रांची: किसी भी परिवार में पति पत्नी के बीच वैवाहिक जीवन तभी बेहतर हो सकता है, जब आपसी संबंध अच्छे हों लेकिन वहीं छोटी-छोटी बातों को लेकर जब पति पत्नी के बीच विवाद शुरू हो जाता है तब रिश्तो में दरार पड़ने लगती है. इससे परिवार टूटने के कगार पर पहुंच जाता है. ऐसे टूटते परिवार को जोड़ने में जिला विधिक सेवा प्राधिकार रांची महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है.
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भारतीय संस्कृति में विवाह एक पवित्र बंधन है. जब कोई जोड़ा परिणय सूत्र में बंधता है तो उस वक्त एक दूसरे से सात जन्मों तक साथ निभाने की कसम खाता है. हर सुख दुख में साथ देने के वादे किए जाते हैं, लेकिन इस पवित्र बंधन की डोर तब कमजोर होने लगती है जब पति-पत्नी एक दूसरे को समझ नहीं पाते हैं.
दोनों का एक दूसरे से भरोसा उठने लगता है और नतीजा यह होता है कि छोटी-छोटी बातों को लेकर उठा विवाद इतना बढ़ जाता है कि दोनों एक दूसरे के खिलाफ हो जाते हैं और फिर मामला थाना और कोर्ट में पहुंच जाता है. न्यायालय में पहुंचे तलाक की अर्जी पर कोर्ट की तरफ से किए गए न्याय से एक पक्ष की जीत तो दूसरे पक्ष की हार होती है. इस विशेष मध्यस्था में की गई सुलह से दोनों पक्षकारों की जीत होती है.
न्यायालय में पहुंचे परिवारिक मामलों के निष्पादन के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से पांच दिवसीय विशेष मध्यस्थता का आयोजन किया गया है. इसका शुभारंभ फैमिली जज पीयूष कुमार ने दीप प्रज्वलित कर किया. इस विशेष मध्यस्थता को प्रभावी बनाने के लिए 250 पारिवारिक मामले का आवेदन फैमिली कोर्ट से डालसा में रेफर किया गया, ताकि सर्वाधिक मामलों का निष्पादन आपसी सुलह समझौता से किया जा सके.
किसी भी टूटते परिवार को जोड़ने में मीडिएटर की अहम भूमिका होती है. दरअसल, इनके अथक प्रयास से ही अलग-अलग रहने की चाहत रखने वाले पति पत्नी साथ रहने को राजी होते हैं जिसको लेकर डालसा की ओर से 11 एक्सपर्ट मीडिएटर प्रतिनियुक्त किए गए हैं, जो दोनों पक्षों को बैठाकर काउंसलिंग कर सुलह की पेशकश कर रहे हैं ताकि किसी परिवार टूटने से बचाया जा सके.
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जिला विधिक सेवा प्राधिकार रांची की ओर से आयोजित विशेष मध्यस्था पक्षकारों के लिए कई मायनों में बेहद खास होती है. इससे जहां एक तरफ पक्षकारों को त्वरित न्याय पाने का अवसर मिलता है. वही दोनों पक्षकारों के बीच आपसी संबंध भी हमेशा के लिए बेहतर बने रहते हैं. न्याय पाने का यह एक ऐसा माध्यम होता है जिसमें दोनों पक्षकारों की जीत होती है.