रांची: झारखंड के गैर अनुसूचित जिलों के हाई स्कूल में संस्कृत शिक्षक नियुक्ति पर हाई कोर्ट गंभीर हो गया है. इस मामले में दायर अवमाननावाद याचिका पर झारखंड उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई. सभी पक्षों को सनने के बाद झारखंड उच्च न्यायालय ने संस्कृत शिक्षकों की नियुक्ति मामले में झारखंड सरकार को जवाब पेश करने का आदेश दिया है. उन्होंने स्पष्ट रूप से सरकार से कहा है कि जो भी निर्णय लेना है वह शीघ्र ले और Jharkhand high court को अवगत कराएं. मामले की अगली सुनवाई 19 जनवरी को तय की गई है, उस दिन मामले पर विस्तृत सुनवाई की जाएगी.
झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता अमृतांश बस ने बताया कि झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश डॉक्टर एसएन पाठक की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि इतिहास और नागरिक शास्त्र विषय के शिक्षकों की नियुक्ति अनुसूचित जिलों में कर दी गई है. लेकिन अभी तक राज्य सरकार द्वारा गैर अनुसूचित जिलों में संस्कृत एवं अन्य विषयों के शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है. जबकि इस संबंध में हाई कोर्ट ने आदेश जारी किया था.
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत से गुहार लगाई कि अदालत राज्य सरकार को आदेश दे कि वे शीघ्र इन विषयों के शिक्षक की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करे. इस पर झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के अधिवक्ता से यह जानना चाहा कि क्यों नहीं अभी तक नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गई. इस पर किसी भी प्रकार की कोई निर्णय क्यों नहीं लिया गया. सरकार के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि सरकार शीघ्र ही इस बिंदु पर निर्णय लेने जा रही है. इसलिए उन्होंने अदालत से समय की मांग की. अदालत ने उन्हें एक माह का समय दिया और अदालत को सरकार के निर्णय से अवगत कराने का निर्देश दिया.
यह है पूरा मामला
बता दें कि याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर संस्कृत शिक्षकों की नियुक्ति की मांग की थी. याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया था कि हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में अंतिम रूप से चयनित शख्स की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जानी है. इस पर अदालत ने राज्य सरकार को समय देते हुए निर्णय लेने का निर्देश दिया था. लेकिन राज्य सरकार ने उस पर कोई निर्णय नहीं लिया. उसके बाद याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में अवमाननावाद याचिका दायर की है. उसी याचिका पर सुनवाई हुई.