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कोरोना जांच रिपोर्ट में लेट-लतीफी पर झारखंड हाई कोर्ट चिंतित, सरकार को तेजी लाने का आदेश

झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में कोरोना के मरीजोंं की जांच रिपोर्ट आने में हो रही देरी पर सुनवाई हुई. बता दें कि कोर्ट ने राज्य सरकार को शीघ्र ही रिपोर्ट देने में तेजी लाने का आदेश दिया है.

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झारखंड हाई कोर्ट
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Published : Aug 7, 2020, 5:43 PM IST

रांची: राज्य में कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण में मरीजों की रिपोर्ट में हो रहे लेट-लतीफी के बिंदु पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने राज्य सरकार के रिपोर्ट देने में जो देरी की जा रही है, इसको लेकर चिंता व्यक्त की. उन्होंने राज्य सरकार को शीघ्र ही रिपोर्ट देने में तेजी लाने का आदेश दिया है, साथ ही कम से कम समय में कैसे रिपोर्ट दिया जाए इसकी व्यवस्था करने को कहा है. अदालत ने माना कि रिपोर्ट देने में जितनी देर की जा रही है, संक्रमण उतना ही बढ़ने की आशंका होती है. अदालत ने राज्य सरकार को मामले में अद्यतन विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को कहा है.

देखें पूरी खबर
जांच रिपोर्ट आने में हो रही देरी पर सुनवाई
झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में कोरोना के मरीजोंं की जांच रिपोर्ट आने में हो रही देरी पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश आपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई की. वहीं, सरकार के महाधिवक्ता राजीव रंजन और अन्य अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा.

ये भी पढ़ें- मुख्यमंत्री अचानक पहुंचे पुलिस मुख्यालय, मुख्यालय का कर रहे निरीक्षण


'जांच रिपोर्ट आने में देरी क्यों'

अदालत ने सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता से पूछा कि इतनी देर जांच रिपोर्ट आने में क्यों लगती है. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में इतनी देर लगने के कारण जब तक उन्हें जानकारी होती है, या रोका जाता है. उन्हें तब तक वह कई लोगों तक संक्रमण फैला सकते हैं, इस लिए सरकार को जांच रिपोर्ट शीघ्र देने के लिए उचित व्यवस्था करना चाहिए. वहीं, अधिवक्ता ने अदालत को जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार पलामू, हजारीबाग और संथाल परगना में नए जांच सेंटर खोलने की बात कही थी, लेकिन अभी तक वह सही से नहीं खुल सका है.

सरकार काम कर रही है

वहीं, हजारीबाग की जांच सेंटर ने ही सिर्फ काम करना शुरू किया है, जबकि इतने दिन बीत जाने के बावजूद भी संथाल परगना और पलामू में जांच सेंटर काम नहीं कर रहा है. सरकार की ओर से बताया गया कि जांच सेंटर के कर्मचारी के संक्रमित हो जाने के कारण कई जांच सेंटर तत्काल बंद कर दिए जाते हैं. उसे सेनेटाइज कर फिर से शुरू किया जाता है, इस लिए कुछ देर हो जाता है. इस पर सरकार काम कर रही है, जल्द से जल्द जांच रिपोर्ट देगी.

ये भी पढ़ें- महान रचनाकार रवींद्रनाथ टैगोर की पुण्यतिथि, सीएम हेमंत सोरेन, अर्जुन मुंडा और बाबूलाल ने किया नमन

जांच में तेजी लाने का आदेश
बता दें कि हाई कोर्ट के अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा के पत्र पर कोरोना इलाज की तैयारी को लेकर झारखंड हाई कोर्ट ने स्वता संज्ञान लिया था. उसी स्वता संज्ञान याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार को जांच में तेजी लाने का आदेश दिया है.

रांची: राज्य में कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण में मरीजों की रिपोर्ट में हो रहे लेट-लतीफी के बिंदु पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने राज्य सरकार के रिपोर्ट देने में जो देरी की जा रही है, इसको लेकर चिंता व्यक्त की. उन्होंने राज्य सरकार को शीघ्र ही रिपोर्ट देने में तेजी लाने का आदेश दिया है, साथ ही कम से कम समय में कैसे रिपोर्ट दिया जाए इसकी व्यवस्था करने को कहा है. अदालत ने माना कि रिपोर्ट देने में जितनी देर की जा रही है, संक्रमण उतना ही बढ़ने की आशंका होती है. अदालत ने राज्य सरकार को मामले में अद्यतन विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को कहा है.

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जांच रिपोर्ट आने में हो रही देरी पर सुनवाई
झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में कोरोना के मरीजोंं की जांच रिपोर्ट आने में हो रही देरी पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश आपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई की. वहीं, सरकार के महाधिवक्ता राजीव रंजन और अन्य अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा.

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'जांच रिपोर्ट आने में देरी क्यों'

अदालत ने सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता से पूछा कि इतनी देर जांच रिपोर्ट आने में क्यों लगती है. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में इतनी देर लगने के कारण जब तक उन्हें जानकारी होती है, या रोका जाता है. उन्हें तब तक वह कई लोगों तक संक्रमण फैला सकते हैं, इस लिए सरकार को जांच रिपोर्ट शीघ्र देने के लिए उचित व्यवस्था करना चाहिए. वहीं, अधिवक्ता ने अदालत को जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार पलामू, हजारीबाग और संथाल परगना में नए जांच सेंटर खोलने की बात कही थी, लेकिन अभी तक वह सही से नहीं खुल सका है.

सरकार काम कर रही है

वहीं, हजारीबाग की जांच सेंटर ने ही सिर्फ काम करना शुरू किया है, जबकि इतने दिन बीत जाने के बावजूद भी संथाल परगना और पलामू में जांच सेंटर काम नहीं कर रहा है. सरकार की ओर से बताया गया कि जांच सेंटर के कर्मचारी के संक्रमित हो जाने के कारण कई जांच सेंटर तत्काल बंद कर दिए जाते हैं. उसे सेनेटाइज कर फिर से शुरू किया जाता है, इस लिए कुछ देर हो जाता है. इस पर सरकार काम कर रही है, जल्द से जल्द जांच रिपोर्ट देगी.

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जांच में तेजी लाने का आदेश
बता दें कि हाई कोर्ट के अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा के पत्र पर कोरोना इलाज की तैयारी को लेकर झारखंड हाई कोर्ट ने स्वता संज्ञान लिया था. उसी स्वता संज्ञान याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार को जांच में तेजी लाने का आदेश दिया है.

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