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नाबालिग को एसिड पिलाने के मामले पर हाई कोर्ट में सुनवाई, पीड़ित को अदालत में पेश करने का निर्देश - हजारीबाग में बच्ची को एसिड पिलाने पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई

हजारीबाग की एक नाबालिग बच्ची को शौचालय साफ करने वाले एसिड पिलाने के मामले में झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान सरकार की ओर से मामले में केस डायरी पेश किया गया. अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 6 नवंबर को निर्धारित किया है.

Hearing in Jharkhand High Court on acid feeding of girl in hazaribag, news of Jharkhand High Court, हजारीबाग में बच्ची को एसिड पिलाने पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई,  झारखंड हाई कोर्ट की खबरें
झारखंड हाई कोर्ट
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Published : Oct 20, 2020, 7:47 PM IST

रांची: हजारीबाग की एक नाबालिग लड़की को शौचालय साफ करने वाले एसिड पिलाने के मामले में हाई कोर्ट की ओर से लिए गए स्वतः संज्ञान याचिका पर मुख्य न्यायाधीश की बेंच में सुनवाई हुई. अदालत ने हजारीबाग के डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी को 6 नवंबर को सुनवाई के दौरान पीड़ित को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित करने को कहा है. अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज को भी सुनवाई के दौरान पक्ष रखने को कहा है.

जानकारी देते अधिवक्ता धीरज कुमार
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाईझारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में हजारीबाग की एक नाबालिग को एसिड पिलाने के मामले में लिए गए स्वतः संज्ञान याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की गई. न्यायाधीश ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से मामले में केस डायरी पेश किया गया. अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 6 नवंबर को निर्धारित किया है. उन्होंने अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज को भी सुनवाई के दौरान अपना पक्ष रखने को कहा है. साथ ही हजारीबाग के डिस्टिक लीगल सर्विस अथॉरिटी को 6 नवंबर को सुनवाई के दौरान पीड़ित को भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित होने को कहा है.

ये भी पढ़ें- कोरोना से अकेलापन का शिकार हो रहे लोग, मानसिक तनाव में आम आदमी


केस डायरी पेश
हाई कोर्ट के अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा था कि हजारीबाग में एक नाबालिग को एसिड पिलाया गया, यह दुखद स्थिति है और कुछ नहीं हो पा रहा है. अधिवक्ता के उस पत्र पर हाई कोर्ट ने मामले में स्वता संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका में बदलकर सुनवाई करने का आदेश दिया. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान एसपी हजारीबाग और केस के जांच पदाधिकारी हाजिर हुए अदालत में मामले में केस डायरी पेश की गई है.

रांची: हजारीबाग की एक नाबालिग लड़की को शौचालय साफ करने वाले एसिड पिलाने के मामले में हाई कोर्ट की ओर से लिए गए स्वतः संज्ञान याचिका पर मुख्य न्यायाधीश की बेंच में सुनवाई हुई. अदालत ने हजारीबाग के डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी को 6 नवंबर को सुनवाई के दौरान पीड़ित को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित करने को कहा है. अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज को भी सुनवाई के दौरान पक्ष रखने को कहा है.

जानकारी देते अधिवक्ता धीरज कुमार
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाईझारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में हजारीबाग की एक नाबालिग को एसिड पिलाने के मामले में लिए गए स्वतः संज्ञान याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की गई. न्यायाधीश ने अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से मामले में केस डायरी पेश किया गया. अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 6 नवंबर को निर्धारित किया है. उन्होंने अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज को भी सुनवाई के दौरान अपना पक्ष रखने को कहा है. साथ ही हजारीबाग के डिस्टिक लीगल सर्विस अथॉरिटी को 6 नवंबर को सुनवाई के दौरान पीड़ित को भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित होने को कहा है.

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केस डायरी पेश
हाई कोर्ट के अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा था कि हजारीबाग में एक नाबालिग को एसिड पिलाया गया, यह दुखद स्थिति है और कुछ नहीं हो पा रहा है. अधिवक्ता के उस पत्र पर हाई कोर्ट ने मामले में स्वता संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका में बदलकर सुनवाई करने का आदेश दिया. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान एसपी हजारीबाग और केस के जांच पदाधिकारी हाजिर हुए अदालत में मामले में केस डायरी पेश की गई है.

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