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कोरोना से प्रभावित हुई शिक्षा व्यवस्था, रांची में बेरोजगारी के कगार पर हजारों कोचिंग टीचर

इस कोरोना महामारी ने देश की अर्थव्यवस्था सहित और भी तमाम तरह की व्यवस्थाओं को बूरी तरह से प्रभावित किया है. ऐसे ही देश की शिक्षा व्यवस्था भी पूरी तरह से चौपट हो गई है. विद्यार्थी कोचिंग में जाने से डर रहे हैं. जिस वजह से रांची के भी कोंचिग सेंटरों में ताला लग गए हैं. संस्थान से जुड़े लोगों का बेरोजगारी में हाल बेहाल है.

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Published : Jun 6, 2020, 6:19 PM IST

Education system affected in ranchi jharkhand
रांची में शिक्षा व्यवस्था

रांची: कोरोना वायरस का असर शिक्षा जगत पर भी व्यापक स्तर पर पड़ा है. कोचिंग सेंटर और ट्यूशन पढ़ाने वाले शिक्षित युवा बेरोजगारी के कगार पर हैं. तो कई कोचिंग संचालक कोचिंग सेंटरों में ताला लगा दिया है और ऐसे शिक्षित युवाओं की संख्या हजारों में है जो फिलहाल बेरोजगार हो चुके हैं. ऑनलाइन क्लासेज भी ऐसे युवाओं को राहत नहीं दे पा रही है. क्योंकि ऑनलाइन क्लासेस में विद्यार्थियों की संख्या कम है. सभी विद्यार्थी ऑनलाइन क्लासेस में रुचि नहीं दिखा रहे.

देखें पूरी खबर

कोरोना महामारी और इसके बाद लॉकडाउन के कारण हर क्षेत्र में असर पड़ा है. लेकिन शिक्षा जगत में व्यापक स्तर पर इसका असर देखा जा रहा है. स्कूल शिक्षण संस्थानों के अलावा कोचिंग और ट्यूशन चलाने वाले शिक्षक बेरोजगारी के कगार पर हैं. झारखंड के हजारों कोचिंग सेंटर बंद हो चुके हैं और इससे जुड़े शिक्षक बेरोजगार हो चुके हैं. सिर्फ रांची में ही ऐसे छोटे स्तर के एक हजार से 1200 कोचिंग सेंटर बंदी के कगार पर है. हालांकि कुछ हद तक ऑनलाइन क्लासेज के माध्यम से इन कोचिंग सेंटरों के संचालक अपनी आजीविका चला रहे हैं. इस कारण अधिकतर कोचिंग सेंटर में ताले लग चुके हैं.

ये भी पढ़ें- एर्नाकुलम से प्रवासी मजदूरों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन पहुंची हटिया, महिला श्रमिकों ने सुनाई दर्द भरी दास्तां

स्टूडेंट फिलहाल इन कोचिंग सेंटर की ओर आना नहीं चाहते हैं. अभिभावक भी फिलहाल बच्चों को स्कूल के अलावा कोचिंग सेंटर भेजने के मूड में नहीं हैं. ऐसे में इस महामारी ने शिक्षा जगत पर कड़ा प्रहार किया है.

शिक्षित युवा भी हो चुके बेरोजगार

कोचिंग और ट्यूशन पढ़ाने वाले हजारों शिक्षित युवा भी बेरोजगारी के कगार पर हैं. ट्यूशन पढ़ा कर अपनी आजीविका चलाने वाले युवाओं की फौज जो फिलहाल बेरोजगार हो चुका है. झारखंड की बात करें तो राज्य में बड़े-छोटे कुल 10-11 हजार कोचिंग सेंटर संचालित हैं और इनसे जुड़े शिक्षक फिलहाल बेरोजगारी के कगार में है. इनके लिए यह महामारी किसी अभिशाप से कम नहीं है. घर में ट्यूशन पढ़ाने वाले शिक्षित युवाओं की संख्या भी हजारों में है. ऐसे भी कोचिंग सेंटर है जो गली मोहल्ले और निजी मकानों में भी संचालित हो रहे हैं.

