रांची: सीएम हेमंत सोरेन ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले (Hemant Soren office of profit case) में झारखंड में सियासत गर्म है. झारखंड में चल रहे राजनीतिक रस्साकशी के बीच ईटीवी भारत को विश्वस्त सूत्रों से बड़ी जानकारी मिली है. सूत्रों के मुताबिक सीएम से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में चुनाव आयोग से राजभवन पहुंचे सिफारिश के बाद राज्यपाल रमेश बैस ने विधि विशेषज्ञों से राय ली है (Governor Ramesh Bais has taken opinion from legal experts). माना जा रहा है कि सोमवार को वे चुनाव आयोग की रिपोर्ट पर अपना अनुमोदन दे सकते हैं.
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जानकारी के मुताबिक, इस पूरे मामले पर राज्यपाल चुनाव आयोग की सिफारिश पर अपना अनुमोदन देंगे. उस आधार पर चुनाव आयोग एक नोटिफिकेशन जारी करेगा और उसकी कॉपी झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को भेजेगा. फिर उस कॉपी को झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विधानसभा अध्यक्ष को भेजेंगे. जानकारी के मुताबिक ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में सीएम को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया है. लेकिन इस पर विधिवत रूप से मुहर नोटिफिकेशन जारी होने के बाद ही लगेगी. निर्वाचन पदाधिकारी नोटिफिकेशन की कॉपी विधानसभा अध्यक्ष को भेजेंगे उसी समय से मुख्यमंत्री विधायक के पद पर अयोग्य करार दे दिए जाएंगे.
अब सवाल है कि इस प्रक्रिया को पूरा होने में कितना वक्त लग सकता है. दरअसल शनिवार और रविवार को छुट्टी रहती है. इसलिए माना जा रहा है कि सोमवार के दिन पूरी बातें सामने आ जाएंगी. इससे पहले गुरुवार 25 अगस्त को जैसे ही यह बात सामने आई कि चुनाव आयोग ने अपनी सिफारिश राजभवन को भेज दी है, उसके बाद से ही झारखंड का राजनीतिक तापमान बढ़ गया है. गुरुवार से लेकर शुक्रवार तक मुख्यमंत्री के आवास पर कई दौर की बैठक हो चुकी है. कांग्रेस ने भी अपने सभी विधायकों को रांची में ही रहने को कहा है. जैसे शास्त्री परिस्थिति डिवेलप करेगी उसी हिसाब से सत्ता पक्ष भी अपना स्टैंड क्लियर करेगा.