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विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ राज्यपाल की बैठक, पठन-पाठन की ली जानकारी - रांची में कुलपतियों के साथ राज्यपाल की ऑनलाइन की बैठक

राज्य के विश्वविद्यालय में जनजातीय और क्षेत्रीय भाषा की पढ़ाई के स्तर को ऊंचा उठाने के उद्देश्य से गवर्नर द्रौपदी मुर्मू ने ऑनलाइन बैठक में विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को कई दिशा निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही वर्तमान पठन-पाठन की स्थिति के संबंध में भी जानकारी हासिल की.

Governor meeting with University Vice Chancellors
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Published : Aug 20, 2020, 5:23 PM IST

रांचीः राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने राज्य के तमाम विश्वविद्यालयों में जनजातीय और क्षेत्रीय भाषा की स्थिति और पठन-पाठन को लेकर कुलपतियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक बैठक की. इस बैठक के दौरान विश्वविद्यालय के कुलपतियों को कई दिशा निर्देश दिएा. इसके साथ ही वर्तमान पठन-पाठन की स्थिति के संबंध में भी जानकारी हासिल की.

राज्य के विश्वविद्यालय में जनजातिय और क्षेत्रीय भाषा की पढ़ाई के स्तर को ऊंचा उठाने के उद्देश्य से गवर्नर द्रौपदी मुर्मू ने ऑनलाइन इस बैठक में विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को कई दिशा निर्देश दिए हैं. जनजातिय और क्षेत्रीय भाषा के अलग-अलग 9 विभाग, विषयों, विद्यार्थियों और शिक्षकों की स्थिति पर चर्चा की गई है. राज्यपाल ने रांची विश्वविद्यालय और डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में सभी 9 जनजाति और क्षेत्रीय भाषा, मसलन, मुंडारी, संताली, हो, खोरठा, खड़िया, पंचपरगनिया, कुरमाली के लिए अलग-अलग विभाग खोलने का निर्देश दिया है. इन विषयों में शिक्षकों की कमी रांची विश्वविद्यालय के जनजातीय भाषा विभाग में स्थाई शिक्षकों का अब तक नियुक्ति ना होना. इस मामले को लेकर चिंता भी व्यक्त की है. रांची विश्वविद्यालय में 1980 में खुले जनजातियों क्षेत्रीय भाषा विभाग में 9 भाषाओं का विभाग संचालित है. लेकिन यह विभाग घंटी आधारित शिक्षकों के भरोसे संचालित हो रही है अरसे से इन विभागों में शिक्षकों की नियुक्ति ही नहीं हुई है.

ये भी पढ़ें- NEET और JEE की परीक्षाएं स्थगित करने की मांग, पैरेंट्स एसोसिएशन ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री को लिखा पत्र

घंटी आधारित शिक्षकों के भरोसे ही इस विभाग में पठन-पाठन हो रही है. इसके बावजूद इन घंटी आधारित शिक्षकों को अब तक मानदेय नहीं दिया गया है. इस मामले को लेकर भी राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने विश्वविद्यालय के कुलपतियों को एक निर्देश जारी किया है. वहीं वर्तमान में कोरोना महामारी को देखते हुए ऑनलाइन पठन-पाठन की स्थिति, चांसलर पोर्टल के जरिए हो रहे नामांकन प्रक्रिया की भी पूरी जानकारी हासिल की है.

रांचीः राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने राज्य के तमाम विश्वविद्यालयों में जनजातीय और क्षेत्रीय भाषा की स्थिति और पठन-पाठन को लेकर कुलपतियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक बैठक की. इस बैठक के दौरान विश्वविद्यालय के कुलपतियों को कई दिशा निर्देश दिएा. इसके साथ ही वर्तमान पठन-पाठन की स्थिति के संबंध में भी जानकारी हासिल की.

राज्य के विश्वविद्यालय में जनजातिय और क्षेत्रीय भाषा की पढ़ाई के स्तर को ऊंचा उठाने के उद्देश्य से गवर्नर द्रौपदी मुर्मू ने ऑनलाइन इस बैठक में विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को कई दिशा निर्देश दिए हैं. जनजातिय और क्षेत्रीय भाषा के अलग-अलग 9 विभाग, विषयों, विद्यार्थियों और शिक्षकों की स्थिति पर चर्चा की गई है. राज्यपाल ने रांची विश्वविद्यालय और डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में सभी 9 जनजाति और क्षेत्रीय भाषा, मसलन, मुंडारी, संताली, हो, खोरठा, खड़िया, पंचपरगनिया, कुरमाली के लिए अलग-अलग विभाग खोलने का निर्देश दिया है. इन विषयों में शिक्षकों की कमी रांची विश्वविद्यालय के जनजातीय भाषा विभाग में स्थाई शिक्षकों का अब तक नियुक्ति ना होना. इस मामले को लेकर चिंता भी व्यक्त की है. रांची विश्वविद्यालय में 1980 में खुले जनजातियों क्षेत्रीय भाषा विभाग में 9 भाषाओं का विभाग संचालित है. लेकिन यह विभाग घंटी आधारित शिक्षकों के भरोसे संचालित हो रही है अरसे से इन विभागों में शिक्षकों की नियुक्ति ही नहीं हुई है.

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घंटी आधारित शिक्षकों के भरोसे ही इस विभाग में पठन-पाठन हो रही है. इसके बावजूद इन घंटी आधारित शिक्षकों को अब तक मानदेय नहीं दिया गया है. इस मामले को लेकर भी राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने विश्वविद्यालय के कुलपतियों को एक निर्देश जारी किया है. वहीं वर्तमान में कोरोना महामारी को देखते हुए ऑनलाइन पठन-पाठन की स्थिति, चांसलर पोर्टल के जरिए हो रहे नामांकन प्रक्रिया की भी पूरी जानकारी हासिल की है.

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