रांची: झारखंड हाई कोर्ट के नए भवन निर्माण के मामले पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार को अंतिम मौका देते हुए एक बार फिर से 1 महीने का समय देते हुए शीघ्र टेंडर प्रक्रिया पूर्ण कर निर्माण कार्य शुरू करने का निर्देश दिया है. साथ ही शपथ पत्र के माध्यम से अदालत में जवाब पेश करने का आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 13 अगस्त को तय की गई है.
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झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद और न्यायाधीश रत्नाकर भेंगरा की अदालत में झारखंड हाई कोर्ट के नए भवन निर्माण के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने नए हाई कोर्ट भवन निर्माण के बचे हुए काम को पूर्ण करने में हो रही लेट-लतीफी पर अदालत ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की. राज्य सरकार की ओर से अदालत में जानकारी दी गई कि बचे हुए कार्य के लिए जो टेंडर करना है वह शीघ्र ही कर लिया जाएगा.
एक महीने में पूरा होगा निर्माण कार्य
राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि 1 महीने में टेंडर कर बचे हुए निर्माण कार्य को भी पूरा कर दिया जाएगा. अदालत ने उनके इस आग्रह को स्वीकार करते हुए अंतिम मौका के रूप में यह समय दिया है और उन्हें नहीं कहा है कि 1 माह में टेंडर प्रक्रिया पूर्ण का निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ करें और शपथ पत्र के माध्यम से अदालत को इसकी जानकारी दें.
अधिवक्ता राजीव कुमार ने दायर की थी पीआईएल
झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार ने हाई कोर्ट के नए भवन निर्माण में गड़बड़ी को लेकर एक जनहित याचिका दायर की है. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने पूर्व में राज्य सरकार को नवनिर्मित भवन को पूर्ण करने के लिए काम प्रारंभ करने का आदेश दिया था. उसी मामले में सरकार ने नए भवन के बाकी निर्माण कार्य को पूर्ण करने के मामले में अदालत को जानकारी दी कि 1 महीने में बचे हुए कार्य के निर्माण पूर्ण के लिए टेंडर प्रक्रिया पूर्ण कर दी जाएगी और कार्य भी प्रारंभ कर दी जाएगी. अदालत ने उन्हें समय देते हुए जवाब पेश करने को कहा है.