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दारोगा बहाली में हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देगी सरकार, कोर्ट ने दिया था बहाली का आदेश

झारखंड पुलिस के 42 बर्खास्त दारोगा की पुनर्बहाली के हाईकोर्ट के आदेश को सरकार चुनौती देगी. साल 2012 में पहली बार 382 युवाओं को दारोगा, सार्जेंट और कंपनी कमांडर के तौर पर नौकरी मिली थी. लेकिन डेढ़ साल के बाद नौकरी से 42 दारोगा स्तर के अधिकारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया.

झारखंड मंत्रालय
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Published : Sep 20, 2019, 4:31 AM IST

रांची: झारखंड पुलिस के 42 बर्खास्त दारोगा की पुनर्बहाली के हाईकोर्ट के आदेश को सरकार चुनौती देगी. 18 जुलाई को पुलिस अधिकारियों को सेवा में लेने का आदेश हाईकोर्ट के डबल बेंच ने दिया था. लेकिन झारखंड पुलिस वर्तमान में इन बर्खास्त कर्मियों को सेवा में समायोजित करने के बजाय फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर करेगी. राज्य सरकार के गृह विभाग ने एसएलपी दायर करने के लिए विधि विभाग और महाधिवक्ता से मंतव्य मांगी थी. मंतव्य मिलने के बाद इस संबंध में कार्रवाई शुरू कर दी गई है.

2016 में भी हक में आया था फैसला
साल 2012 में पहली बार 382 युवाओं को दारोगा, सार्जेंट और कंपनी कमांडर के तौर पर नौकरी मिली थी. लेकिन डेढ़ साल के बाद नौकरी से 42 दारोगा स्तर के अधिकारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया. 42 बर्खास्त दारोगा के जगह मेरिट लिस्ट से 42 अन्य दारोगा का चयन हुआ.

ये भी पढ़ें- 10 लाख का इनामी नक्सली भूषण यादव ने किया आत्मसमर्पण, कई बड़ी घटनाओं को दे चुका हैं अंजाम

लंबी लड़ाई
सेवा से हटाए गए युवकों ने दोबारा बहाली के लिए लंबी लड़ाई लड़ी. साल 2016 में हक में फैसला आया, लेकिन सरकार ने सेवा में समायोजित करने के बजाय हाईकोर्ट के डबल बैच में पुनर्विचार याचिका दायर कर दी. डबल बेंच ने भी बर्खास्त पुलिसकर्मियों के हक में फैसला दिया था. साल 2008 में दारोगा बहाली का विज्ञापन सरकार ने निकाला था.

ये भी पढ़ें- DSP पर अवैध संबंध का आरोप, सीआईडी से पुलिस मुख्यालय ने मांगी रिपोर्ट

ज्यादा अंक लाकर भी कई अभ्यर्थी नहीं हुए थे चयनित
382 पदों के लिए साल 2012 में बहाली हुई थी, तब तात्कालीन डीजीपी जीएस रथ ने रिजल्ट जारी किया था. 175 अभ्यर्थी अधिक अंक लाकर भी चयनित नहीं हुए थे, इनलोगों ने भी हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. हालांकि कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था.

रांची: झारखंड पुलिस के 42 बर्खास्त दारोगा की पुनर्बहाली के हाईकोर्ट के आदेश को सरकार चुनौती देगी. 18 जुलाई को पुलिस अधिकारियों को सेवा में लेने का आदेश हाईकोर्ट के डबल बेंच ने दिया था. लेकिन झारखंड पुलिस वर्तमान में इन बर्खास्त कर्मियों को सेवा में समायोजित करने के बजाय फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर करेगी. राज्य सरकार के गृह विभाग ने एसएलपी दायर करने के लिए विधि विभाग और महाधिवक्ता से मंतव्य मांगी थी. मंतव्य मिलने के बाद इस संबंध में कार्रवाई शुरू कर दी गई है.

2016 में भी हक में आया था फैसला
साल 2012 में पहली बार 382 युवाओं को दारोगा, सार्जेंट और कंपनी कमांडर के तौर पर नौकरी मिली थी. लेकिन डेढ़ साल के बाद नौकरी से 42 दारोगा स्तर के अधिकारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया. 42 बर्खास्त दारोगा के जगह मेरिट लिस्ट से 42 अन्य दारोगा का चयन हुआ.

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लंबी लड़ाई
सेवा से हटाए गए युवकों ने दोबारा बहाली के लिए लंबी लड़ाई लड़ी. साल 2016 में हक में फैसला आया, लेकिन सरकार ने सेवा में समायोजित करने के बजाय हाईकोर्ट के डबल बैच में पुनर्विचार याचिका दायर कर दी. डबल बेंच ने भी बर्खास्त पुलिसकर्मियों के हक में फैसला दिया था. साल 2008 में दारोगा बहाली का विज्ञापन सरकार ने निकाला था.

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ज्यादा अंक लाकर भी कई अभ्यर्थी नहीं हुए थे चयनित
382 पदों के लिए साल 2012 में बहाली हुई थी, तब तात्कालीन डीजीपी जीएस रथ ने रिजल्ट जारी किया था. 175 अभ्यर्थी अधिक अंक लाकर भी चयनित नहीं हुए थे, इनलोगों ने भी हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. हालांकि कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था.

Intro:दरोगा बहाली में हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देगी सरकार, हाईकोर्ट ने दिया था बहाली का आदेश

रांची।
झारखंड पुलिस के 42 बर्खास्त दरोगा की पुनर्बहाली के हाईकोर्ट के आदेश को सरकार चुनौती देगी। 18 जुलाई को हाईकोर्ट ने पुलिस अधिकारियों को सेवा में लेने का आदेश हाईकोर्ट के डबल बेंच ने दिया था। लेकिन झारखंड पुलिस वर्तमान में इन बर्खास्त कर्मियों को सेवा में समायोजित करने के बजाय फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर करेगी। राज्य सरकार के गृह विभाग ने एसएलपी दायर करने के लिए विधि विभाग व महाधिवक्ता से मंतव्य मांगी थी। मंतव्य मिलने के बाद इस संबंध में कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

2016 में भी हक में आया था फैसला

साल 2012 में पहली बार 382 युवाओं को दरोगा, सार्जेंट और कंपनी कमांडर के तौर पर नौकरी मिली थी। लेकिन डेढ़ साल के बाद नौकरी  से 42 दरोगा स्तर के अधिकारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। 42 बर्खास्त दरोगा के जगह मेरिट लिस्ट से 42 अन्य दरोगा का चयन हुआ। सेवा से हटाए गए युवकों ने दुबारा बहाली के लिए लंबी लड़ाई लड़ी। साल 2016 में हक में फैसला आया, लेकिन सरकार ने सेवा में समायोजित करने के बजाय हाईकोर्ट के डबल बैच में पुनर्विचार याचिका दायर कर दी। डबल बेंच ने भी बर्खास्त पुलिसकर्मियों के हक में फैसला दिया था। साल 2008 में दरोगा बहाली का विज्ञापन सरकार ने निकाला था।

ज्यादा अंक लाकर भी कई अभ्यर्थी नहीं हुए थे चयनित

382 पदों  के लिए साल 2012 में बहाली हुई थी, तब तात्कालिन डीजीपी जीएस रथ ने रिजल्ट जारी किया था। 175 अभ्यर्थी अधिक अंक लाकर भी चयनित नहीं हुए थे, इनलोगों ने भी हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, हालांकि कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था।Body:1Conclusion:2
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