रांचीः आमतौर पर रोजगार नहीं मिलने की शिकायतें आती रहती हैं. मगर सच्चाई यह है कि लोग अवसर मिलने के बावजूद नौकरी करने से कतरा रहे हैं. यदि इसकी सच्चाई देखनी हो तो झारखंड सरकार के नियोजनालय में लग रहे रोजगार मेला में जाकर आप देख सकते हैं. कुछ ऐसा ही नजारा रांची स्थित अवर प्रादेशिक नियोजनालय में मंगलवार यानी 26 अक्टूबर को देखने को मिला. जहां एक तो रिक्तियों से कम अभ्यर्थी पहुंचे, वहीं चयनित अभ्यर्थियों की संख्या भी काफी कम रही.
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श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा आयोजित इस रोजगार मेला के माध्यम से एलआईसी एजेंट बनने से लेकर नासिक महाराष्ट्र के जिंदल पॉली फिल्म्स में ट्रेनी कम जूनियर ऑपरेटर तक के पदों पर नियुक्ति के लिए दिनभर अभ्यर्थियों की प्रतीक्षा होती रही.
इन कंपनियों के लिए दी जा रही थी नौकरी
- नासिक महाराष्ट्र के जिंदल पॉली फिल्म्स में ट्रेनी कम जूनियर ऑपरेटर के 100 रिक्तियां
- NTTF जमशेदपुर के NEEM Trainee के लिए 50 पद
- Lic of India में रांची के Lic Agent के 100 पद
इन पदों के लिए आयोजित रोजगार मेला में मात्र 48 अभ्यर्थी शामिल हुए, जिसमें से मात्र 10 अभ्यर्थियों का अंतिम रूप से चयन हुआ. वहीं 19 अभ्यर्थियों को शौर्टलिस्ट किया गया है. इस तरह से देखें तो विभिन्न पदों के कुल 250 सीटों में महज 5% भी नहीं भर सका. अभ्यर्थी का इंतजार नियोजनालय के अधिकारी और कंपनी के द्वारा की जाती रही. रांची नियोजनालय के अधिकारियों की मानें तो योग्यता के अनुरूप अभ्यर्थियों की कमी देखी जा रही है. जिसके कारण रिक्त पदों के अनुरुप नियुक्ति नहीं हो रही है. राज्य सरकार ने 2021 को रोजगार वर्ष घोषित कर रखा है. जिसके तहत हर नियोजनालय में रोजगार मेला आयोजित कर लोगों को रोजगार मुहैया कराया जा रहा है. मगर अभ्यर्थियों की उदासीनता के कारण रोजगार मेला फीका पड़ता जा रहा है. आवश्यकता इस बात की है कि इसे प्रचारित प्रसारित कर प्राइवेट सेक्टर में रोजगार के बारे में लोगों तक जानकारी पहुंचाई जाय. जिससे योग्यता के अनुरूप उन्हें रोजगार मिल सके.