शिक्षित बेरोजगार युवा ऐसे ट्यूशन और कोचिंग सेंटर चला कर अपनी आजीविका चला रहे थे. लेकिन अचानक कोरोना की मार ने इनकी दाल-रोटी छीन ली है.

ऑनलाइन क्लासेस ने कुछ परेशानी कम की है

इनकी मानें तो काफी समस्या खड़ी हुई है. हालांकि कुछ हद तक कुछ युवा ऑनलाइन क्लासेज के जरिए कोचिंग करवा रहे हैं, लेकिन आमदनी इसमें काफी घट गई है. क्योंकि इसमें स्टूडेंट की संख्या कम हो गई है. स्टूडेंट्स ऑनलाइन क्लासेस में ज्यादा रुचि नहीं रख रहे हैं. विद्यार्थियों की मानें तो जो फायदा ब्लैक बोर्ड के जरिए शिक्षक के पढ़ाए जाने पर मिलती है. वह फायदा ऑनलाइन पढ़ाई में नहीं है. ऐसे में फिलहाल कोचिंग सेंटर चलाने वाले लोगों के लिए राहत नहीं है. लोग कोचिंग सेंटर का रेंट चुकाने में भी असमर्थ हो चुके हैं.

ये भी पढ़ें- लॉकडाउन से अप्रभावित रहे भारतीय स्टार्टअप्स, निवेशकों ने कोविड 19 के दौरान भी जारी रखा निवेश करना

राजधानी रांची स्थित एजुकेशन और कोचिंग सेंटर का हब कहे जाने वाले हरिओम टावर की स्थिति भी इन दिनों ठीक नहीं है. बताते चलें की इस पूरे बिल्डिंग के 80 फीसदी काउंटर और कमरे में कोचिंग सेंटर ही संचालित हो रही थी. जो फिलहाल बंद है. विद्यार्थी आ नहीं रहे हैं, कोचिंग सेंटर खोले जाने को लेकर अब तक कोई दिशा-निर्देश राज्य सरकार की ओर से जारी नहीं किया गया है. यहां वर्षो से कार्यरत गार्ड की माने तो लॉकडाउन से पहले यह जगह विद्यार्थियों से गुलजार रहा करता था. हजारों विद्यार्थी प्रत्येक दिन यहां आकर स्टडी करते थे. लेकिन कोरोना वायरस के कारण यह जगह भी वीरान पड़ा है.

रांची: कोरोना वायरस का असर शिक्षा जगत पर भी व्यापक स्तर पर पड़ा है. कोचिंग सेंटर और ट्यूशन पढ़ाने वाले शिक्षित युवा बेरोजगारी के कगार पर हैं. तो कई कोचिंग संचालक कोचिंग सेंटरों में ताला लगा दिया है और ऐसे शिक्षित युवाओं की संख्या हजारों में है जो फिलहाल बेरोजगार हो चुके हैं. ऑनलाइन क्लासेज भी ऐसे युवाओं को राहत नहीं दे पा रही है. क्योंकि ऑनलाइन क्लासेस में विद्यार्थियों की संख्या कम है. सभी विद्यार्थी ऑनलाइन क्लासेस में रुचि नहीं दिखा रहे.

देखें पूरी खबर

कोरोना महामारी और इसके बाद लॉकडाउन के कारण हर क्षेत्र में असर पड़ा है. लेकिन शिक्षा जगत में व्यापक स्तर पर इसका असर देखा जा रहा है. स्कूल शिक्षण संस्थानों के अलावा कोचिंग और ट्यूशन चलाने वाले शिक्षक बेरोजगारी के कगार पर हैं. झारखंड के हजारों कोचिंग सेंटर बंद हो चुके हैं और इससे जुड़े शिक्षक बेरोजगार हो चुके हैं. सिर्फ रांची में ही ऐसे छोटे स्तर के एक हजार से 1200 कोचिंग सेंटर बंदी के कगार पर है. हालांकि कुछ हद तक ऑनलाइन क्लासेज के माध्यम से इन कोचिंग सेंटरों के संचालक अपनी आजीविका चला रहे हैं. इस कारण अधिकतर कोचिंग सेंटर में ताले लग चुके हैं.

