रांचीः राजधानी में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन ऐप के नाम पर करोड़ों की ठगी का मामला सामने आया है. मामले में रांची के लालपुर थाना क्षेत्र के करमटोली में सुप्रीम विहार कॉम्प्लेक्स स्थित पेपाइंस कंपनी के डायरेक्टर समीर सिन्हा को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. समीर पर व्यवसाय के नाम पर एक करोड़ रुपए से अधिक की ठगी का आरोप है.
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क्या है पूरा मामला
ऑनलाइन फाइनेंसियल सेवा उपलब्ध कराने वाली कंपनी पेपाइंस फाइनेंसियल सर्विस के खिलाफ हरमू के विद्यानगर निवासी किराना दुकानदार मनीष कुमार ने धोखाधड़ी की प्राथमिकी दर्ज कराई थी. मनीष के अनुसार कंपनी ने स्मार्ट फोन पर ऐप डाउन लोड करने के बाद ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की सुविधा देने की बात कही थी. इसके एवज में 60 हजार रुपये लिए लेकिन सुविधा नहीं मिली. पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि पेपाइंस फाइनेंसियल सर्विस ने रांची में ही कई लोगों से एक करोड़ से ज्यादा की ठगी की है.
शिकायतकर्ता को मिल रही धमकी
उधर प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से ही शिकायतकर्ता मनीष कुमार कुमार को फोन पर धमकी दी जा रही है. मनीष कुमार ने पुलिस को लिखित शिकायत की है कि आरोपी समीर सिन्हा के भाई अंशुमन सिन्हा और उसकी मां के द्वारा फोन कॉल कर जान से मारने की धमकी दी जा रही है. इंटरनेट मीडिया पर एक ऑडियो वायरल हुआ है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि बातचीत अंशुमन सिन्हा और मनीष के बीच हो रही है. अंशुमन मनीष को केस वापस लेने नहीं तो जमानत मिलने के तीन दिनों के अंदर अंजाम भुगत लेने की धमकी दे रहा है. मनीष को फोन कॉल करने वाला पारिवारिक हिस्ट्री बताते हुए कह रहा है कि तुम हमारे विषय में नहीं जानते हो. हमारे परिवार के कई लोग बड़ी बड़ी घटना को अंजाम देकर जेल में हैं. अगर नहीं समझा तो उल्टा केस कर फंसा देंगे. इसी दौरान केस के आइओ को भी धमकी देते हुए कहता है कि तुमको भी सबक सिखायेंगे. सुप्रीम कोर्ट का वकील रखेंगे. हालांकि, लालपुर थाना प्रभारी ने किसी प्रकार की धमकी दिये जाने से इंकार किया है.
दरअसल कुछ वर्ष पहले पेपाइंस फाइनेंसियल सर्विस के नाम से लालपुर थाना क्षेत्र में कार्यालय खोला गया था और कई लोगों को इससे जोड़ा गया. कंपनी के द्वारा दावा किया गया था कि इस फोन ऐप के जरिए आसानी से ऑनलाइन फाइनेंसियल सर्विस, जिसमें कई बिल का भुगतान शामिल है ऐप के जरिये सरलता से किया जा सकेगा. रेलवे टिकट, पैन कार्ड बनाने का काम भी शामिल होगा. इसके लिए कंपनी की तरफ से यूजर आईडी और पासवर्ड जेनरेट कर यूजर को दिया जाता था. इसके एवज में मोटी रकम वसूल की जाती थी.
तीन महीने गुजर जाने के बाद भी शुरू नहीं हो सका ऐप
कंपनी ने अपने एजेंट के माध्यम से डिस्ट्रीब्यूटर बनाए और उनसे लाखों रुपए ले लिये. ऐसे ही लालपुर इलाके में एक डिस्ट्रीब्यूटर से 60 हजार रुपये लेकर उसे कंपनी का डिस्ट्रीब्यूटर बनाया गया और फिर वहां से कई दुकानों को रिटेल में जोड़ा भी गया. लेकिन ऐप तीन माह गुजर जाने के बाद भी शुरू नहीं हो सका, जिसके बाद डिस्ट्रीब्यूटर मनीष कुमार ने कई बार कंपनी के निदेशक को बोला, लेकिन टालमटोल कर उन्हें बैरंग लौटा दिया जाता था. कुछ दिनों बाद कंपनी का ऑफिस तक बंद हो गया. मनीष के द्वारा थाने में शिकायत की गई और फिर उसकी निशानदेही पर आरोपी समीर सिन्हा को गिरफ्तार किया गया. इधर धमकी देने का ऑडियो वायरल हो गया है.