रांची: मांडर विधायक बंधु तिर्की से जुड़े आय से अधिक संपत्ति मामले में आरसी 5ए/10 में शुक्रवार को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एके मिश्र की अदालत में गवाही हुई. गवाह नंबर 5 के रूप में ही बंधु तिर्की के बड़े भाई भकरू तिर्की की गवाही हुई.
'आर्थिक स्थिति खराब थी'
उन्होंने अदालत को बताया कि 2005 से 2009 के बीच वह सीआईएसएफ एसआई के पद पर बोकारो, ओडिशा और असम में पदस्थापित रहे, बंधु तिर्की की आर्थिक स्थिति खराब थी. वह अधिकतर बाहर रहते थे. इस दौरान उनकी पत्नी, बेटी सोनल और शिल्पी को छोड़कर चली गई.
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2006 में बैंक से ऋण भी लेना पड़ा
इस दौरान बड़ा भाई होने के नाते दोनों बहनों की पढ़ाई-लिखाई परवरिश उन्हीं के जिम्मे आ गयी. पारिवारिक जिम्मेवारी को निर्वाह करने के लिए 2006 में एसबीआई से 2 लाख 44 हजार सुविधा ऋण भी लेना पड़ा.
30% अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप
बता दें कि बंधु तिर्की पर 2005 से 2009 के बीच मंत्री रहने के दौरान 30% अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है. सीबीआई ने वर्ष 2010 में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की थी. जांच के बाद सीबीआई ने मई 2013 में अदालत में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी. इसमें बताया गया था कि बंधु तिर्की के पास आय से अधिक संपत्ति तो है, लेकिन उतनी संपत्ति नहीं है कि उसके विरुद्ध सीबीआई जांच करे.
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फिलहाल बंधु तिर्की सशर्त जमानत पर बाहर हैं
सीबीआई की विशेष अदालत ने सीबीआई की दलील को खारिज कर दिया और मामले में संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी किया था. इसके अलावा 34वें राष्ट्रीय खेल में 28.34 करोड़ रुपए घोटाला और पत्थलगड़ी समर्थकों को भड़काने का भी मामला दर्ज है. तीनों मामले में फिलहाल बंधु तिर्की सशर्त जमानत पर बाहर हैं.