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स्टूडेंट फिलहाल इन कोचिंग सेंटर की ओर आना नहीं चाहते हैं. अभिभावक भी फिलहाल बच्चों को स्कूल के अलावा कोचिंग सेंटर भेजने के मूड में नहीं हैं. ऐसे में इस महामारी ने शिक्षा जगत पर कड़ा प्रहार किया है.

शिक्षित युवा भी हो चुके बेरोजगार

कोचिंग और ट्यूशन पढ़ाने वाले हजारों शिक्षित युवा भी बेरोजगारी के कगार पर हैं. ट्यूशन पढ़ा कर अपनी आजीविका चलाने वाले युवाओं की फौज जो फिलहाल बेरोजगार हो चुका है. झारखंड की बात करें तो राज्य में बड़े-छोटे कुल 10-11 हजार कोचिंग सेंटर संचालित हैं और इनसे जुड़े शिक्षक फिलहाल बेरोजगारी के कगार में है. इनके लिए यह महामारी किसी अभिशाप से कम नहीं है. घर में ट्यूशन पढ़ाने वाले शिक्षित युवाओं की संख्या भी हजारों में है. ऐसे भी कोचिंग सेंटर है जो गली मोहल्ले और निजी मकानों में भी संचालित हो रहे हैं.

शिक्षित बेरोजगार युवा ऐसे ट्यूशन और कोचिंग सेंटर चला कर अपनी आजीविका चला रहे थे. लेकिन अचानक कोरोना की मार ने इनकी दाल-रोटी छीन ली है.

ऑनलाइन क्लासेस ने कुछ परेशानी कम की है

इनकी मानें तो काफी समस्या खड़ी हुई है. हालांकि कुछ हद तक कुछ युवा ऑनलाइन क्लासेज के जरिए कोचिंग करवा रहे हैं, लेकिन आमदनी इसमें काफी घट गई है. क्योंकि इसमें स्टूडेंट की संख्या कम हो गई है. स्टूडेंट्स ऑनलाइन क्लासेस में ज्यादा रुचि नहीं रख रहे हैं. विद्यार्थियों की मानें तो जो फायदा ब्लैक बोर्ड के जरिए शिक्षक के पढ़ाए जाने पर मिलती है. वह फायदा ऑनलाइन पढ़ाई में नहीं है. ऐसे में फिलहाल कोचिंग सेंटर चलाने वाले लोगों के लिए राहत नहीं है. लोग कोचिंग सेंटर का रेंट चुकाने में भी असमर्थ हो चुके हैं.

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राजधानी रांची स्थित एजुकेशन और कोचिंग सेंटर का हब कहे जाने वाले हरिओम टावर की स्थिति भी इन दिनों ठीक नहीं है. बताते चलें की इस पूरे बिल्डिंग के 80 फीसदी काउंटर और कमरे में कोचिंग सेंटर ही संचालित हो रही थी. जो फिलहाल बंद है. विद्यार्थी आ नहीं रहे हैं, कोचिंग सेंटर खोले जाने को लेकर अब तक कोई दिशा-निर्देश राज्य सरकार की ओर से जारी नहीं किया गया है. यहां वर्षो से कार्यरत गार्ड की माने तो लॉकडाउन से पहले यह जगह विद्यार्थियों से गुलजार रहा करता था. हजारों विद्यार्थी प्रत्येक दिन यहां आकर स्टडी करते थे. लेकिन कोरोना वायरस के कारण यह जगह भी वीरान पड़ा है.

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