रांची: राज्य में लॉकडाउन के उल्लंघन के मामले पर हाई कोर्ट ने स्थानीय मीडिया में खबर आने पर स्वत संज्ञान लेकर जनहित याचिका में सुनवाई करने का आदेश दिया था. उसी जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने राज्य सरकार से पूछा कि यह कैसा लॉकडाउन है, जिसमें लोग एक शहर से दूसरे शहर चले जाते हैं ?
उन्होंने पूछा कि राजधानी रांची के हिंदपीढ़ी जिसमें कि सरकार का दावा है कि उसे पूरी तरह लॉकडाउन कर दिया गया है, और वहां काफी संख्या में संक्रमित मिले हैं. वैसी जगह से 5 लोग लोहरदगा पहुंच जाते हैं. यह कैसा लॉकडाउन हो सकता है. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन आवश्यक है, लेकिन इस तरह से लॉकडाउन का उल्लंघन हुआ तो राज्य सरकार संक्रमण को रोकने में कैसे सफल हो पाएगा.
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सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने पक्ष रखते हुए अदालत से मामले में विस्तृत जवाब देने के लिए समय की मांग की. अदालत ने उनकी मांग को स्वीकार करते हुए उन्हें 24 अप्रैल तक मामले में विस्तृत जवाब पेश करने का आदेश दिया है. बता दें कि राज्य में लॉकडाउन के उल्लंघन के मामले स्थानीय मीडिया में आने पर झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी ने संज्ञान लेते हुए इसे जनहित याचिका में बदलकर सुनवाई करने का निर्देश दिया था.
अगली सुनवाई 24 अप्रैल को
उस याचिका पर पूर्व में नोटिस जारी कर राज्य सरकार के मुख्य सचिव, रांची डीसी और एसएसपी रांची से जवाब मांगा गया था, लेकिन उनकी ओर से जवाब पेश नहीं किया जा सका. जवाब के लिए महाधिवक्ता ने समय की मांग की. अदालत ने उनके आग्रह पर समय देते हुए उन्हें विस्तृत जवाब पेश करने का आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 24 अप्रैल को होगी.