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पलायन रोकने में विफल झारखंड सरकार, मजदूरों को एरोप्लेन से बुला रही हैं कंपनियां

रोजगार नहीं मिलने पर झारखंड के मजदूरों को फिर से अपना राज्य छोड़कर जाना पड़ रहा है. पलायन कर रहे मजदूर ने बताया कि पिछले 3 महीनों से हम लोग अपने घर में बैठे हैं, लेकिन हमे रोजगार नहीं मिल पा रहा है. मजबूरन हमें दूसरे राज्य जाना पड़ रहा है.

Government of Jharkhand failed to stop workers migration
पलायन रोकने में विफल झारखंड सरकार
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Published : Jul 9, 2020, 9:13 PM IST

रांची: कोरोना की वजह से आये संकट में प्रवासी मजदूर अपने-अपने घर पहुंचे थे, लेकिन पिछले 3 महीने में मजदूरों को रोजगार नहीं मिलने के बाद वापस उन्हें अपने राज्य से पलायन करना पड़ रहा है. राज्य की सरकार ने मजदूरों को अपने राज्य लाने के बाद यह दावा किया था कि जो भी मजदूर बाहर के राज्यों से अपना काम छोड़कर झारखंड पहुंचे हैं उन्हें जल्द से जल्द राज्य में रोजगार दिया जाएगा.

देखें पूरी खबर

एयरपोर्ट पर मजदूरों के पलायन करने की इस तस्वीर को देखने के बाद स्पष्ट कहा जा सकता है कि भले ही राज्य सरकार बाहर से आए मजदूरों को रोजगार देने के लिए लाख दावे किए हो लेकिन हकीकत कुछ और ही है. बेंगलुरु, हैदराबाद और महाराष्ट्र जा रहे मजदूरों का कहना है कि अपने राज्य में रोजगार नहीं मिलने के बाद हम मजबूरन बाहर जा रहे हैं. राज्य से बाहर जा रहे मजदूरों ने बताया कि हमारे कंपनी के मालिकों ने हमें हवाई जहाज की टिकट मुहैया कराई है और यह आश्वस्त किया है कि जल्द से जल्द वह काम पर लौट जाएं और उन्हें नियम पूर्वक पगार भी दी जाएगी.

ये भी पढ़ें- लॉकडाउन ने धंधा कर दिया चौपट, कितनों ने रोजी-रोटी के लिए बदल लिया व्यवसाय

वहीं पलामू के छतरपुर से बेंगलुरु जा रहे एक मजदूर ने बताया कि पिछले 3 महीनों से हम लोग अपने घर में बैठे हैं, लेकिन हमे रोजगार नहीं मिल पा रहा है. अगर राज्य सरकार हमें अपने ही राज्य में रोजगार मुहैया करा देती तो हम लोग बाहर जाने को मजबूर नहीं होते. अब ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि जिन मजदूरों को लॉकडाउन के दौरान बाहर से अपने राज्य आने पर फूल देकर स्वागत किया गया था और उन्हे आश्वस्त किया गया था कि अब उन्हें अपने राज्य से बाहर नहीं जाना पड़ेगा.

अब उन मजदूरों को मायूस होकर उल्टे पांव रोजगार पाने के लिये दूसरे राज्य पलायन करना पड़ रहा है. पलायन कर रहे मजदूरों की यह तस्वीर निश्चित रूप से राज्य सरकार और केंद्र सरकार के दावों की पोल खोल रही है. जिसमें यह प्रतीत हो रहा है कि झारखंड में अभी भी रोजगार के लिए लोगों को अवसर नहीं मिल पा रहे हैं.

रांची: कोरोना की वजह से आये संकट में प्रवासी मजदूर अपने-अपने घर पहुंचे थे, लेकिन पिछले 3 महीने में मजदूरों को रोजगार नहीं मिलने के बाद वापस उन्हें अपने राज्य से पलायन करना पड़ रहा है. राज्य की सरकार ने मजदूरों को अपने राज्य लाने के बाद यह दावा किया था कि जो भी मजदूर बाहर के राज्यों से अपना काम छोड़कर झारखंड पहुंचे हैं उन्हें जल्द से जल्द राज्य में रोजगार दिया जाएगा.

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एयरपोर्ट पर मजदूरों के पलायन करने की इस तस्वीर को देखने के बाद स्पष्ट कहा जा सकता है कि भले ही राज्य सरकार बाहर से आए मजदूरों को रोजगार देने के लिए लाख दावे किए हो लेकिन हकीकत कुछ और ही है. बेंगलुरु, हैदराबाद और महाराष्ट्र जा रहे मजदूरों का कहना है कि अपने राज्य में रोजगार नहीं मिलने के बाद हम मजबूरन बाहर जा रहे हैं. राज्य से बाहर जा रहे मजदूरों ने बताया कि हमारे कंपनी के मालिकों ने हमें हवाई जहाज की टिकट मुहैया कराई है और यह आश्वस्त किया है कि जल्द से जल्द वह काम पर लौट जाएं और उन्हें नियम पूर्वक पगार भी दी जाएगी.

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वहीं पलामू के छतरपुर से बेंगलुरु जा रहे एक मजदूर ने बताया कि पिछले 3 महीनों से हम लोग अपने घर में बैठे हैं, लेकिन हमे रोजगार नहीं मिल पा रहा है. अगर राज्य सरकार हमें अपने ही राज्य में रोजगार मुहैया करा देती तो हम लोग बाहर जाने को मजबूर नहीं होते. अब ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि जिन मजदूरों को लॉकडाउन के दौरान बाहर से अपने राज्य आने पर फूल देकर स्वागत किया गया था और उन्हे आश्वस्त किया गया था कि अब उन्हें अपने राज्य से बाहर नहीं जाना पड़ेगा.

अब उन मजदूरों को मायूस होकर उल्टे पांव रोजगार पाने के लिये दूसरे राज्य पलायन करना पड़ रहा है. पलायन कर रहे मजदूरों की यह तस्वीर निश्चित रूप से राज्य सरकार और केंद्र सरकार के दावों की पोल खोल रही है. जिसमें यह प्रतीत हो रहा है कि झारखंड में अभी भी रोजगार के लिए लोगों को अवसर नहीं मिल पा रहे हैं.

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