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हेमंत सोरेन ने उठाए डबल इंजन सरकार पर सवाल, सीएम को लिखा खुला पत्र

नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को एक 'ओपन लेटर' लिखा है. इस खुले पत्र में हेमंत सोरेन ने किसान की खुदकुशी के मामले का जिक्र किया है. सोरेन ने कहा है कि किसान की बूढ़ी मां को वृद्धा पेंशन तक नहीं मिल रहा है.

हेमंत सोरेन
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Published : Aug 1, 2019, 6:46 PM IST

रांची: झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को एक 'ओपन लेटर' लिखा है. गुरुवार को भी मुख्यमंत्री को भेजे गए इस खुले पत्र में उन्होंने चान्हो प्रखंड के पतरातू गांव में सुसाइड करने वाले किसान की 80 साल की बूढ़ी मां को वृद्धा पेंशन तक नहीं मिलने का जिक्र किया है.

देखें पूरी खबर

'बकायेदारों का दबाव था'
लगभग चार पन्नों के अपने खुले पत्र में सोरेन ने लिखा है कि वह खुद पतरातू गांव गए और उन्होंने मनरेगा कुआं खोदने के एवज में भुगतान नहीं होने के कारण सुसाइड करने वाले किसान लखन महतो के परिवारवालों से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि कुआं की प्राक्कलित राशि 3.54 लाख थी, लेकिन उसे महज 201000 रुपए का ही पेमेंट मिला. जबकि बाकी के पैसों के लिए वह लगातार ब्लॉक का चक्कर लगाता रहा, लेकिन उसे एक रुपए का भी भुगतान नहीं मिला. सोरेन ने कहा कि एक तरफ सुसाइड करने वाले किसान के ऊपर बकायेदारों का दबाव था. दूसरी तरफ रोजी रोटी की चिंता थी.

'अपने बनाए कुएं में कूदकर लखन ने जान दे दी'
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पूरे परिवार ने जो व्यथा उनके सामने रखी वह सरकारी व्यवस्था की पोल खोलने जैसा था. सोरेन ने पत्र में लिखा है कि अपने बनाए कुएं में कूदकर लखन ने जान दे दी. उन्होंने कहा कि चान्हों के पतरातू पंचायत का भी जायजा लिया तो जो तस्वीर सामने आई वह चौंकाने वाली थी.

'लखन भी उन्हीं 18 लाभुकों में से एक था'
सोरेन ने कहा कि 25 लाभुकों को मनरेगा के अंतर्गत सामग्री मद में 45 लाख रुपए का भुगतान नहीं किया गया. जिसमें से 18 लाभुक पतरातू पंचायत के ही थे और इनके भुगतान के लिए 13 जून 2019 को रांची के डीडीसी को पत्र भी भेजा गया है. लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि सुसाइड करने वाला लखन भी उन्हीं 18 लाभुकों में से एक था.

'ब्लॉक हेड क्वार्टर में अनियमितता'
सोरेन ने कहा कि लखन महतो की 80 वर्षीय मां को भी सरकारी सिस्टम ने ओल्ड एज पेंशन के लायक नहीं समझा. मुख्यमंत्री पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि इस पत्र के माध्यम से उन्होंने डबल इंजन के सरकार की सच्चाई की एक बानगी रखने की कोशिश की है. साथ ही उन्होंने सीएम से ब्लॉक हेड क्वार्टर में व्याप्त अनियमितताओं पर काबू करने की कोशिश करने को भी कहा है.

ये भी पढ़ें- पहले तलाक, फिर हलाला और फिर तलाक, सुनिए दर्द की कहानी पीड़िता की जुबानी

पतरातू गांव की घटना
नेता प्रतिपक्ष ने अपने पत्र में लिखा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उसके परिवार को एक घर दिया जाए और वृद्धा पेंशन का लाभुक बनाया जाए. साथ ही परिवार को देय बीमा राशि का भुगतान भी जल्द किया जाना चाहिए. बता दें कि पतरातू गांव में पिछले दिनों मनरेगा कुआं खोदने वाले लखन महतो ने उसी कुएं में कूदकर जान दे दी. जिसे उसने इस योजना के तहत खुदाई की थी. लखन को स्कीम के तहत मिलने वाले पैसों का भुगतान नहीं किया गया था. इसी वजह से उसने कुएं में कूदकर अपनी जान दे दी.

रांची: झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को एक 'ओपन लेटर' लिखा है. गुरुवार को भी मुख्यमंत्री को भेजे गए इस खुले पत्र में उन्होंने चान्हो प्रखंड के पतरातू गांव में सुसाइड करने वाले किसान की 80 साल की बूढ़ी मां को वृद्धा पेंशन तक नहीं मिलने का जिक्र किया है.

देखें पूरी खबर

'बकायेदारों का दबाव था'
लगभग चार पन्नों के अपने खुले पत्र में सोरेन ने लिखा है कि वह खुद पतरातू गांव गए और उन्होंने मनरेगा कुआं खोदने के एवज में भुगतान नहीं होने के कारण सुसाइड करने वाले किसान लखन महतो के परिवारवालों से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि कुआं की प्राक्कलित राशि 3.54 लाख थी, लेकिन उसे महज 201000 रुपए का ही पेमेंट मिला. जबकि बाकी के पैसों के लिए वह लगातार ब्लॉक का चक्कर लगाता रहा, लेकिन उसे एक रुपए का भी भुगतान नहीं मिला. सोरेन ने कहा कि एक तरफ सुसाइड करने वाले किसान के ऊपर बकायेदारों का दबाव था. दूसरी तरफ रोजी रोटी की चिंता थी.

