रांची: राज्य में निजी स्कूलों की मनमानी से त्रस्त अभिभावकों को जल्द ही राहत मिल सकती है. शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने इस मामले में एक कानून बनाकर निजी स्कूलों पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है.
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निजी स्कूलों से परेशान हैं अभिभावक
कोरोना संक्रमण की वजह से पिछले डेढ़ सालों से स्कूलों के बंद होने के बावजूद अभिभावक स्कूलों की मनमानी फीस से परेशान हैं. राजधानी में कई ऐसे बड़े निजी स्कूल हौ जो ट्यूशन फीस के अलावे अभिभावकों से विभिन्न मदों में पैसे की मांग कर रहे हैं. ईआरपी चार्ज, री-एडमिशन फीस, बिल्डिंग मेंटेनेंस फीस के अलावे कई तरह की फीस का अभिभावक विरोध कर रहे हैं. अभिवावकों के मुताबिक फीस नहीं देने पर उनके बच्चों को या तो ऑनलाइन क्लासेस से वंचित रखा जा रहा है या फिर स्कूल से निकालने की धमकी दी जा रही है. अभिभावकों ने केवल ऑनलाइन क्लासेज के एवज में ट्यूशन फीस लेने की मांग की है.
कई बार हो चुका है आंदोलन
निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर कई बार अभिभावक संघ की ओर से आंदोलन किया गया. लेकिन निजी स्कूलों की लॉबी के आगे डीसी की बनाई समिति भी फेल हो गई. इन निजी स्कूलों के प्रतिनिधियों ने दबाव बनाकर डीसी की बनाई समिति को ही बंद करवा दिया. हालत ये है कि ऐसे कई अभिभावक हैं जो निजी स्कूलों के अतिरिक्त फीस से परेशान होकर अपने बच्चों का नाम स्कूल से कटवा कर सरकारी स्कूलों में एडमिशन करवाने के लिए मजबूर हो गए हैं. इसके बावजूद ऐसे कई निजी स्कूल हैं जो सरकारी नियमों को धत्ता बताकर अपनी मनमानी कर रहे हैं.
निजी स्कूलों पर होगी कार्रवाई
पूरे मामले पर अब शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि पूरे मामले को लेकर एक रिपोर्ट बनाई जा रही है, इस पर जल्द एक नियम तैयार हो जाएगा. शिक्षा मंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा है कि जो भी स्कूल इस नियम को नहीं मानेंगे उन पर कड़ी कार्रवाई होगी.