रांची: हजारीबाग की एक नाबालिग लड़की को शौचालय साफ करने वाले एसिड पिलाने के मामले में हाई कोर्ट की ओर से लिए गए स्वतः संज्ञान याचिका पर मुख्य न्यायाधीश की बेंच में सुनवाई हुई. अदालत ने हजारीबाग के डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी को 6 नवंबर को सुनवाई के दौरान पीड़ित को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित करने को कहा है. अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज को भी सुनवाई के दौरान पक्ष रखने को कहा है.
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केस डायरी पेश
हाई कोर्ट के अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा था कि हजारीबाग में एक नाबालिग को एसिड पिलाया गया, यह दुखद स्थिति है और कुछ नहीं हो पा रहा है. अधिवक्ता के उस पत्र पर हाई कोर्ट ने मामले में स्वता संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका में बदलकर सुनवाई करने का आदेश दिया. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान एसपी हजारीबाग और केस के जांच पदाधिकारी हाजिर हुए अदालत में मामले में केस डायरी पेश की गई है.