रांची: झारखंड और असम के पूर्व राज्यपाल सैयद सिब्ते रजी का शनिवार को लखनऊ में निधन हो गया (Syed Sibte Razi passed away). वह हृदय रोग से पीड़ित थे और उनका इलाज किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज के ट्रॉमा सेंटर में चल रहा था. उनके निधन पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अलावा कांग्रेस के नेताओं ने शोक व्यक्त किया है (Jharkhand Congress leaders expressed condolences). सीएम आवास पर यूपीए की बैठक के दौरान मंत्रियों और विधायकों ने 2 मिनट का मौन भी रखा.
झारखंड के पूर्व राज्यपाल सैयद सिब्ते रजी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के गढ़ रायबरेली में सात मार्च 1939 को जन्मे थे. रायबरेली के हुसैनाबाद हायर सेकेंडरी स्कूल से दसवीं करने के बाद शिया कालेज में पढ़ते हुए उन्होंने छात्र राजनीति की शुरूआत की. उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से बी कॉम किया था. वे राज्य सभा के तीन बार सदस्य रहे. उन्हें जानने वाले लोग बताते हैं कि पढ़ाई के साथ जेब खर्च निकालने के कई होटल में अकाउंट का काम भी देखते थे.
पूर्व राज्यपाल सैयद सिब्ते रजी उत्तर प्रदेश कांग्रेस युवा कांग्रेस के अध्यक्ष और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव सहित पार्टी में कई संगठनात्मक पदों पर काम किया था. झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने सैयद सिब्ते रजी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है.
झारखंड के राज्यपाल के कार्यकाल के दौरान मार्च 2005 में सैयद सिब्ते रजी ने सरकार में एनडीए के सदस्यों की संख्या की अनदेखी करते हुए झामुमो के शिबू सोरेन को सरकार बनाने का न्योता दिया था. इसकी शिकायत मिलते ही तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने मामले में हस्तक्षेप किया और राज्यपाल सैयद सिब्ते रजी के निर्णय को बदला गया. इसके बाद राज्यपाल सैयद सिब्जे रजी ने एनडीए के अर्जुन मुंडा को 13 मार्च 2005 को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई थी.