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ग्रामीण विकास विभाग के इंजीनियर समेत दो के खिलाफ ईडी ने दर्ज की FIR, मिले थे 2.44 करोड़ रुपए - रांची ईडी की खबरें

ग्रामीण विकास विभाग के इंजीनियर सुरेश प्रसाद वर्मा और आलोक रंजन के खिलाफ रांची ईडी ने प्राथमिकी दर्ज की है. इंजीनियर के यहां से मिले थे 2.44 करोड़ रुपए.

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रांची ईडी
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Published : Sep 10, 2020, 10:18 PM IST

रांची: ग्रामीण विकास विभाग के इंजीनियर सुरेश प्रसाद वर्मा और आलोक रंजन के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एफआईआर दर्ज की है. सुरेश वर्मा के मानगो स्थित आवास से एसीबी ने 15 नवंबर 2019 को 2.44 करोड़, 63 लाख के जमीन निवेश संबंधी कागजात, सोना बरामद किया था.

एसीबी ने की थी चार्जशीट
इस मामले में एसीबी ने जांच में सुरेश प्रसाद वर्मा, आलोक रंजन के खिलाफ जनवरी में चार्जशीट दायर की थी. इसी चार्जशीट के आधार पर ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत एफआईआर दर्ज की.

ये भी पढ़ें- 12 लीटर की टंकी में 19 लीटर समा गया पेट्रोल, पंप में कट रही ग्राहकों की जेब

घूस लेते हुई थी गिरफ्तारी

15 नवंबर 2019 को जूनियर इंजीनियर सुरेश प्रसाद वर्मा को 10 हजार घूस लेते गिरफ्तार किया गया था. जेई ने ठेकेदार विकास कुमार से बिल रिलीज करने के बदले पैसे की मांग की थी. ठेकेदार की शिकायत के बाद सुरेश प्रसाद वर्मा को दफ्तर से गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद उनके आवास पर छापेमारी के क्रम में किरायेदार आलोक रंजन के कमरे से 2.44 करोड़ बरामद किए गए थे. मामले में मुख्य अभियंता स्तर के एक अधिकारी की भूमिका संदिग्ध थी.

रांची: ग्रामीण विकास विभाग के इंजीनियर सुरेश प्रसाद वर्मा और आलोक रंजन के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एफआईआर दर्ज की है. सुरेश वर्मा के मानगो स्थित आवास से एसीबी ने 15 नवंबर 2019 को 2.44 करोड़, 63 लाख के जमीन निवेश संबंधी कागजात, सोना बरामद किया था.

एसीबी ने की थी चार्जशीट
इस मामले में एसीबी ने जांच में सुरेश प्रसाद वर्मा, आलोक रंजन के खिलाफ जनवरी में चार्जशीट दायर की थी. इसी चार्जशीट के आधार पर ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत एफआईआर दर्ज की.

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घूस लेते हुई थी गिरफ्तारी

15 नवंबर 2019 को जूनियर इंजीनियर सुरेश प्रसाद वर्मा को 10 हजार घूस लेते गिरफ्तार किया गया था. जेई ने ठेकेदार विकास कुमार से बिल रिलीज करने के बदले पैसे की मांग की थी. ठेकेदार की शिकायत के बाद सुरेश प्रसाद वर्मा को दफ्तर से गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद उनके आवास पर छापेमारी के क्रम में किरायेदार आलोक रंजन के कमरे से 2.44 करोड़ बरामद किए गए थे. मामले में मुख्य अभियंता स्तर के एक अधिकारी की भूमिका संदिग्ध थी.

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