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टोटल फिल्मीः IAS बनने की थी सनक, इंटरव्यू में फेल होने पर रचा ड्रामा

रांची के अशोक नगर (Ashok Nagar) इलाके से एक फर्जी महिला आईएएस अफसर (Fake Women IAS Officer) को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. दरअसल, महिला मोनिका यूपीएससी का इंटरव्यू क्लियर नहीं कर पाई थी. जिसके बाद उसने स्टेटस मेनटेन करने के लिए फर्जी आईएएस अधिकारी बनने का ढोंग रचा था.

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Published : Jul 25, 2021, 7:39 AM IST

fake women ias officer creating filmy drama for maintaining status in ranchi
फर्जी महिला आईएएस मोनिका

रांची: अशोक नगर कॉलोनी से पकड़ी गई फर्जी महिला आईएएस अधिकारी (Fake Women IAS Officer) मोनिका आखिरकार सलाखों के पीछे चली गई. शनिवार को रांची पुलिस ने मोनिका को जेल भेज दिया है. जेल जाने से पहले मोनिका ने बताया कि वह 2018 के यूपीएससी एग्जाम में पीटी और मेंस क्लियर कर चुकी थी, लेकिन इंटरव्यू में चूक गई. इसी वजह से उसने फर्जी आईएएस अधिकारी (Fake Female IAS Officer) बनने का ढोंग रचा था.

ये भी पढ़ें- पूरी फिल्मी है इस मोनिका की कहानी, IAS बनने की हसरत ने पहुंचा दिया हवालात

कहानी पूरी फिल्मी
साल 2018 में यूपीएससी का मेंस और पीटी क्लियर करने के बाद मोनिका यह मानने लगी थी कि वह अब आईएएस अधिकारी बन जाएगी. लेकिन वह इंटरव्यू में फेल हो गई. फेल हो जाने के बावजूद मोनिका ने एक फिल्मी प्लॉट तैयार किया और फर्जी आईएएस अधिकारी बन गई. अपने आप को आईएएस अधिकारी साबित करने के लिए ड्राइवर, बॉडीगार्ड भी रख लिया. मोनिका ने पुलिस को बताया कि उसने साल 2018 में ही यूपीएससी की पीटी और मेंस क्लियर किया था. इसके बाद उसने अपने रिश्तेदारों, दोस्तों को बता दिया था कि वह यूपीएससी क्रैक कर चुकी है.

इसके बाद सभी रिश्तेदार उसे एक आईएएस के रूप में जानने लगे थे. इस झूठ से पर्दा न उठ जाए, इसलिए वह आईएएस बनकर स्टेटस मेनटेन करने लगी. रांची में वह खुद को 2020 बैच की आईएएस अधिकारी बता रह रही थी. इसकी जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने बीते शुक्रवार को उसे गिरफ्तार कर लिया. वह अशोक नगर रोड नंबर एक के मकान संख्या C/06 में रहती है. जबकि मूल रूप से वह 213 बड़वाराकला, ग्राम कला, तहसील बड़वारा जिला-कटनी मध्य प्रदेश की रहने वाली है. पिता शेषमणि हेडमास्टर हैं. जबकि मां हेडक्लर्क हैं.

फेसबुक पेज पर भी मोनिका IAS के नाम

मोनिका ने अपना फेसबुक पेज भी मोनिका आईएएस के नाम से बनाया था. फेसबुक पोस्ट में भी उसने खुद को आईएएस घोषित कर रखा था.

ठगी का कोई मामला नहीं आया सामने

हालांकि मोनिका के बारे में हुई अब तक की छानबीन में किसी भी तरह की ठगी या कोशिश का मामला नहीं मिला है. केवल वह अपना स्टेटस मेनटेन करने के लिए आईएएस बनकर घूम रही थी. जेल जाने से पहले माेनिका बोली जेल तो जा रही हूं, लेकिन बहुत बुरा लग रहा है. जेल से छूटकर हर हाल में आईएएस अफसर बनकर दिखाउंगी. उसने बताया अपने किए पर पछतावा है, पर उसे नहीं पता था कि ऐसा करना अपराध है.

कभी-कभी बैठकों में भी होती थी शामिल

मोनिका ने पूछताछ में बताया कि वह रांची, जमशेदपुर सहित अन्य जिलों के डीसी-डीडीसी से मिलने चली जाती थी. कहीं आईएएस अफसरों की बैठक या कोई कार्यक्रम की जानकारी मिलती थी, वहां भी पहुंच जाती थी. फर्जी न लगे इसलिए वह अपने साथ बॉडीगार्ड, असिस्टेंट कलेक्टर लिखी व सरकार की लोगो लगाकर कार में घूमती थी. घर में रसोईया भी रखती थी, वह अपने मकान मालिक व पड़ोसियों को बताती थी कि असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में वह जमशेदपुर में पोस्टेड है. संदिग्ध गतिविधि लगने पर पुलिस को सूचना हुई और मोनिका गिरफ्तार कर ली गई. इधर, पुलिस ने मोनिका के घरवालों काे सूचना दी है.

