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खाद्य गुणवत्ता की जांच पड़ी धीमी, हेल्थ डिपार्टमेंट और आरएमसी कोरोना के खिलाफ लड़ रहा जंग

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Published : May 15, 2021, 6:09 PM IST

Updated : May 16, 2021, 11:06 PM IST

पूरा झारखंड कोरोना से जंग लड़ रहा है. हर तबका, हर वर्ग, पूरा सिस्टम एक साथ इस लड़ाई में एकजुट है. इस दौरान झारखंड में खाद्य गुणवत्ता की जांच धीमी पड़ गई है. खाद्य सुरक्षा पर समझौता तो नहीं किया जा रहा है. लेकिन फूड सेफ्टी की जांच की रफ्तार कम होने से चुनौती जरूर है.

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खाद्य गुणवत्ता

रांचीः रांची नगर निगम क्षेत्र और आसपास के इलाकों में 6000 से ज्यादा छोटे बड़े होटल और रेस्टोरेंट हैं. साथ ही ढाबा और ठेले पर खाद्य पदार्थ बेचने वाले भी हैं. वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता की जांच एक अहम पहलू है. क्योंकि संक्रमण के फैलाव में भोजन की खराब गुणवत्ता बड़ी भूमिका निभा सकती है.

देखें पूरी खबर

इसे भी पढ़ें- निजी अस्पताल में कोरोना का इलाज महंगा! जानिए कैसे उड़ा रहे नियमों की धज्जियां?

स्वास्थ्य विभाग की ओर से गुणवत्ता की जांच की जाती है. वहीं रांची नगर निगम की ओर से साफ-सफाई की निगरानी करते हुए विशेष ध्यान दिया जाता है. हालांकि कोरोना की वजह से बिगड़ते हालात के दौरान वर्तमान में निगम क्षेत्र समेत निगम के बाहरी इलाकों में बड़े पैमाने पर होटल, रेस्टोरेंट होने की वजह से खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की जांच चुनौती बनी हुई है.


गुणवत्ता जांच की रफ्तार हुई धीमी

वर्तमान समय में रांची जिला में स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के तहत कई पाबंदियां हैं. इस वजह से कई होटल और रेस्त्रां बंद है. साथ ही ठेले खोमचे वाले भी खाद्य पदार्थ का दुकान नहीं लगा रहे हैं. फिर भी सरकार के निर्देश के तहत होटल, रेस्टोरेंट को होम डिलीवरी की छूट दी गई है. स्वास्थ्य विभाग के फूड सेफ्टी ऑफिसर शहर के अंदर और बाहरी इलाकों में स्थित होटल, रेस्त्रां, ठेले खोमचे पर खाद्य पदार्थ बेचने वालों की गुणवत्ता की जांच लगातार कर रहे हैं. कोरोना संक्रमण काल में बड़े पैमाने पर यह जांच अभियान चलाया जा रहा था, ताकि लोगों को बेहतर खाद्य पदार्थ मिल सके. लेकिन कोरोना संक्रमण के बढ़ते फैलाव की वजह से इसमें थोड़ी कमी जरूर आई है, फिर भी विशेष तौर पर निगरानी रखी जा रही है.

चेकिंग लगातार जारी है

इतना ही नहीं ऑनलाइन माध्यम से खाद्य पदार्थों की डिलीवरी देने वाले एजेंसियों को भी समय-समय पर फूड सेफ्टी ऑफिसर जांच कर विशेष निर्देश देते हैं. फूड सेफ्टी ऑफिसर डॉ. एसएस कुल्लू ने बताया कि भारत सरकार की योजना के तहत रांची जिला में होटल, रेस्त्रां, बेकरी समेत अन्य खाद्य पदार्थों की दुकानों की जांच की जा रही है. गुणवत्ता की जांच के बाद हाइजीन रेटिंग भी दी जाएगी. इसके साथ ही लाइसेंस, किचन की व्यवस्था समेत अन्य व्यवस्था की जांच की जा रही है, जो लगातार चलती रहेगी. वैसे तो खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की जांच की पूरी जिम्मेदारी रांची नगर निगम को नहीं है. फिर भी नगर निगम की ओर से होटल, रेस्त्रां समेत ठेला-खोमचा लगाने वालों पर सफाई को लेकर तस्दीक दे रही है.

