रांची: पुलिस ने दिल्ली से पास लेकर आने पर पास को फर्जी बताते हुए अधिवक्ता देवाशीष को गिरफ्तार किया था. हालांकि बाद में पुलिसिया जांच में दिल्ली से जारी पास को सही पाया गया. गिरफ्तारी के बाद रांची पुलिस ने देवाशीष को रस्सी और हथकड़ी लगाकर कोर्ट में पेश किया था. पूरे मामले में झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता अविनाश आर मिश्रा ने झारखंड पुलिस को ट्वीट किया था. ट्वीट के जरिए एडवोकेट अविनाश मिश्रा ने मांग की थी कि जांच कर हथकड़ी लगाने वाले दोषियों को दंडित किया जाए.
इस मामले में मुख्यमंत्री और झारखंड पुलिस को भी ट्वीट किया गया था. ट्वीट पर संज्ञान लेते हुए झारखंड पुलिस मुख्यालय ने रांची के सीनियर एसपी अनीश गुप्ता को आदेश दिया है कि पूरे मामले में कार्रवाई कर दोषी के खिलाफ रिपोर्ट भेजें. रांची के मोरहाबादी के रहने वाले अधिवक्ता देवाशीष विश्वकर्मा 20 अप्रैल को दिल्ली से रांची पहुंचे थे. देवाशीष दिल्ली की साकेत कोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं. इस दौरान पुलिस ने उन्हें यह कहकर हिरासत में ले लिया कि वह फर्जी पास के जरिए दिल्ली से रांची आ गए.
हिरासत में लेने के बाद अधिवक्ता को क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा गया था. सोमवार को 20 दिनों के बाद में न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में हथकड़ी लगाकर पेश किया गया. दरअसल, लॉकडाउन के दैरान जब देवाशीष को दिल्ली में परेशानी होने लगी, तब वह पास बनाकर रांची के मोरहाबादी स्थित अपने घर पहुंचे थे. यहां पहुंचने के बाद कुछ लोगों ने पुलिस से शिकायत कर कहा कि दिल्ली से एक युवक अपनी कार से आया है. रांची आने का पास भी उसने नहीं बनाया है. इसके बाद पुलिस अधिवक्ता के पास पहुंची और पास को फर्जी बताते हुए उन पर धोखाधड़ी और अन्य मामलों में मुकदमा दर्ज कर उन्हें क्वॉरेंटाइन सेंटर भेज दिया था.