रांची: अशोक नगर कॉलोनी से पकड़ी गई फर्जी महिला आईएएस अधिकारी (Fake Women IAS Officer) मोनिका आखिरकार सलाखों के पीछे चली गई. शनिवार को रांची पुलिस ने मोनिका को जेल भेज दिया है. जेल जाने से पहले मोनिका ने बताया कि वह 2018 के यूपीएससी एग्जाम में पीटी और मेंस क्लियर कर चुकी थी, लेकिन इंटरव्यू में चूक गई. इसी वजह से उसने फर्जी आईएएस अधिकारी (Fake Female IAS Officer) बनने का ढोंग रचा था.

ये भी पढ़ें- पूरी फिल्मी है इस मोनिका की कहानी, IAS बनने की हसरत ने पहुंचा दिया हवालात

कहानी पूरी फिल्मी
साल 2018 में यूपीएससी का मेंस और पीटी क्लियर करने के बाद मोनिका यह मानने लगी थी कि वह अब आईएएस अधिकारी बन जाएगी. लेकिन वह इंटरव्यू में फेल हो गई. फेल हो जाने के बावजूद मोनिका ने एक फिल्मी प्लॉट तैयार किया और फर्जी आईएएस अधिकारी बन गई. अपने आप को आईएएस अधिकारी साबित करने के लिए ड्राइवर, बॉडीगार्ड भी रख लिया. मोनिका ने पुलिस को बताया कि उसने साल 2018 में ही यूपीएससी की पीटी और मेंस क्लियर किया था. इसके बाद उसने अपने रिश्तेदारों, दोस्तों को बता दिया था कि वह यूपीएससी क्रैक कर चुकी है.

इसके बाद सभी रिश्तेदार उसे एक आईएएस के रूप में जानने लगे थे. इस झूठ से पर्दा न उठ जाए, इसलिए वह आईएएस बनकर स्टेटस मेनटेन करने लगी. रांची में वह खुद को 2020 बैच की आईएएस अधिकारी बता रह रही थी. इसकी जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने बीते शुक्रवार को उसे गिरफ्तार कर लिया. वह अशोक नगर रोड नंबर एक के मकान संख्या C/06 में रहती है. जबकि मूल रूप से वह 213 बड़वाराकला, ग्राम कला, तहसील बड़वारा जिला-कटनी मध्य प्रदेश की रहने वाली है. पिता शेषमणि हेडमास्टर हैं. जबकि मां हेडक्लर्क हैं.

फेसबुक पेज पर भी मोनिका IAS के नाम

मोनिका ने अपना फेसबुक पेज भी मोनिका आईएएस के नाम से बनाया था. फेसबुक पोस्ट में भी उसने खुद को आईएएस घोषित कर रखा था.

ठगी का कोई मामला नहीं आया सामने

हालांकि मोनिका के बारे में हुई अब तक की छानबीन में किसी भी तरह की ठगी या कोशिश का मामला नहीं मिला है. केवल वह अपना स्टेटस मेनटेन करने के लिए आईएएस बनकर घूम रही थी. जेल जाने से पहले माेनिका बोली जेल तो जा रही हूं, लेकिन बहुत बुरा लग रहा है. जेल से छूटकर हर हाल में आईएएस अफसर बनकर दिखाउंगी. उसने बताया अपने किए पर पछतावा है, पर उसे नहीं पता था कि ऐसा करना अपराध है.

कभी-कभी बैठकों में भी होती थी शामिल

मोनिका ने पूछताछ में बताया कि वह रांची, जमशेदपुर सहित अन्य जिलों के डीसी-डीडीसी से मिलने चली जाती थी. कहीं आईएएस अफसरों की बैठक या कोई कार्यक्रम की जानकारी मिलती थी, वहां भी पहुंच जाती थी. फर्जी न लगे इसलिए वह अपने साथ बॉडीगार्ड, असिस्टेंट कलेक्टर लिखी व सरकार की लोगो लगाकर कार में घूमती थी. घर में रसोईया भी रखती थी, वह अपने मकान मालिक व पड़ोसियों को बताती थी कि असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में वह जमशेदपुर में पोस्टेड है. संदिग्ध गतिविधि लगने पर पुलिस को सूचना हुई और मोनिका गिरफ्तार कर ली गई. इधर, पुलिस ने मोनिका के घरवालों काे सूचना दी है.

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