहल से लोगों को सड़क पर नमाज की अदायगी नहीं करने दी गई.

एकरा मस्जिद कमेटी के अन्य पदाधिकारी फिरोज हैदर बताते हैं कि जिस प्रकार हमने 16 अगस्त के जुम्मे में लोगों को सड़क पर नमाज अदा करने से रोकने में सफलता पाई, उसी प्रकार अब से आने वाले हर शुक्रवार को सड़क पर नमाज पढ़ने की अनुमति मस्जिद कमेटी की तरफ से नहीं दी जाएगी और लोगों को सड़क पर नमाज पढ़ने से रोका जाएगा.

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आपको बता दें कि शुक्रवार की जुम्मे में अत्यधिक भीड़ होती है इसलिए मस्जिद में जगह नहीं मिलने के कारण लोग सड़क पर बैठकर नमाज अदायगी करते थे, जिस वजह से राजधानी का मुख्य मार्ग दो से ढाई घंटे के लिए जाम हो जाता है. प्रत्येक शुक्रवार को लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था. लेकिन मस्जिद के इस फैसले से लोगों को इन समस्याओं से निजात मिलेगी.

गौरतलब है कि एकरा मस्जिद कमेटी की तरफ से यह फैसला निश्चित रूप से सांप्रदायिक सौहार्द और आपसी भाईचारा को बढ़ावा देता है जिस वजह से एकरा मस्जिद कमेटी के पदाधिकारियों को सभी धर्मों के लोग सुबह से ही बधाइयां और शुभकामनाएं भी दे रहे हैं.

Intro:राजधानी के मेन रोड स्थित एकरा मस्जिद के बाहर अब सड़क पर जुम्मे की नमाज नहीं पढ़ी जाएगी। इसको लेकर मस्जिद के मौलाना डॉ उबैदुल्लाह कासमी ने बताया कि सड़क पर नमाज पढ़ने की वजह से राजधानी का मुख्य मार्ग मेन रोड दो से ढाई घंटे के लिए पूरी तरह जाम हो जाया करती थी। जिस वजह से आने जाने वाले राहगीर, स्कूल के बच्चे, मरीजों को ले जा रही एंबुलेंस सहित अन्य आवश्यक सेवाएं बाधित होती थी जो इस्लाम के वसूलों के खिलाफ है।

मौलाना उबैदुल्लाह कासमी बताते हैं कि इस चीज को लेकर एक राम मस्जिद कमेटी पिछले कई दिनों से काम कर रही थी लेकिन कुछ लोगों की वजह से इसे लागू नहीं हो पा रहा था लेकिन कमेटी ने निर्णय लेते हुए 16 अगस्त को इसकी शुरुआत की और मस्जिद कमेटी के वॉलिंटियर्स की पहल से लोगों सड़क पर नमाज की याद आएगी नहीं करने दी गई।




Body:एकरा मस्जिद कमेटी के अन्य पदाधिकारी फिरोज हैदर बताते हैं कि जिस प्रकार हमने 16 अगस्त के जुम्मे में लोगों को सड़क पर नमाज अदा करने से रोकने में सफलता पाई, उसी प्रकार अब से आने वाले हर शुक्रवार को सड़क पर नमाज पढ़ने की अनुमति मस्जिद कमेटी के तरफ से नहीं दी जाएगी और लोगों को सड़क पर नमाज पढ़ने से रोका जाएगा।

आपको बता दें कि शुक्रवार की जुम्मे में अत्यधिक भीड़ होती है इसलिए मस्जिद में जगह नहीं मिलने के कारण लोग सड़क पर बैठकर नमाज अदायगी करते थे, जिस वजह से राजधानी का मुख्य मार्ग दो से ढाई घंटे के लिए जाम हो जाता है जिस वजह से प्रत्येक शुक्रवार को लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। लेकिन मस्जिद के इस फैसले से लोगों को इन समस्याओं से निजात मिलेगी।


Conclusion:गौरतलब है कि एकरा मस्जिद कमेटी की तरफ से यह फैसला निश्चित रूप से संप्रदायिक सौहार्द और आपसी भाईचारा को बढ़ावा देता है जिस वजह से एकरा मस्जिद कमेटी के पदाधिकारियों को सभी धर्मों के लोग सुबह से ही बधाइयां और शुभकामनाएं भी दे रहे हैं।

बाइट- डॉक्टर उबैदुल्लाह कासमी, मौलाना, एकरा मस्जिद।
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