रांची: धनबाद के केंद्रीय विद्यालय के दिव्यांग शिक्षक के स्थानांतरण पर रोक लगाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद स्थानांतरण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. साथ ही शिक्षक को 15 दिन में स्थानांतरित विद्यालय में जाकर योगदान देने को कहते हुए याचिका को निष्पादित कर दिया है.
'कोविड-19 के इस हालात में दिव्यांग शिक्षक का स्थानांतरण किया जाना उचित नहीं'
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश डॉ एसएन पाठक की अदालत में धनबाद केंद्रीय विद्यालय के दिव्यांग शिक्षक रंजीत कुमार सिंह की याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश ने अपने कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले पर सुनवाई की. वहीं, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और सरकार के अधिवक्ता अपने-अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि कोविड-19 के इस हालात में दिव्यांग शिक्षक का स्थानांतरण किया जाना उचित नहीं है. इसलिए उन्होंने इस स्थानांतरण पर रोक लगाने की मांग की और स्थानांतरण को रद्द करने का आग्रह किया. अदालत ने उनके आग्रह को अस्वीकार करते हुए किसी भी प्रकार का राहत देने से इनकार करते हुए कहा कि वह 15 दिन के अंदर अपने स्थानांतरित विद्यालय में योगदान दें.
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दोनों पक्षों को सुनने के बाद याचिका को निष्पादित कर दिया
बता दें कि धनबाद के केंद्रीय विद्यालय के दिव्यांग शिक्षक रंजीत कुमार सिंह का स्थानांतरण मैथन केंद्रीय विद्यालय किया गया था. स्थानांतरण की उसी आदेश को उन्होंने झारखंड हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद याचिका को निष्पादित कर दिया है.