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रांचीः फिजिकल कोर्ट शुरू करने के लिए हाई कोर्ट ने अधिवक्ताओं से मांगे विचार

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Published : Oct 27, 2020, 6:54 PM IST

झारखंड हाई कोर्ट ने करोना संकट के बीच ऑनलाइन और फिजिकल कोर्ट चलाने का निर्णय लिया है. इसके लिए हाई कोर्ट की ओर से एक नोटिस जारी कर अधिवक्ताओं से मंतव्य मांगा है

jharkhand high court
झारखंड हाई कोर्ट

रांची: झारखंड हाई कोर्ट में फिजिकल कोर्ट शुरू करने की तैयारी प्रारंभ कर दी गई है. अधिवक्ता के मन पर झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन प्रयोग के तौर पर जिन मामले में फिजिकल कोर्ट जरूरी है, उस मामलों के लिए नोटिस जारी कर अधिवक्ताओं से मंतव्य मांगा है. इसको लेकर अधिवक्ता ने अपना मंतव्य देना प्रारंभ कर दिया है.

हाई कोर्ट प्रशासन ने वकीलों से पूछा है कि वे किन मामलों में फिजिकल कोर्ट चाहते हैं? इसे कैसे शुरु किया जा सकता है? इसके लिए उन्हें लिखित आवेदन देना होगा और मामले के सभी पक्षों को लिखित आवेदन देने को कहा है. उनके आवेदन पर झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में गठित कमेटी पर निर्णय लेंगे उसके बाद फिजिकल कोर्ट प्रारंभ की जाएगी.

झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य नयायाधीश डाॅ रवि रंजन के आदेश पर झारखंड हाई कोर्ट के रजिस्टार जनरल अंबुज नाथ ने नोटिस जारी कर अधिवक्ता को अपना मंतव्य भी अपने आवेदन के साथ हाई कोर्ट प्रशासन के सामने जमा करने को कहा है. आवेदन में उन्हें यह बताना है कि उनका यह केस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नहीं की जा सकती है. उसमें कठिनाई है इसलिए इस केस की सुनवाई फिजिकल कोर्ट में हो उन्हें उस मामले के प्रतिवादी की अधिवक्ता की लिखित सहमति भी देनी होगी.

ये भी पढ़े- झारखंड में कोरोना संक्रमितों की संख्या 1 लाख के करीब, रिकवरी रेट में हुई बढ़ोतरी

हालांकि मार्च से कोरोना के इस वैश्विक संकट के कारण हुए लॉकडाउन को लेकर हाई कोर्ट में फिजिकल कोर्ट बंद कर दिया गया था. अभी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले पर सुनवाई चल रही है लेकिन अधिवक्ताओं ने अदालत में फिजिकल कोर्ट की मांग की है. उसी मांग को देखते हुए हाई कोर्ट ने फिजिकल कोर्ट कैसे शुरू किया जाए इसको लेकर मंतव्य मांगा है.

रांची: झारखंड हाई कोर्ट में फिजिकल कोर्ट शुरू करने की तैयारी प्रारंभ कर दी गई है. अधिवक्ता के मन पर झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन प्रयोग के तौर पर जिन मामले में फिजिकल कोर्ट जरूरी है, उस मामलों के लिए नोटिस जारी कर अधिवक्ताओं से मंतव्य मांगा है. इसको लेकर अधिवक्ता ने अपना मंतव्य देना प्रारंभ कर दिया है.

हाई कोर्ट प्रशासन ने वकीलों से पूछा है कि वे किन मामलों में फिजिकल कोर्ट चाहते हैं? इसे कैसे शुरु किया जा सकता है? इसके लिए उन्हें लिखित आवेदन देना होगा और मामले के सभी पक्षों को लिखित आवेदन देने को कहा है. उनके आवेदन पर झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में गठित कमेटी पर निर्णय लेंगे उसके बाद फिजिकल कोर्ट प्रारंभ की जाएगी.

झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य नयायाधीश डाॅ रवि रंजन के आदेश पर झारखंड हाई कोर्ट के रजिस्टार जनरल अंबुज नाथ ने नोटिस जारी कर अधिवक्ता को अपना मंतव्य भी अपने आवेदन के साथ हाई कोर्ट प्रशासन के सामने जमा करने को कहा है. आवेदन में उन्हें यह बताना है कि उनका यह केस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नहीं की जा सकती है. उसमें कठिनाई है इसलिए इस केस की सुनवाई फिजिकल कोर्ट में हो उन्हें उस मामले के प्रतिवादी की अधिवक्ता की लिखित सहमति भी देनी होगी.

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हालांकि मार्च से कोरोना के इस वैश्विक संकट के कारण हुए लॉकडाउन को लेकर हाई कोर्ट में फिजिकल कोर्ट बंद कर दिया गया था. अभी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले पर सुनवाई चल रही है लेकिन अधिवक्ताओं ने अदालत में फिजिकल कोर्ट की मांग की है. उसी मांग को देखते हुए हाई कोर्ट ने फिजिकल कोर्ट कैसे शुरू किया जाए इसको लेकर मंतव्य मांगा है.

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