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नवीं पास झांसी से झारखंड में चलाता था ठगी का नेटवर्क, अंतरराज्यीय गिरोह का सरगना गिरफ्तार

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Published : Sep 4, 2021, 2:22 PM IST

रांची में सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी करने वाले एक ठग को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपी संदीप पर राष्ट्रीय लेवल के दो एथलीट से भी ठगी करने का आरोप है.

hug Sandeep Sindhu arrested
ठग संदीप सिंधु गिरफ्तार

रांची: सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के सरगना को नामकुम थाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया गया है. गिरफ्तार आरोपी का नाम संदीप सिंधु है जो उत्तर प्रदेश के झांसी का निवासी है. नौवीं पास संदीप सिंधु सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर कई युवकों को ठग चुका है.

नेशनल लेवल के एथलीट से ठगी

आरोपी संदीप सिंधु पर राष्ट्रीय स्तर के दो एथलीट सुखविंदर सिंह और जगरूप सिंह से भी ठगी का आरोप है. बताया जा रहा है कि सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर 6 लाख रुपये से ज्यादा की ठगी कर ली और इस घटना के बाद ही वो पुलिस के हत्थे चढ़ गया. खबर के मुताबिक ठग संदीप सिंधु से मिले फर्जी अपॉइंटमेंट लेटर लेकर जब दोनों मेडिकल कराने के लिए नामकुम स्थित आर्मी कार्यालय पहुंचे तब पूरे मामले का खुलासा हुआ.

ये भी पढ़ें-अमेजॉन के नाम पर लगाते थे चूना, तीन आरोपी गिरफ्तार

पुलिस के ट्रैप में फंसा ठग

ठगी की जानकारी मिलते ही दोनों एथलीट ने आर्मी इंटेलीजेंस से संपर्क किया. जिसके बाद आर्मी इंटेलीजेंस और नामकुम पुलिस की टीम द्वारा आरोपी को पकड़ने के लिए जाल बिछाया गया. उसके बाद संदीप सिंधु को बकाया राशि देने के लिए दोनों पीड़ितों से फोन कर रांची बुलवाया गया. जैसे ही संदीप सिंधु सुखविंदर और जगरूप से पैसे लेने के लिए नामकुम पहुंचा पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. वहीं ठगी के शिकार दोनों युवकों से रांची में आर्मी इंटेलीजेंस के अधिकारी अभी भी पूछताछ कर रहे हैं.

आर्मी भर्ती में जाने वाले युवकों को बनाता था शिकार

9वीं पास संदीप सिंधु ट्रेन में सफाई करवाने का काम करता था. जुलाई से नवंबर 2020 तक वह हमसफर एक्सप्रेस में काम कर रहा था. इसी दौरान ट्रेन से सेना में बहाली में जाने वाले युवकों की वह तलाश में रहता था. उसकी ट्रेन में ही सुखविंदर सिंह और जगरूप सिंह मुलाकात हुई. जिसके बाद दोनों को संदीप ने झांसा दिया कि वह कई आर्मी के अधिकारियों को जानता है और वह उनकी नौकरी सेना में लगवा देगा. सेना में सोल्जर जनरल ड्यूटी की नौकरी दिलाने की बात हुई. संदीप ने इसके लिए दोनों से छह-छह लाख रुपये की मांग की. सुखविंदर और जगरूप को नौकरी की सख्त जरूरत थी इसलिए दोनों तैयार हो गए.

रिश्तेदारों के खाते में पैसे मंगवाता था संदीप

संदीप ठगी के पैसे अपने खाते में नहीं मंगवाता था बल्कि इसके लिए वे अपने रिश्तेदारों के खाते का इस्तेमाल करता था. संदीप ने सुखविंदर और जगरूप से भी अपने रिश्तेदारों खाते में ही पैसे मंगवाए थे. सुखविंदर के मुताबिक संदीप के रिश्तेदारों के खाते में उसने 3 लाख 19 हजार रुपये बहाली के नाम पर ट्रांसफर किए जबकि जगरूप ने 3 लाख 88 हजार 400 रूपये ट्रांसफर किए.

नेशनल लेवल चैंपियनशिप में जीत चुके हैं मेडल

ठगी के शिकार सुखविंदर और जगरूप दोनों दोस्त है. दोनों एथलीट (धावक) हैं. 2019 में आयोजित छठे नेशनल लेवल चैंपियनशिप में सुखविंदर 200 मीटर दौड़ में सिल्वर मेडल जीत चुके हैं. सुखविंदर ने बताया कि उनके पिता का निधन हो चुका है और उनकी एक बहन है. जिसकी शादी करनी है. इसलिए नौकरी की उसे सख्त जरूरत है. वहीं जगरूप ने बताया कि उसके पिता किसान है और घर की आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से उसे नौकरी की सख्त जरूरत थी. नौकरी की जरूरत के कारण ही वे ठगी के शिकार हुए.

