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गैंगेस्टर अमन फरारी मामला: दारोगा मुकेश पर चलेगा मुकदमा, सीआईडी मुख्यालय को हजारीबाग डीआईजी ने दी अभियोजन स्वीकृति

गैंगेस्टर अमन साव की गिरफ्तारी के बाद भगाने के मामले में दरोगा मुकेश कुमार पर चार्जशीट करने के लिए अभियोजन स्वीकृति मिल गयी है. गैंगेस्टर अमन साव 27 सितंबर 2019 को थाना के अतिथि कक्ष से फरार हुआ था.

Gangster Aman Ferrari case
गैंगेस्टर अमन फरारी मामला
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Published : Nov 28, 2020, 2:24 AM IST

रांची: गैंगेस्टर अमन साव की गिरफ्तारी के बाद भगाने के मामले में दरोगा मुकेश कुमार पर चार्जशीट करने के लिए अभियोजन स्वीकृति मिल गयी है. सीआईडी की जांच में मुकेश को दोषी पाया गया था. इसके बाद सीआईडी ने इस मामले में चार्जशीट के लिए सीआइडी ने बड़कागांव थाना से हजारीबाग डीआईजी अमोल वी होमकर से अभियोजन स्वीकृति मांगी थी.

सीआईडी जांच में दोषी

सीआईडी जांच में पाया गया था कि बड़कागांव के तत्कालीन थानेदार मुकेश कुमार ने गिरफ्तार अमन साव को थाने की हाजत के बजाय अतिथि कक्ष में रखा था. सीआईडी ने अबतक की जांच में मुकेश कुमार को सबूत नष्ट करने, गलत सबूत प्लांट करने व आपराधिक साजिश रचने का दोषी पाया है. मुकेश कुमार के खिलाफ धारा 193, 201 और 120 बी के तहत चार्जशीट दायर होगी.

एफआईआर झूठ का पुलिंदा

गैंगेस्टर अमन साव 27 सितंबर 2019 को थाना के अतिथि कक्ष से फरार हुआ था. इस मामले में दर्ज एफआईआर सीआईडी जांच में झूठ का पुलिंदा साबित हुई है. सीआईडी की पूछताछ में थाने के चौकीदार ने बताया था कि तात्कालिन थानेदार ने अमन साव को अपना छोटा भाई बताते हुए अतिथि कक्ष में ठहराया. चौकीदार भुवनेश्वर ने सीआईडी को बताया कि जब उसे पता चला की अमन साव को अतिथि कक्ष में रखा गया है तब उसने उसे हाजत में बंद रखने की बात कही तो थानेदार ने अभद्र भाषा का प्रयोग किया. उसी रात बाद में अमन साव अतिथि कक्ष का वेंटिलेशन तोड़ भाग गया था.

ये भी पढे़ं: AUSvsIND: ऑस्ट्रेलिया दौरे का पहला मैच 66 रनों हारी टीम इंडिया

पूरा एफआईआर झूठ का पुलिंदा

अमन साव के फरारी के बाद थानेदार मुकेश कुमार के द्वारा जो एफआईआर दर्ज करायी गई थी, सीआईडी की जांच में वह झूठ का पुलिंदा साबित हुई. ऐसे में थानेदार पर सबूत नष्ट करने व आपराधिक साजिश रचने के मामले में चार्जशीट होगी.

डीएसपी की भूमिका पर आगे की जांच

पूरे मामले में अब डीएसपी अनिल कुमार सिंह की भूमिका की भी जांच होगी. बयान में मुकेश कुमार ने बताया है कि डीएसपी और एसपी के कहने पर ही उसने गलत एफआईआर दर्ज की थी. घटना के बाद डीएसपी ही उसे हजारीबाग एसपी के आवास ले गए थे.

रांची: गैंगेस्टर अमन साव की गिरफ्तारी के बाद भगाने के मामले में दरोगा मुकेश कुमार पर चार्जशीट करने के लिए अभियोजन स्वीकृति मिल गयी है. सीआईडी की जांच में मुकेश को दोषी पाया गया था. इसके बाद सीआईडी ने इस मामले में चार्जशीट के लिए सीआइडी ने बड़कागांव थाना से हजारीबाग डीआईजी अमोल वी होमकर से अभियोजन स्वीकृति मांगी थी.

सीआईडी जांच में दोषी

सीआईडी जांच में पाया गया था कि बड़कागांव के तत्कालीन थानेदार मुकेश कुमार ने गिरफ्तार अमन साव को थाने की हाजत के बजाय अतिथि कक्ष में रखा था. सीआईडी ने अबतक की जांच में मुकेश कुमार को सबूत नष्ट करने, गलत सबूत प्लांट करने व आपराधिक साजिश रचने का दोषी पाया है. मुकेश कुमार के खिलाफ धारा 193, 201 और 120 बी के तहत चार्जशीट दायर होगी.

एफआईआर झूठ का पुलिंदा

गैंगेस्टर अमन साव 27 सितंबर 2019 को थाना के अतिथि कक्ष से फरार हुआ था. इस मामले में दर्ज एफआईआर सीआईडी जांच में झूठ का पुलिंदा साबित हुई है. सीआईडी की पूछताछ में थाने के चौकीदार ने बताया था कि तात्कालिन थानेदार ने अमन साव को अपना छोटा भाई बताते हुए अतिथि कक्ष में ठहराया. चौकीदार भुवनेश्वर ने सीआईडी को बताया कि जब उसे पता चला की अमन साव को अतिथि कक्ष में रखा गया है तब उसने उसे हाजत में बंद रखने की बात कही तो थानेदार ने अभद्र भाषा का प्रयोग किया. उसी रात बाद में अमन साव अतिथि कक्ष का वेंटिलेशन तोड़ भाग गया था.

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पूरा एफआईआर झूठ का पुलिंदा

अमन साव के फरारी के बाद थानेदार मुकेश कुमार के द्वारा जो एफआईआर दर्ज करायी गई थी, सीआईडी की जांच में वह झूठ का पुलिंदा साबित हुई. ऐसे में थानेदार पर सबूत नष्ट करने व आपराधिक साजिश रचने के मामले में चार्जशीट होगी.

डीएसपी की भूमिका पर आगे की जांच

पूरे मामले में अब डीएसपी अनिल कुमार सिंह की भूमिका की भी जांच होगी. बयान में मुकेश कुमार ने बताया है कि डीएसपी और एसपी के कहने पर ही उसने गलत एफआईआर दर्ज की थी. घटना के बाद डीएसपी ही उसे हजारीबाग एसपी के आवास ले गए थे.

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