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हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति मामले पर अहम फैसला कल, पूर्ण पीठ में सूचीबद्ध है याचिका

झारखंड के हाई स्कूल मामले पर शुक्रवार को हाई कोर्ट में अहम फैसला लिया जा सकता है. याचिका पूर्ण पीठ में सूचीबद्ध किया गया है. पूर्व में मामले की सुनवाई के उपरांत आदेश सुरक्षित रख लिया गया था.

High school teacher appointment case
हाई कोर्ट में हाई स्कूल मामले में सुनवाई कल
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Published : Aug 20, 2020, 9:27 PM IST

रांचीः राज्य के हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति मामले पर हाई कोर्ट में अहम फैसला कल सुनाई जा सकती है, याचिका पूर्ण पीठ में सूचीबद्ध किया गया है. पूर्व में मामले की सुनवाई के उपरांत आदेश सुरक्षित रख लिया गया था, वहीं आदेश शुक्रवार को 21 अगस्त को सुनाया जा सकता है.

पूर्व में राज्य की नियोजन नीति को चुनौती देने वाली याचिका पर हाई कोर्ट की पूर्ण पीठ में सुनवाई हुई. अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के उपरांत आदेश सुरक्षित रख लिया था. न्यायाधीश एचसी मिश्रा, न्यायाधीश एच चंद्रशेखर और न्यायाधीश दीपक रोशन की अदालत में नियोजन नीति को चुनौती देने वाली याचिका सोनी कुमारी की ओर से अदालत को बताया गया था कि सरकार ने जो नियोजन नीति तैयार की है वह संवैधानिक और समानता के अधिकार के खिलाफ है. पूर्व में याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने इस नीति के तहत नियुक्ति करने पर रोक लगा दी है.

ये भी पढ़ें- महिला ने गांव के ही युवक पर लगाया दुष्कर्म का आरोप, पुलिस ने किया गिरफ्तार

राज्य में पलामू, गढ़वा, चतरा, हजारीबाग, रामगढ़, कोडरमा, गिरिडीह, बोकारो, धनबाद, गोड्डा और देवघर को गैर अधिसूचित जिलों में रखा गया है. जबकि सरकार की नियोजन नीति के आलोक में हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति के लिए प्रकाशित विज्ञापन में कहा गया है कि राज्य के 11 गैर अनुसूचित जिले के अभ्यर्थी 13 अनुसूचित जिलों में नियुक्ति के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं. 13 अनुसूचित जिलों के स्थानीय अभ्यर्थी अपने मूल जिले में ही आवेदन कर सकेंगे. सरकार की इस नीति से यहां के लोग अपने ही राज्य में नौकरी करने से वंचित हो जा रहे हैं. यह समानता के अधिकार के खिलाफ है.

रांचीः राज्य के हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति मामले पर हाई कोर्ट में अहम फैसला कल सुनाई जा सकती है, याचिका पूर्ण पीठ में सूचीबद्ध किया गया है. पूर्व में मामले की सुनवाई के उपरांत आदेश सुरक्षित रख लिया गया था, वहीं आदेश शुक्रवार को 21 अगस्त को सुनाया जा सकता है.

पूर्व में राज्य की नियोजन नीति को चुनौती देने वाली याचिका पर हाई कोर्ट की पूर्ण पीठ में सुनवाई हुई. अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के उपरांत आदेश सुरक्षित रख लिया था. न्यायाधीश एचसी मिश्रा, न्यायाधीश एच चंद्रशेखर और न्यायाधीश दीपक रोशन की अदालत में नियोजन नीति को चुनौती देने वाली याचिका सोनी कुमारी की ओर से अदालत को बताया गया था कि सरकार ने जो नियोजन नीति तैयार की है वह संवैधानिक और समानता के अधिकार के खिलाफ है. पूर्व में याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने इस नीति के तहत नियुक्ति करने पर रोक लगा दी है.

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राज्य में पलामू, गढ़वा, चतरा, हजारीबाग, रामगढ़, कोडरमा, गिरिडीह, बोकारो, धनबाद, गोड्डा और देवघर को गैर अधिसूचित जिलों में रखा गया है. जबकि सरकार की नियोजन नीति के आलोक में हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति के लिए प्रकाशित विज्ञापन में कहा गया है कि राज्य के 11 गैर अनुसूचित जिले के अभ्यर्थी 13 अनुसूचित जिलों में नियुक्ति के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं. 13 अनुसूचित जिलों के स्थानीय अभ्यर्थी अपने मूल जिले में ही आवेदन कर सकेंगे. सरकार की इस नीति से यहां के लोग अपने ही राज्य में नौकरी करने से वंचित हो जा रहे हैं. यह समानता के अधिकार के खिलाफ है.

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