रांचीः देश में कई ऐसे हुनरमंद युवा हैं जो अपनी कला के बल पर ऊंचाई तक पहुंचने का काबिलियत रखते हैं. लेकिन हुनर रहने के बावजूद भी कई बार लोगों पर शासन और सरकार की नजर नहीं जाती. ऐसे ही एक हुनरमंद युवा में शामिल हैं रांची के संदीप सिंह.
इसे भी पढ़ें- अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी संगीता मुफलिसी की जिंदगी जीने को मजबूर, मजदूरी कर चला रहीं घर
संदीप सिंह एक फ्रीस्टाइल फुटबॉलर हैं, उन्हें फ्रीस्टाइल फुटबॉलर इसीलिए कहते हैं क्योंकि वह फुटबॉल को शरीर पर जादूगर की तरह नचाते हैं. इसीलिए उन्हें फुटबॉल का जादूगर भी कहा जाता है. संदीप को फुटबॉल से इस कदर लगाव हो गया है कि बगैर हाथ लगाए ही वो फुटबॉल को हवा में नचाते रहते हैं. उनके इस हुनर को देखकर हर कोई यही कहता है कि एक ना एक दिन संदीप अपने देश और राज्य का नाम रोशन जरूर रोशन करेगा.
इसे भी पढ़ें- पैरों में बूट और गले में मेडल की है चाहत, तंगी ने हाथों में थमा दिये कुदाल
संदीप सिंह पहले फुटबॉल के ही खिलाड़ी थे. लेकिन उन्होंने जब विदेशी फुटबॉल खिलाड़ियों को उंगली फुटबाल पर घुमाते देखा. तभी से उन्होंने ठान लिया कि उन्हें भी फुटबॉल को शरीर पर नचाने में माहिर होना है. बचपन में संदीप सिंह के पिता की मौत होने की वजह से वो शुरू से ही रांची में रहते हैं. वो मूल रूप से बिहार के सीवान जिला के रहने वाले हैं.
संदीप जब फुटबॉल के साथ अपने करतब दिखाता है तो आसपास के लोग उसे देखते ही रह जाते हैं. लोग उनके टैलेंट की प्रशंसा करते नहीं थकते. संदीप के करतब को देखने के बाद स्थानीय लोग अभिजीत कुमार ने बताया कि इनके हुनर को अगर आम लोग भी अपनाए तो शारीरिक रूप से काफी लाभ होगा. लोग बताते हैं कि संदीप के हुनर को अगर आज के बच्चों को सिखाया जाए तो कई तरह के लाभ हैं. फ्रीस्टाइल फुटबॉल कम जगह में भी खेला जा सकता है. ऐसे में जो बच्चे आज जगह और मैदान के अभाव में मोबाइल पर अपना समय बिताने को मजबूर हैं. वैसे बच्चों को अगर संदीप के हुनर को सिखा दिया जाए तो बच्चे शारीरिक रूप से स्वस्थ और एकाग्रचित्त होंगे.
संदीप के हुनर को देखकर भाजपा सांसद दीपक प्रकाश (BJP MP Deepak Prakash) बताते हैं कि ऐसे कला के धनी लोगों के लिए जरूरी है कि राज्य सरकार सहायता करें. वो बताते हैं कि संदीप सिंह के हुनर को अगर करीब से देखा जाए तो इस हुनर का लाभ सभी को हो सकता है, बस स्पेशल ट्रेनिंग की जरूरत है. क्योंकि जिस तरह से आज की तारीख में आबादी बढ़ रही है और जगह घटती जा रही है. ऐसे में लोग अगर संदीप सिंह के हुनर को सीख ले तो घर में भी वह फिजिकल एक्सरसाइज कर सकते हैं. कांग्रेस के प्रवक्ता डॉ. तौसीफ कहते हैं कि संदीप सिंह के हुनर को लेकर वर्तमान सरकार निश्चित ही बेहतर विकल्प निकालेगी. ताकि ऐसे प्रतिभाशाली लोग राज्य और देश का नाम विश्व पटल पर लिख सके.
इसे भी पढ़ें- बदहाल आशाः अंतरराष्ट्रीय फुटबॉलर की दुर्दशा का जिम्मेदार कौन?
संदीप के परिजन रजनीश सिंह ने कहा कि झारखंड खिलाड़ियों की धरती है, यहां पर सभी खिलाड़ियों को सम्मान मिला है. इसीलिए उम्मीद करते हैं कि अगर सरकार चाहे तो संदीप सिंह को भी रोजगार मिल पाएगा. जैसे आईपीएल और बड़े-बड़े क्रिकेट मैचों में चीयर लीडर गर्ल नृत्यकर लोगों का मनोरंजन करती है. उसी प्रकार अगर खेल विभाग और शासन के लोग उनके करतब को बड़े-बड़े आयोजन के इंटरवल में दिखाएं या फिर स्कूल में बच्चे को ट्रेनिंग देने का काम करवाएं तो बच्चे भी शारीरिक रूप से स्वस्थ होंगे और कम जगह में ही उनका फिजिकल एक्सरसाइज हो जाएगा.
संदीप सिंह और उनके परिवार ने राज्य के खेल मंत्री और सरकार से ये अनुरोध किया कि उनके इस हुनर को दिशा दी जाए तो वो आने वाले समय में इसके कई लाभ लोगों को बताएंगे और उनके जैसे लोगों को रोजगार भी मिल पाएगा. संदीप सिंह और उनके परिजन का कहना है कि अगर उनके इस हुनर को सरकार मौका दे तो निश्चित रूप से उनका यह हुनर उनके और पूरे समाज के लिए काम आएगा. अगर सरकारी मदद नहीं मिलेगी तो फिर मजबूरी में उन्हें अपना हुनर को दबाना पड़ेगा.