रांचीः आरयू की ओर से नैक मूल्यांकन को लेकर तमाम तरह की तैयारियां की जा रही हैं. इसी कड़ी में आर्यभट्ट सभागार में विश्वविद्यालय के शिक्षकों और छात्रों द्वारा लिखी गई पुस्तकों की प्रदर्शनी लगाई गई. इस पुस्तक प्रदर्शनी में कई शिक्षाविद शामिल हुए.
विद्यार्थी और शिक्षक वर्ग में किताबों का महत्व काफी बढ़ जाता है. किताबों के बिना इनकी दिनचर्या की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. बताते चलें कि रांची विश्वविद्यालय के शिक्षक, शिक्षाविद और विद्वानों के अलावा विद्यार्थियों की ओर से भी पुस्तकें लिखी जाती हैं. कई विषयों में रिसर्च भी किया जाता है और उनके द्वारा लिखे गए साथ ही रिसर्च किए गए किताबों का काफी महत्व है. इन्हीं किताबों के जरिए कई दुर्लभ जानकारियां मिलती हैं और इसका लाभ विश्वविद्यालय के विद्यार्थी जरूर उठाते हैं. इस पुस्तक प्रदर्शनी का अवलोकन करने अन्य विश्वविद्यालयों के भी शिक्षाविद, विद्यार्थी और शिक्षक आए.
इस मौके पर रांची यूनिवर्सिटी की कुलपति कामिनी कुमार ने कहा कि यह पुस्तक प्रदर्शनी विद्यार्थियों के अलावा शोधार्थियों के लिए भी फायदेमंद साबित होगा. कई अन्य विश्वविद्यालयों के शिक्षाविद भी इस प्रदर्शनी में पहुंच रहे हैं. उनके अनुभव का लाभ भी यहां के विद्यार्थियों, शिक्षकों और शिक्षाविदों को मिलेगा.
रांची यूनिवर्सिटी में लगी प्रदर्शनी, कई विश्वविद्यालयों के शिक्षाविद हुए शामिल
रांची यूनिवर्सिटी के आर्यभट्ट सभागार में एक प्रदर्शनी लगाई गई. इसमें विश्वविद्यालय के ही छात्र और शिक्षकों की लिखी गई किताबों को रखा गया है.
रांचीः आरयू की ओर से नैक मूल्यांकन को लेकर तमाम तरह की तैयारियां की जा रही हैं. इसी कड़ी में आर्यभट्ट सभागार में विश्वविद्यालय के शिक्षकों और छात्रों द्वारा लिखी गई पुस्तकों की प्रदर्शनी लगाई गई. इस पुस्तक प्रदर्शनी में कई शिक्षाविद शामिल हुए.
विद्यार्थी और शिक्षक वर्ग में किताबों का महत्व काफी बढ़ जाता है. किताबों के बिना इनकी दिनचर्या की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. बताते चलें कि रांची विश्वविद्यालय के शिक्षक, शिक्षाविद और विद्वानों के अलावा विद्यार्थियों की ओर से भी पुस्तकें लिखी जाती हैं. कई विषयों में रिसर्च भी किया जाता है और उनके द्वारा लिखे गए साथ ही रिसर्च किए गए किताबों का काफी महत्व है. इन्हीं किताबों के जरिए कई दुर्लभ जानकारियां मिलती हैं और इसका लाभ विश्वविद्यालय के विद्यार्थी जरूर उठाते हैं. इस पुस्तक प्रदर्शनी का अवलोकन करने अन्य विश्वविद्यालयों के भी शिक्षाविद, विद्यार्थी और शिक्षक आए.
इस मौके पर रांची यूनिवर्सिटी की कुलपति कामिनी कुमार ने कहा कि यह पुस्तक प्रदर्शनी विद्यार्थियों के अलावा शोधार्थियों के लिए भी फायदेमंद साबित होगा. कई अन्य विश्वविद्यालयों के शिक्षाविद भी इस प्रदर्शनी में पहुंच रहे हैं. उनके अनुभव का लाभ भी यहां के विद्यार्थियों, शिक्षकों और शिक्षाविदों को मिलेगा.