रांची: झारखंड वासियों को नियमित बिजली देने के लिए किए जा रहे कार्यों को समय पर नहीं करने वाले अधिकारियों पर सरकार कार्रवाई की तैयारी में है. इसे ध्यान में रखते हुए मुख्य सचिव डॉ. डी के तिवारी ने झारखंड ऊर्जा संचरण निगम, विद्युत वितरण निगम के कार्यों और उसके राजस्व को लेकर बैठक बुलाई.
उन्होंने सभी एरिया बोर्डों द्वारा बिजली बिल के विरुद्ध कम राजस्व उगाही को गंभीरता से लेते हुए निर्देश दिया कि बोर्ड के जेनरल मैनेजर को इसके लिए जिम्मेदार मानते हुए कार्रवाई करें. उन्होंने उनसे स्पष्टीकरण मांगा है, और उनके इंक्रीमेंट और प्रमोशन को रोकने का निर्देश भी दिया है.
इस मामले में मेदिनीनगर, गिरिडीह और धनबाद बोर्ड का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है. जबकि जमशेदपुर 90 फीसदी से अधिक राजस्व उगाही कर सभी बोर्डों में आगे रहा है. मुख्य सचिव ने ऊर्जा वितरण निगम के एमडी से सर्किल स्तर पर राजस्व उगाही के आंकड़े की भी जानकारी मांगी है. साथ ही मुख्य सचिव ने नवनिर्मित पावर सब स्टेशनों को जल्द चालू करने का निर्देश दिया.
वहीं जिन एजेंसियों ने काम पूरा कर लिया है, उनके बिल का भुगतान भी जल्द करने का निर्देश दिया. उन्होंने अब तक कार्य पूरा कर चुके एजेंसियों के बकाया भुगतान की वर्तमान स्थिति से अवगत कराने का भी निर्देश विद्युत वितरण निगम को दिया है. वहीं उन्होंने 33 और 11 केवी के लाइन का काम समय पर पूरा नहीं होने पर नाराजगी जतायी है.
साथ ही उन्होंने मीटर लगाने की सुस्त प्रक्रिया पर नाराजगी जताते हुए सितंबर तक कार्य पूरा करने का निर्देश दिया है, क्योंकि रांची में 89,015 घरों में मीटर लगाने की जगह अभी तक महज 37,236 घरों में मीटर लगाए गए हैं. साथ ही ऊर्जा संचार निगम द्वारा निर्मित कराए जा रहे राज्य के कुल 26 ग्रिड सब स्टेशनों की कार्य प्रगति में देरी पर मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि संबंधित एजेंसी को डिबार और टर्मिनेंट करने की कार्रवाई करें.