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Arms Smuggling: झारखंड में आर्म्स तस्करी होंगे बड़े खुलासे, एटीएस के राडार पर कई जवान - झारखंड क्राइम न्यूज

झारखंड में आर्म्स तस्करी के मामले में कई खुलासा होने की संभावना है. इसमें कई जवानों की संलिप्तता की बात भी सामने आ रही है.

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Published : Dec 8, 2021, 7:50 AM IST

रांचीः झारखंड में नक्सलियों और संगठित आपराधिक गिरोहों के बीच आर्म्स और कारतूस तस्करी के मामले में कई नए खुलासा होने की संभावना है. एटीएस की जांच में देश की सुरक्षा से जुड़े कई जवानों की संलिप्तता इस मामले में सामने आ रही है.

ये भी पढ़ेंः हथियार तस्करी मामलाः ATS की जांच में खुलेंगे कई राज, BSF-CRPF को भेजी जाएगी रिपोर्ट

कार्तिक ने किए कई खुलासे

झारखंड में आर्म्स तस्करी को लेकर एटीएस ने इ बीएसएफ के 116 बटालियन के फिरोजपुर कैंप के कोत प्रभारी कार्तिक बेहरा को गिरफ्तार किया था. कार्तिक ने पूछताछ में बीएसएफ के आधा दर्जन से अधिक कर्मियों के नाम बताए हैं. जो हथियार और कारतूसों की तस्करी में बीते छह सात सालों से कार्तिक के सहयोगी रहे हैं. कार्तिक के कबूलनामे के बाद एटीएस ने वैसे संदिग्धों की सूची बीएसएफ को भी दी है. कार्तिक के पूर्व इस मामले में एटीएस ने बीएसएफ के ही पूर्व हवलदार अरूण कुमार सिंह और सीआरपीएफ के सिपाही अविनाश कुमार को गिरफ्तार किया था.

परशुराम समेत पांच से पूछताछ
झारखंड और बिहार में माओवादियों को हथियार तस्करी करने वाले गिरोह से जुड़े दूसरे मामले में एनआईए जांच कर रही है. एनआईए ने इस मामले में जहानाबाद के परशुराम सिंह, संजय सिंह, राकेश कुमार, गौतम कुमार, संजय सिंह और दानापुर के मो बदरूदीन को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है. एनआईए ने पूर्व में सभी को गिरफ्तार किया था. इसके बाद इन्हें 10 दिनों के रिमांड पर लिया गया है. एनआईए रांची के डीएसपी सुबोध शर्मा के द्वारा मामले की जांच की जा रही है. अबतक की जांच में यह बामत सामने आयी है कि मृत माओवादी अरविंद कुमार सिंह के नेटवर्क को परशुराम सिंह और उसके गिरोह के लोगों के द्वारा हथियार की सप्लाई की जाती थी. जांच में यह बात सामने आयी है कि बंगाल के रास्ते झारखंड के माओवादियों तक परशुराम सिंह के द्वारा हथियार की सप्लाई की जाती थी.

पूर्णिया हथियार तस्कर का भी झारखंड कनेक्शन

एनआईए के द्वारा पूर्णिया के हथियार तस्करों का भी झारखंड कनेक्शन सामने आया है. एनआईए ने इस मामले में पूर्व में रांची के अरगोड़ा और लातेहार से हथियार तस्करों को गिरफ्तार किया था. इस गिरोह के द्वारा पूर्वोतर के अलगाववादी संगठनों की मदद से हथियार की सप्लायी की जाती थी. वहीं पारा मिलिट्री के कारतूसों की सप्लाई करने वाले गिरोह के तार बिहार, यूपी, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र के बड़े आपराधिक गिरोहों से जुड़े हैं. गिरोह के सदस्यों के बाहुबलियों से भी संपर्क की बात अबतक की जांच में सामने आयी है.

रांचीः झारखंड में नक्सलियों और संगठित आपराधिक गिरोहों के बीच आर्म्स और कारतूस तस्करी के मामले में कई नए खुलासा होने की संभावना है. एटीएस की जांच में देश की सुरक्षा से जुड़े कई जवानों की संलिप्तता इस मामले में सामने आ रही है.

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कार्तिक ने किए कई खुलासे

झारखंड में आर्म्स तस्करी को लेकर एटीएस ने इ बीएसएफ के 116 बटालियन के फिरोजपुर कैंप के कोत प्रभारी कार्तिक बेहरा को गिरफ्तार किया था. कार्तिक ने पूछताछ में बीएसएफ के आधा दर्जन से अधिक कर्मियों के नाम बताए हैं. जो हथियार और कारतूसों की तस्करी में बीते छह सात सालों से कार्तिक के सहयोगी रहे हैं. कार्तिक के कबूलनामे के बाद एटीएस ने वैसे संदिग्धों की सूची बीएसएफ को भी दी है. कार्तिक के पूर्व इस मामले में एटीएस ने बीएसएफ के ही पूर्व हवलदार अरूण कुमार सिंह और सीआरपीएफ के सिपाही अविनाश कुमार को गिरफ्तार किया था.

परशुराम समेत पांच से पूछताछ
झारखंड और बिहार में माओवादियों को हथियार तस्करी करने वाले गिरोह से जुड़े दूसरे मामले में एनआईए जांच कर रही है. एनआईए ने इस मामले में जहानाबाद के परशुराम सिंह, संजय सिंह, राकेश कुमार, गौतम कुमार, संजय सिंह और दानापुर के मो बदरूदीन को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है. एनआईए ने पूर्व में सभी को गिरफ्तार किया था. इसके बाद इन्हें 10 दिनों के रिमांड पर लिया गया है. एनआईए रांची के डीएसपी सुबोध शर्मा के द्वारा मामले की जांच की जा रही है. अबतक की जांच में यह बामत सामने आयी है कि मृत माओवादी अरविंद कुमार सिंह के नेटवर्क को परशुराम सिंह और उसके गिरोह के लोगों के द्वारा हथियार की सप्लाई की जाती थी. जांच में यह बात सामने आयी है कि बंगाल के रास्ते झारखंड के माओवादियों तक परशुराम सिंह के द्वारा हथियार की सप्लाई की जाती थी.

पूर्णिया हथियार तस्कर का भी झारखंड कनेक्शन

एनआईए के द्वारा पूर्णिया के हथियार तस्करों का भी झारखंड कनेक्शन सामने आया है. एनआईए ने इस मामले में पूर्व में रांची के अरगोड़ा और लातेहार से हथियार तस्करों को गिरफ्तार किया था. इस गिरोह के द्वारा पूर्वोतर के अलगाववादी संगठनों की मदद से हथियार की सप्लायी की जाती थी. वहीं पारा मिलिट्री के कारतूसों की सप्लाई करने वाले गिरोह के तार बिहार, यूपी, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र के बड़े आपराधिक गिरोहों से जुड़े हैं. गिरोह के सदस्यों के बाहुबलियों से भी संपर्क की बात अबतक की जांच में सामने आयी है.

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