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पूर्व दारोगा जलालुद्दीन खान ने रची थी PM मोदी को मारने की साजिश, 39 साल तक पुलिस में की नौकरी

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Published : Jul 14, 2022, 6:17 PM IST

Updated : Jul 14, 2022, 7:13 PM IST

पटना पुलिस ने पीएम मोदी को जान से मारने के लिए साजिश रचने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें से एक है मो. जलालुद्दीन. यह बिहार-झारखंड में करीब 39 सालों तक पुलिस की नौकरी में रहा. अपनी पुलिस की नौकरी के दौरान जलालुद्दीन रांची, हजारीबाग, गिरिडीह जैसे कई जिलों में तैनात रहा था.

conspired to kill PM Modi
conspired to kill PM Modi

रांची: आतंकी गतिविधियो में शामिल होने के आरोप में बिहार के पटना से गिरफ्तार रिटायर्ड दारोगा मो. जलालुद्दीन खान ने 39 सालों तक बिहार-झारखंड पुलिस में नौकरी की थी. झारखंड पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मो. जलालुद्दीन की बहाली 22 जनवरी 1982 को पटना में बतौर आरक्षी हुई थी. वह झारखंड के हजारीबाग और गिरिडीह जैसे जिलो में विभिन्न थानों में रहा था.

बहाली के बाद 10 साल पटना में रही पोस्टिंग: जानकारी के अनुसार बहाली के बाद दस सालों तक जलालुद्दीन पटना में ही पदस्थापित रहा. 1992 में पटना से आरक्षी के पद पर ही मो. जलालुद्दीन खान का तबादला झारखंड के गोड्डा जिले में हो गया. तब से लगातार वह झारखंड के अलग-अलग इलाकों में ही रहा. 30 अप्रैल 2021 को वह गिरिडीह जिले से रिटायर हुआ. रिटायरमेंट के ठीक पहले तक जलालुद्दीन की पोस्टिंग गिरिडीह के नक्सल प्रभाव वाले भेलवाघाटी थाना में दरोगा के पद पर रही थी.

ये भी पढ़ें: PM मोदी को जान से मारने की साजिश रच रहा था पूर्व थाना प्रभारी जलालुद्दीन, खास समुदाय से था विशेष लगाव

कब-कब कहां-कहां रही पोस्टिंग: गोड्डा जिले में 14 दिसंबर 1992 को आरक्षी के पद पर योगदान देने के बाद जलालुद्दीन यहां 6 सितंबर 2008 तक तैनात रहा. इसके बाद उसकी पोस्टिंग रांची में आरक्षी के तौर पर ही हुई. रांची में वह 13 सितंबर 2008 से 17 मई 2010 तक पदस्थापित रहा. रांची में रहते हुए ही एएसआई में जलालुद्दीन को प्रोन्नति मिली. इसके बाद वह हजारीबाग में बतौर एएसआई पदस्थापित हुआ. हजारीबाग में पेलावल, चरही जैसे थानों में 21 मई 2010 से 5 सितंबर 2018 तक मो जलालुद्दीन की पोस्टिंग रही. पुलिस मुख्यालय से दारोगा में प्रोन्नति मिलने के बाद हजारीबाग से गिरिडीह में जलालुद्दीन की पोस्टिंग हुई. गिरिडीह में 20 नवंबर 2018 से 27 जनवरी 2021 तक जलालुद्दीन भेलवाघाटी थाने में पदस्थापित रहा था.

पुलिस विभाग में थी साफ सुथरी छवि: झारखंड पुलिस मुख्यालय ने पटना में जलालुद्दीन की गिरफ्तारी के बाद उसके संबंध में अपने स्तर से पड़ताल कर रही है. हलांकि अबतक की जांच में यह बात सामने आयी है कि मो जलालुद्दीन की पुलिस सेवा का रिकार्ड साफ सुथरा रहा है. यही वजह है कि समय पर उसकी प्रोन्नति भी होती रही. सिपाही के पद पर बहाल होने के बाद 39 सालों तक पुलिस विभाग में काम करते हुए वह दारोगा के पद से रिटायर हुआ.

रांची: आतंकी गतिविधियो में शामिल होने के आरोप में बिहार के पटना से गिरफ्तार रिटायर्ड दारोगा मो. जलालुद्दीन खान ने 39 सालों तक बिहार-झारखंड पुलिस में नौकरी की थी. झारखंड पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मो. जलालुद्दीन की बहाली 22 जनवरी 1982 को पटना में बतौर आरक्षी हुई थी. वह झारखंड के हजारीबाग और गिरिडीह जैसे जिलो में विभिन्न थानों में रहा था.

बहाली के बाद 10 साल पटना में रही पोस्टिंग: जानकारी के अनुसार बहाली के बाद दस सालों तक जलालुद्दीन पटना में ही पदस्थापित रहा. 1992 में पटना से आरक्षी के पद पर ही मो. जलालुद्दीन खान का तबादला झारखंड के गोड्डा जिले में हो गया. तब से लगातार वह झारखंड के अलग-अलग इलाकों में ही रहा. 30 अप्रैल 2021 को वह गिरिडीह जिले से रिटायर हुआ. रिटायरमेंट के ठीक पहले तक जलालुद्दीन की पोस्टिंग गिरिडीह के नक्सल प्रभाव वाले भेलवाघाटी थाना में दरोगा के पद पर रही थी.

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कब-कब कहां-कहां रही पोस्टिंग: गोड्डा जिले में 14 दिसंबर 1992 को आरक्षी के पद पर योगदान देने के बाद जलालुद्दीन यहां 6 सितंबर 2008 तक तैनात रहा. इसके बाद उसकी पोस्टिंग रांची में आरक्षी के तौर पर ही हुई. रांची में वह 13 सितंबर 2008 से 17 मई 2010 तक पदस्थापित रहा. रांची में रहते हुए ही एएसआई में जलालुद्दीन को प्रोन्नति मिली. इसके बाद वह हजारीबाग में बतौर एएसआई पदस्थापित हुआ. हजारीबाग में पेलावल, चरही जैसे थानों में 21 मई 2010 से 5 सितंबर 2018 तक मो जलालुद्दीन की पोस्टिंग रही. पुलिस मुख्यालय से दारोगा में प्रोन्नति मिलने के बाद हजारीबाग से गिरिडीह में जलालुद्दीन की पोस्टिंग हुई. गिरिडीह में 20 नवंबर 2018 से 27 जनवरी 2021 तक जलालुद्दीन भेलवाघाटी थाने में पदस्थापित रहा था.

पुलिस विभाग में थी साफ सुथरी छवि: झारखंड पुलिस मुख्यालय ने पटना में जलालुद्दीन की गिरफ्तारी के बाद उसके संबंध में अपने स्तर से पड़ताल कर रही है. हलांकि अबतक की जांच में यह बात सामने आयी है कि मो जलालुद्दीन की पुलिस सेवा का रिकार्ड साफ सुथरा रहा है. यही वजह है कि समय पर उसकी प्रोन्नति भी होती रही. सिपाही के पद पर बहाल होने के बाद 39 सालों तक पुलिस विभाग में काम करते हुए वह दारोगा के पद से रिटायर हुआ.

Last Updated : Jul 14, 2022, 7:13 PM IST
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