रांचीः जेल में किन-किन से मिले लालू प्रसाद, जेल मैनुअल का उल्लंघन हुआ है या नहीं. इस बिंदु पर हाई कोर्ट में शुक्रवार को बहस होगी. देखना अहम होगा कि क्या होती है अदालत की कार्रवाई. फिलहाल सब की नजर अदालत की कार्रवाई पर है. चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव के जेल मैनुअल उल्लंघन मामले के बिंदु पर झारखंड हाई कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से जवाब पेश किया गया है. इस बिंदु पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है. देखना अहम होगा कि सरकार के जवाब पर अदालत का क्या कुछ आदेश होता है.
लालू प्रसाद पर जेल में रहते हुए भी धड़ल्ले से जेल मैनुअल के उल्लंघन का आरोप लगाया जा रहा था. मीडिया में भी जेल मैनुअल का धड़ल्ले से उल्लंघन की बातें आ रही थीं. लालू प्रसाद की जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से यह मामला अदालत में उठाया गया. उसके बाद अदालत ने उस पर राज्य सरकार से जवाब मांगा था. पूर्व में राज्य सरकार द्वारा आधा-अधूरा जवाब दिया गया था. जिस पर अदालत ने नाराजगी व्यक्त करते हुए, उन्हें पुनः विस्तृत और बिंदुवार जवाब पेश करने को कहा था. उसी आलोक में जवाब पेश किया गया है.
लालू यादव के जेल मैनुअल उल्लंघन मामले में आज सुनवाई, हाई कोर्ट पर टिकी सबकी निगाहें - लालू यादव के जेल मैनुअल उल्लंघन का मामला
जेल मैनुअल के उल्लंघन मामले में आज हाई कोर्ट में सुनवाई होगी. इस मामले में सरकार की ओर से जवाब दाखिल किया गया है. अब सबकी नजर कोर्ट के आदेश पर है.
रांचीः जेल में किन-किन से मिले लालू प्रसाद, जेल मैनुअल का उल्लंघन हुआ है या नहीं. इस बिंदु पर हाई कोर्ट में शुक्रवार को बहस होगी. देखना अहम होगा कि क्या होती है अदालत की कार्रवाई. फिलहाल सब की नजर अदालत की कार्रवाई पर है. चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव के जेल मैनुअल उल्लंघन मामले के बिंदु पर झारखंड हाई कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से जवाब पेश किया गया है. इस बिंदु पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है. देखना अहम होगा कि सरकार के जवाब पर अदालत का क्या कुछ आदेश होता है.
लालू प्रसाद पर जेल में रहते हुए भी धड़ल्ले से जेल मैनुअल के उल्लंघन का आरोप लगाया जा रहा था. मीडिया में भी जेल मैनुअल का धड़ल्ले से उल्लंघन की बातें आ रही थीं. लालू प्रसाद की जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से यह मामला अदालत में उठाया गया. उसके बाद अदालत ने उस पर राज्य सरकार से जवाब मांगा था. पूर्व में राज्य सरकार द्वारा आधा-अधूरा जवाब दिया गया था. जिस पर अदालत ने नाराजगी व्यक्त करते हुए, उन्हें पुनः विस्तृत और बिंदुवार जवाब पेश करने को कहा था. उसी आलोक में जवाब पेश किया गया है.