इसे भी पढ़ें- स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ की अहम बैठक, कोरोना से निपटने की रणनीति

डिप्टी मेयर ने की विशेष टीम के गठन की मांग
हेल्थ डिपार्टमेंट के अनुसार रांची जिला में 6000 से ज्यादा होटल, रेस्त्रां हैं. जिसमें से 400 के लगभग रेस्त्रां लाइसेंसधारी हैं, वही लगभग 800 रजिस्टर्ड होटल हैं. वर्तमान समय में स्वास्थ्य विभाग कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहा है. इस वजह से खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की जांच की गति धीमी है. लेकिन शहर के डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय का कहना है कि खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की जांच के लिए विशेष टीम का गठन किया जाना चाहिए. हालांकि उन्होंने कहा कि रांची नगर निगम की इंफोर्समेंट टीम भी लगातार इस पर ध्यान देती रहती है.

रांचीः रांची नगर निगम क्षेत्र और आसपास के इलाकों में 6000 से ज्यादा छोटे बड़े होटल और रेस्टोरेंट हैं. साथ ही ढाबा और ठेले पर खाद्य पदार्थ बेचने वाले भी हैं. वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता की जांच एक अहम पहलू है. क्योंकि संक्रमण के फैलाव में भोजन की खराब गुणवत्ता बड़ी भूमिका निभा सकती है.

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स्वास्थ्य विभाग की ओर से गुणवत्ता की जांच की जाती है. वहीं रांची नगर निगम की ओर से साफ-सफाई की निगरानी करते हुए विशेष ध्यान दिया जाता है. हालांकि कोरोना की वजह से बिगड़ते हालात के दौरान वर्तमान में निगम क्षेत्र समेत निगम के बाहरी इलाकों में बड़े पैमाने पर होटल, रेस्टोरेंट होने की वजह से खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की जांच चुनौती बनी हुई है.


गुणवत्ता जांच की रफ्तार हुई धीमी

वर्तमान समय में रांची जिला में स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के तहत कई पाबंदियां हैं. इस वजह से कई होटल और रेस्त्रां बंद है. साथ ही ठेले खोमचे वाले भी खाद्य पदार्थ का दुकान नहीं लगा रहे हैं. फिर भी सरकार के निर्देश के तहत होटल, रेस्टोरेंट को होम डिलीवरी की छूट दी गई है. स्वास्थ्य विभाग के फूड सेफ्टी ऑफिसर शहर के अंदर और बाहरी इलाकों में स्थित होटल, रेस्त्रां, ठेले खोमचे पर खाद्य पदार्थ बेचने वालों की गुणवत्ता की जांच लगातार कर रहे हैं. कोरोना संक्रमण काल में बड़े पैमाने पर यह जांच अभियान चलाया जा रहा था, ताकि लोगों को बेहतर खाद्य पदार्थ मिल सके. लेकिन कोरोना संक्रमण के बढ़ते फैलाव की वजह से इसमें थोड़ी कमी जरूर आई है, फिर भी विशेष तौर पर निगरानी रखी जा रही है.

चेकिंग लगातार जारी है

इतना ही नहीं ऑनलाइन माध्यम से खाद्य पदार्थों की डिलीवरी देने वाले एजेंसियों को भी समय-समय पर फूड सेफ्टी ऑफिसर जांच कर विशेष निर्देश देते हैं. फूड सेफ्टी ऑफिसर डॉ. एसएस कुल्लू ने बताया कि भारत सरकार की योजना के तहत रांची जिला में होटल, रेस्त्रां, बेकरी समेत अन्य खाद्य पदार्थों की दुकानों की जांच की जा रही है. गुणवत्ता की जांच के बाद हाइजीन रेटिंग भी दी जाएगी. इसके साथ ही लाइसेंस, किचन की व्यवस्था समेत अन्य व्यवस्था की जांच की जा रही है, जो लगातार चलती रहेगी. वैसे तो खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की जांच की पूरी जिम्मेदारी रांची नगर निगम को नहीं है. फिर भी नगर निगम की ओर से होटल, रेस्त्रां समेत ठेला-खोमचा लगाने वालों पर सफाई को लेकर तस्दीक दे रही है.

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डिप्टी मेयर ने की विशेष टीम के गठन की मांग
हेल्थ डिपार्टमेंट के अनुसार रांची जिला में 6000 से ज्यादा होटल, रेस्त्रां हैं. जिसमें से 400 के लगभग रेस्त्रां लाइसेंसधारी हैं, वही लगभग 800 रजिस्टर्ड होटल हैं. वर्तमान समय में स्वास्थ्य विभाग कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहा है. इस वजह से खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की जांच की गति धीमी है. लेकिन शहर के डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय का कहना है कि खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की जांच के लिए विशेष टीम का गठन किया जाना चाहिए. हालांकि उन्होंने कहा कि रांची नगर निगम की इंफोर्समेंट टीम भी लगातार इस पर ध्यान देती रहती है.

Last Updated : May 16, 2021, 11:06 PM IST
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