रांची: सदर अस्पताल में कोविड-19 के संक्रमितों के बेड पर पाइप के माध्यम से ऑक्सीजन पहुंचाने के कार्य में हो रही देरी पर झारखंड हाई कोर्ट ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है. इसके साथ ही कोर्ट ने कंपनी को कड़ी फटकार लगाई है. अदालत ने सरकार और कंपनी को सख्त हिदायत देते हुए कहा कि 10 दिन के अंदर अगर कार्य पूरा नहीं हुआ तो अदालत कड़ा रुख अपनाएगी.
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कंपनी से पूछा सवाल
अदालत ने काम कर रहे कंपनी से पूछा कि अस्पताल में ऑक्सीजन बेड के स्टोरेज टैंक और पाइप की व्यवस्था कब तक कर दी जाएगी? यह अदालत को कल तक शपथ पत्र के माध्यम से बताएं. मामले पर कल फिर सुनवाई होगी. अदालत ने मामले में सेल बोकारो और केंद्र सरकार को भी ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक की वैकल्पिक व्यवस्था करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही यह भी पूछा है कि यह व्यवस्था भाड़े पर भी की जा सकती है?
कंपनी के जवाब पर अदालत ने की असंतुष्टि जाहिर
झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार और कंपनी के जवाब पर अदालत ने असंतुष्टि जाहिर की. उन्होंने कहा कि ऐसे संक्रमण के समय में काम में संजीदगी बरतनी चाहिए. मामले की सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता राजीव रंजन ने पक्ष रखा. मामले की कल फिर सुनवाई होगी.
हाई कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की
झारखंड हाई कोर्ट में सदर अस्पताल में ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति के बिंदु पर 3 अप्रैल को सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार और कंपनी को कोविड-19 संक्रमितों के बेड तक ऑक्सीजन हर हाल में पहुंचाने का निर्देश दिया था, लेकिन कंपनी की ओर से अभी तक कार्य पूरा नहीं किया गया है. कंपनी के इस तरह के ढुलमुल रवैए पर झारखंड हाई कोर्ट ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है और सख्त हिदायत दी है कि आदेश की अवहेलना होने पर अदालत सख्त कदम उठाएगा.
झारखंड हाई कोर्ट ने रांची सदर अस्पताल में 300 बेड चालू न किए जाने पर प्रार्थी ज्योति शर्मा की ओर से हाई कोर्ट में अवमाननावाद याचिका सुनवाई की थी. उसी याचिका पर पूर्व में सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार और कंपनी को शीघ्र ही मामले में कार्य पूरा कर अदालत को अवगत कराने का निर्देश दिया था लेकिन अभी तक कंपनी की ओर से कार्य पूरा नहीं किया गया है. मामले की सुनवाई गुरुवार को फिर होगी.