रांची: राजधानी में 17 साल की नाबालिग से दुष्कर्म और फिर जन्मे बच्चे को बेचने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. सीआईडी मुख्यालय के निर्देश पर इस मामले में रांची पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया गया है.
दर्ज हुआ नाबालिग का बयान
सीआईडी को 17 साल की एक नाबालिग मिली है. नाबालिग ने सीआईडी इंस्पेक्टर आभा वर्मन के सामने बयान दिया है, जिसमें निर्मल ह्रदय और उर्सलाइन कांवेंट रांची और खूंटी की भूमिका संदेहास्पद बतायी गई है. सीआईडी मुख्यालय ने पूरे मामले में निर्मल ह्रदय संस्था से जुड़ी सिस्टर्स और उर्सलाइन की सिस्टर जेमा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है. रांची की कोतवाली एएचटीयू थाने में इस संबंध में एफआईआर दर्ज की जाएगी.
ये भी पढ़ें- सभी जिलों के एसपी के कामकाज की हुई समीक्षा, अपराधियों को सजा दिलाने पर जोर देने का दिया गया निर्देश
क्या है मामला
जानकारी के मुताबिक 2012 में जगन्नाथपुर इलाके में एक नाबालिग के साथ उसके गांव के एक शख्स ने दुष्कर्म किया था. पूरे मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. पीड़िता के द्वारा सीआईडी को दिए गया बयान के मुताबिक, वारदात के छह माह बाद उसे पता चला की वह गर्भवती है. ऐसे में परिजन नाबालिग को निर्मल ह्रदय ले आए थे. पीड़िता के मुताबिक, कुछ माह यहां रहने के बाद रिम्स में उसे बच्चा पैदा हुआ. पीड़िता का आरोप है कि बच्चा पैदा होने के बाद सिस्टर जेमा, आशा किरण उर्सलाइन कांवेंट रांची की संचालिका वहां आ गईं. इसके बाद परिवार को बगैर जानकारी दिए किसी और को बेच दिया गया. पीड़िता के मुताबिक, बाद में सिस्टर जेमा अपने साथ नाबालिग को खूंटी के फूदी ले गई.
क्या है आरोप
पीड़िता का आरोप है कि निर्मल ह्रदय की संचालिका और सिस्टर, सिस्टर जेमा ने आपसी मिलीभगत से तथ्यों को छिपाते हुए परिवार की सहमति के बगैर ही नवजात बच्चे को किसी और को सौंप दिया. इस मामले में सीआईडी के अलावा खूंटी सीडब्लूसी ने भी पीड़िता का बयान लिया है.