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34वें राष्ट्रीय खेल घोटाला मामले में झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई, आरके आनंद की याचिका पर फैसला सुरक्षित

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Published : Jan 14, 2020, 9:57 PM IST

34वें राष्ट्रीय खेल घोटाला मामले पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. न्यायाधीश अनुभा रावत चौधरी की अदालत ने आरोपी आरके आनंद की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है.

National Sports Scam case
झारखंड हाई कोर्ट

रांची: 34वें राष्ट्रीय खेल घोटाला मामले पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई न्यायाधीश अनुभा रावत चौधरी की अदालत में हुई. 34वें राष्ट्रीय खेल घोटाला मामले के आरोपी आरके आनंद की याचिका पर अदालत ने सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है. इस मामले में 22 जनवरी को फैसला सुनाया जाएगा.

देखिए पूरी खबर

इस दौरान आरोपी आरके आनंद ने अदालत में अपना पक्ष खुद रखा. अदालत में सुनवाई के दौरान आरके आनंद ने बताया कि 34वें राष्ट्रीय खेल घोटाला मामले में उनका नाम प्राथमिकी में नहीं था. जांच के बाद उनका नाम जोड़ा गया है. जांच के बाद एसीबी ने निचली अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी. इस पर अदालत ने संज्ञान लेते हुए उन्हें सम्मन जारी किया है. निचली अदालत ने बिना नियमों का पालन किए ही संज्ञान लिया है. इसलिए मामले को निरस्त कर देना चाहिए. वहीं, आरके आनंद के दलील पर एसीबी की ओर से विरोध किया गया.

ये भी पढ़ें: साहिबगंज की लड़की को दलाल ने दिल्ली में बेचा, इस तरह बचाई आबरू
एसीबी के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि टेंडर कमेटी के सदस्य होने के नाते घोटाले में इनकी भी भागीदारी थी. नेशनल गेम ऑर्गेनाइजिंग कमिटी के चेयरमैन के साथ-साथ आरके आनंद उस दौरान आईओसी से भी जुड़े थे. ऐसे में 5 लाख तक के हुए भुगतान को रोका जा सकता था. मंगलवार को दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी कर ली गई. इसके बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.

रांची: 34वें राष्ट्रीय खेल घोटाला मामले पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई न्यायाधीश अनुभा रावत चौधरी की अदालत में हुई. 34वें राष्ट्रीय खेल घोटाला मामले के आरोपी आरके आनंद की याचिका पर अदालत ने सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है. इस मामले में 22 जनवरी को फैसला सुनाया जाएगा.

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इस दौरान आरोपी आरके आनंद ने अदालत में अपना पक्ष खुद रखा. अदालत में सुनवाई के दौरान आरके आनंद ने बताया कि 34वें राष्ट्रीय खेल घोटाला मामले में उनका नाम प्राथमिकी में नहीं था. जांच के बाद उनका नाम जोड़ा गया है. जांच के बाद एसीबी ने निचली अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी. इस पर अदालत ने संज्ञान लेते हुए उन्हें सम्मन जारी किया है. निचली अदालत ने बिना नियमों का पालन किए ही संज्ञान लिया है. इसलिए मामले को निरस्त कर देना चाहिए. वहीं, आरके आनंद के दलील पर एसीबी की ओर से विरोध किया गया.

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एसीबी के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि टेंडर कमेटी के सदस्य होने के नाते घोटाले में इनकी भी भागीदारी थी. नेशनल गेम ऑर्गेनाइजिंग कमिटी के चेयरमैन के साथ-साथ आरके आनंद उस दौरान आईओसी से भी जुड़े थे. ऐसे में 5 लाख तक के हुए भुगतान को रोका जा सकता था. मंगलवार को दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी कर ली गई. इसके बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.

Intro:रांची

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34 वें राष्ट्रीय खेल घोटाला मामले पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई मामले की सुनवाई न्यायाधीश अनुभा रावत चौधरी की अदालत में हुई 34 वें राष्ट्रीय खेल घोटाला मामले के आरोपी आर के आनंद की याचिका पर अदालत ने सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है इस मामले में 22 जनवरी को फैसला सुनाया जाएगा इस दौरान आरोपित आरके आनंद ने अदालत में अपना पक्ष स्वयं रखा।अदालत में सुनवाई के दौरान आरके आनंद ने बताया कि 34 वें राष्ट्रीय खेल घोटाला मामले में उनका नाम प्राथमिकी में नहीं था जांच के बाद उनका नाम जोड़ा गया है जांच के बाद एसीबी ने निचली अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी इस पर अदालत ने संज्ञान लेते हुए उन्हें सम्मन जारी किया है निचली अदालत ने बिना नियमों का पालन किए ही संज्ञान लिया है इसलिए मामले को निरस्त कर देना चाहिए। वही आर के आनंद के दलील पर एसीबी की ओर से विरोध किया गया।


Body:एसीबी के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि टेंडर कमेटी के सदस्य होने के नाते घोटाले में इनकी भी भागीदारी थी नेशनल गेम ऑर्गेनाइजिंग कमिटी के चेयरमैन के साथ-साथ आरके आनंद उस दौरान आईओसी से भी जुड़े थे। ऐसे में 5 लाख के हुए भुगतान को रोका जा सकता था मंगलवार को दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी कर ली गई इसके बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया


Conclusion:आपको बता दें कि इस संबंध में आरके आनंद ने झारखंड हाईकोर्ट में वॉइस सिंह याचिका दाखिल की है इसमें निचली अदालत द्वारा उनके खिलाफ लिए गए संज्ञान को चुनौती दी गई है
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