'अपने बनाए कुएं में कूदकर लखन ने जान दे दी'
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पूरे परिवार ने जो व्यथा उनके सामने रखी वह सरकारी व्यवस्था की पोल खोलने जैसा था. सोरेन ने पत्र में लिखा है कि अपने बनाए कुएं में कूदकर लखन ने जान दे दी. उन्होंने कहा कि चान्हों के पतरातू पंचायत का भी जायजा लिया तो जो तस्वीर सामने आई वह चौंकाने वाली थी.

'लखन भी उन्हीं 18 लाभुकों में से एक था'
सोरेन ने कहा कि 25 लाभुकों को मनरेगा के अंतर्गत सामग्री मद में 45 लाख रुपए का भुगतान नहीं किया गया. जिसमें से 18 लाभुक पतरातू पंचायत के ही थे और इनके भुगतान के लिए 13 जून 2019 को रांची के डीडीसी को पत्र भी भेजा गया है. लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि सुसाइड करने वाला लखन भी उन्हीं 18 लाभुकों में से एक था.

'ब्लॉक हेड क्वार्टर में अनियमितता'
सोरेन ने कहा कि लखन महतो की 80 वर्षीय मां को भी सरकारी सिस्टम ने ओल्ड एज पेंशन के लायक नहीं समझा. मुख्यमंत्री पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि इस पत्र के माध्यम से उन्होंने डबल इंजन के सरकार की सच्चाई की एक बानगी रखने की कोशिश की है. साथ ही उन्होंने सीएम से ब्लॉक हेड क्वार्टर में व्याप्त अनियमितताओं पर काबू करने की कोशिश करने को भी कहा है.

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पतरातू गांव की घटना
नेता प्रतिपक्ष ने अपने पत्र में लिखा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उसके परिवार को एक घर दिया जाए और वृद्धा पेंशन का लाभुक बनाया जाए. साथ ही परिवार को देय बीमा राशि का भुगतान भी जल्द किया जाना चाहिए. बता दें कि पतरातू गांव में पिछले दिनों मनरेगा कुआं खोदने वाले लखन महतो ने उसी कुएं में कूदकर जान दे दी. जिसे उसने इस योजना के तहत खुदाई की थी. लखन को स्कीम के तहत मिलने वाले पैसों का भुगतान नहीं किया गया था. इसी वजह से उसने कुएं में कूदकर अपनी जान दे दी.

Intro:रांची। झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को एक 'ओपन लेटर' लिखा है। गुरुवार को भी मुख्यमंत्री को भेजे गए इस खुले पत्र में उन्होंने चान्हो प्रखंड के पतरातू गांव में सुसाइड करने वाले किसान की 80 साल की बूढ़ी मां को वृद्धावस्था पेंशन तक नहीं मिलती।
लगभग 4 पन्नों के अपने खुले पत्र में सोरेन ने लिखा है कि वह खुद पतरातू गांव गए और उन्होंने मनरेगा कुआं खोदने के एवज में भुगतान नहीं होने के कारण सुसाइड करने वाले किसान लखन महतो के परिवार वालों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि कुआं की प्राक्कलित राशि 3.54 लाख थी लेकिन उसे महज 201000 रुपए का ही पेमेंट मिला। जबकि बाकी के पैसों के लिए वह लगातार ब्लॉक का चक्कर लगाता रहा लेकिन उसे एक रुपये का भी भुगतान नहीं मिला। सोरेन ने कहा कि एक तरफ सुसाइड करने वाले किसान के ऊपर बकायेदारों का दबाव था दूसरी तरफ रोजी रोटी की चिंता थी।


Body:नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पूरे परिवार ने जो व्यथा उनके सामने रखी वह सरकारी व्यवस्था की पोल खोलने जैसा था। सोरेन ने पत्र में लिखा है कि अपने बनाए कुएं में कूदकर लखन ने जान दे दी। उन्होंने कहा कि चानहों के पतरातु पंचायत का भी जायजा लिया तो जो तस्वीर सामने आई वह चौंकाने वाली थी। सोरेन ने कहा कि 25 लाभुकों को मनरेगा के अंतर्गत सामग्री मद में 45 लाख रुपये का भुगतान नहीं किया गया। जिसमें से 18 लाभुक पतरातु पंचायत के ही थे और इनके भुगतान के लिए 13 जून 2019 को रांची के डीडीसी को पत्र भी भेजा गया है लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि सुसाइड करने वाला लखन भी उन्हें 18 लाभुकों में से एक था।


Conclusion:सोरेन ने कहा कि लखन महतो की 80 वर्षीय मां भी को भी सरकारी सिस्टम ने ओल्ड एज पेंशन के लायक नहीं समझा। मुख्यमंत्री के ऊपर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि इस पत्र के माध्यम से उन्होंने डबल इंजन के सरकार की सच्चाई की एक बानगी रखने की कोशिश की है। साथ ही उन्होंने सीएम से ब्लॉक हेड क्वार्टर में व्याप्त अनियमितताओं पर काबू करने की कोशिश करने को भी कहा है। नेता प्रतिपक्ष ने अपने पत्र में लिखा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उसके परिवार को एक घर दिया जाए और वृद्धावस्था पेंशन का लाभुक बनाया जाए। साथ ही परिवार को देय बीमा राशि का भुगतान भी जल्द किया जाना चाहिए। बता दें कि पतरातू गांव में पिछले दिनों मनरेगा कुआं खोदने वाले लखन महतो ने उसी कुएं में कूदकर जान दे दी जिसे उसने इस योजना के तहत खुदाई की थी। लखन को स्कीम के तहत मिलने वाले पैसों का भुगतान नहीं किया गया था। इसी वजह आए उसने कुएं में कूदकर अपनी जान दे दी।
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