रांची: कोरोना की दूसरी लहर (Second Wave of Corona) कम होते जा रही है, लेकिन पोस्ट कोविड बीमारी (Post Covid Disease) लोगों को भयभीत कर रहा है. झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में जहां कोरोना के सिर्फ 01 संक्रमित भर्ती हैं. वहीं पोस्ट कोविड के 35 मरीजों का इलाज अलग-अलग वार्डों में चल रहा है. जबकि ब्लैक फंगस (Black Fungus) के 9, लंग्स एंड चेस्ट डिजीज सहित दूसरी बीमारियों के 26 पोस्ट कोविड मरीज रिम्स में भर्ती हैं.
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रिम्स के न्यू ट्रामा सेंटर, ओल्ड ट्रामा सेंटर, डेंगू वार्ड में पोस्ट कोविड मरीजों का इलाज चल रहा है, जिसमें कई की स्थिति गंभीर बनी हुई है. रिम्स के जनसम्पर्क अधिकारी डॉ डीके सिन्हा के अनुसार राज्य में पोस्ट कोविड के 35 मरीजों का इलाज चल रहा है, जिसमें 9 म्यूकर माइकोसिस यानि ब्लैक फंगस के हैं. वहीं 26 मरीज सांस लेने में परेशानी, लंग्स इंफेक्शन सहित अन्य बीमारियों की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंचे थे. रिम्स में सोमवार को दो सस्पेक्टेड कोरोना पॉजिटिव मरीज को भी भर्ती किया गया है, जिसका सैंपल लेकर RT पीसीआर टेस्ट के लिए भेज दिया गया है. वहीं सदर अस्पताल में अभी कोरोना के एक भी मरीज भर्ती नहीं है.
झारखंड में अब तक मिल चुके हैं ब्लैक फंगस के 162 मरीज
राज्य में कोरोना के 2nd वेव के बाद 162 मरीज ब्लैक फंगस के मिल चुके हैं, जिसमें 108 ठीक हो गए हैं. जबकि इलाज के दौरान 31 लोगों की मौत हो गई है. वर्तमान में झारखंड में ब्लैक फंगस के 23 मरीजों का इलाज अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है.
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क्या कहते हैं विशेषज्ञ
रिम्स में वर्तमान में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या न के बराबर होने पर कोरोना टास्क फोर्स के सदस्य डॉ अजीत डुंगडुंग ने संतोष जाहिर की है. उन्होंने बताया कि राहत के बीच भी हमें सतर्क रहना होगा. उन्होंने कहा कि जिस तरह केरल, महाराष्ट्र और नार्थ ईस्ट में संक्रमण बढ़ा है वैसे में हम निश्चिंत नहीं हो सकते, इसलिए अनलॉक में छूट मिलने के बाद भी खुद को अनलॉक जैसा रखने की जरूरत है. उन्होंने लोगों से मास्क लगाने, भीड़ इकट्ठा नहीं करने और वैक्सीन लेने की अपील की है. वहीं पोस्ट कोविड मरीजों की बड़ी संख्या को लेकर डॉ डुंगडुंग ने कहा कि दूसरी लहर में मरीजों की जान बचाने के लिए डॉक्टरों ने उन्हें स्टेरॉयड सहित कई दवाएं दी. संभव है कि उसकी वजह से कुछ बीमारियां हो रही है, लेकिने स्थिति कमांड में है.
बच्चे हो रहे हैं MIS-C के शिकार
झारखंड में दो तरह के पोस्ट कोविड मरीज मिल रहे हैं. पहला वो मरीज जिनको कोविड हुआ और इलाज के बाद स्वस्थ हुए. उसके बाद पोस्ट कोविड बीमारियों ने उन्हें जकड़ लिया. वहीं दूसरा 18 साल से कम उम्र के वैसे बच्चे जो MIS -C के शिकार होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं. इन बच्चों के माता-पिता को भी संक्रमण का पता नहीं चल सका.