रांची: सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के सरगना को नामकुम थाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया गया है. गिरफ्तार आरोपी का नाम संदीप सिंधु है जो उत्तर प्रदेश के झांसी का निवासी है. नौवीं पास संदीप सिंधु सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर कई युवकों को ठग चुका है.

नेशनल लेवल के एथलीट से ठगी

आरोपी संदीप सिंधु पर राष्ट्रीय स्तर के दो एथलीट सुखविंदर सिंह और जगरूप सिंह से भी ठगी का आरोप है. बताया जा रहा है कि सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर 6 लाख रुपये से ज्यादा की ठगी कर ली और इस घटना के बाद ही वो पुलिस के हत्थे चढ़ गया. खबर के मुताबिक ठग संदीप सिंधु से मिले फर्जी अपॉइंटमेंट लेटर लेकर जब दोनों मेडिकल कराने के लिए नामकुम स्थित आर्मी कार्यालय पहुंचे तब पूरे मामले का खुलासा हुआ.

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पुलिस के ट्रैप में फंसा ठग

ठगी की जानकारी मिलते ही दोनों एथलीट ने आर्मी इंटेलीजेंस से संपर्क किया. जिसके बाद आर्मी इंटेलीजेंस और नामकुम पुलिस की टीम द्वारा आरोपी को पकड़ने के लिए जाल बिछाया गया. उसके बाद संदीप सिंधु को बकाया राशि देने के लिए दोनों पीड़ितों से फोन कर रांची बुलवाया गया. जैसे ही संदीप सिंधु सुखविंदर और जगरूप से पैसे लेने के लिए नामकुम पहुंचा पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. वहीं ठगी के शिकार दोनों युवकों से रांची में आर्मी इंटेलीजेंस के अधिकारी अभी भी पूछताछ कर रहे हैं.

आर्मी भर्ती में जाने वाले युवकों को बनाता था शिकार

9वीं पास संदीप सिंधु ट्रेन में सफाई करवाने का काम करता था. जुलाई से नवंबर 2020 तक वह हमसफर एक्सप्रेस में काम कर रहा था. इसी दौरान ट्रेन से सेना में बहाली में जाने वाले युवकों की वह तलाश में रहता था. उसकी ट्रेन में ही सुखविंदर सिंह और जगरूप सिंह मुलाकात हुई. जिसके बाद दोनों को संदीप ने झांसा दिया कि वह कई आर्मी के अधिकारियों को जानता है और वह उनकी नौकरी सेना में लगवा देगा. सेना में सोल्जर जनरल ड्यूटी की नौकरी दिलाने की बात हुई. संदीप ने इसके लिए दोनों से छह-छह लाख रुपये की मांग की. सुखविंदर और जगरूप को नौकरी की सख्त जरूरत थी इसलिए दोनों तैयार हो गए.

रिश्तेदारों के खाते में पैसे मंगवाता था संदीप

संदीप ठगी के पैसे अपने खाते में नहीं मंगवाता था बल्कि इसके लिए वे अपने रिश्तेदारों के खाते का इस्तेमाल करता था. संदीप ने सुखविंदर और जगरूप से भी अपने रिश्तेदारों खाते में ही पैसे मंगवाए थे. सुखविंदर के मुताबिक संदीप के रिश्तेदारों के खाते में उसने 3 लाख 19 हजार रुपये बहाली के नाम पर ट्रांसफर किए जबकि जगरूप ने 3 लाख 88 हजार 400 रूपये ट्रांसफर किए.

नेशनल लेवल चैंपियनशिप में जीत चुके हैं मेडल

ठगी के शिकार सुखविंदर और जगरूप दोनों दोस्त है. दोनों एथलीट (धावक) हैं. 2019 में आयोजित छठे नेशनल लेवल चैंपियनशिप में सुखविंदर 200 मीटर दौड़ में सिल्वर मेडल जीत चुके हैं. सुखविंदर ने बताया कि उनके पिता का निधन हो चुका है और उनकी एक बहन है. जिसकी शादी करनी है. इसलिए नौकरी की उसे सख्त जरूरत है. वहीं जगरूप ने बताया कि उसके पिता किसान है और घर की आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से उसे नौकरी की सख्त जरूरत थी. नौकरी की जरूरत के कारण ही वे ठगी के शिकार हुए.

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