रांची: पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री दिलीप रे को दिल्ली की एक अदालत ने कोयला घोटाला के एक मामले में दोषी करार दिया है. यह मामला झारखंड में 1999 में कोयला ब्लॉक के आवंटन में कथित अनियमितता से संबंधित है.
यह मामला 1999 में झारखंड के गिरिडीह में ब्रह्मडीहा कोल ब्लॉक का आवंटन सीटीएल को किए जाने से संबंधित है. सीबीआई की विशेष कोर्ट ने 2017 में दिलीप रे के अवाला कोयला मंत्रालय में रहे अधिकारियों प्रदीप बनर्जी और नित्यानंद गौतम के साथ-साथ कैस्ट्रॉन टेक्नॉलजीज लिमिटेड और उसके डायरेक्टर महेंद्र कुमार के खिलाफ धोखाधड़ी और विश्वास हनन का आरोप तय किया था.
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दिलीप रे अटल बिहारी सरकार में कोयला राज्यमंत्री थे. वहीं, प्रदीप बनर्जी कोयला मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव और परियोजना सलाहकार थे. आरोपियों ने खुद को निर्दोष बताते हुए मुकदमा शुरू करने की अपील की जिसके बाद आरोप तय किए गए थे.