रांची: पिछले तीन वर्षों तक कोरोना पाबंदी झेलने के बाद इस बार लोग दुर्गा पूजा मेला का आनंद उठाने के लिए बेकरार हैं. रांची में एक से बढ़कर एक थीम पर कई भव्य पंडाल बनाए गये हैं. लेकिन मौसम है कि खुशियों पर पानी फेरने के लिए आमादा है (Durga Puja Excitement Can Be Affected By Rain). कलश स्थापना के बाद अब तक कोई ऐसा दिन नहीं रहा, जब बारिश न हुई हो. इसकी वजह से पंडाल की सजावट को अंतिम रूप देने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
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मौसम केंद्र रांची से मिली जानकारी लोगों के उत्साह को फीका कर सकती है. मौसम विभाग के वैज्ञानिक अभिषेक आनंद के मुताबिक 5 अक्टूबर तक राज्य के ज्यादातर हिस्सों में हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश का अनुमान है. जाहिर है अगर ऐसा होता है कि न सिर्फ रावण दहन के कार्यक्रम पर असर पड़ेगा बल्कि सप्तमी से नवमी तक पूजा पंडाल देखने के लिए उमड़ने वाली भीड़ पर भी असर पड़ेगा. मौसम केंद्र के मुताबिक 1 अक्टूबर यानी षष्ठी के दिन उत्तर-पूर्व और बंगाल की खाड़ी से लगे पूर्व-मध्य में निम्न दबाव का क्षेत्र बन सकता है. इसका सीधा असर झारखंड पर भी पड़ सकता है. इसकी वजह से 3 और 4 अक्टूबर को झारखंड के दक्षिण-पूर्व, उत्तरी, मध्य और पश्चिम भाग में कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है.
साल 2019 से 2020 तक कोरोना की वजह से सार्वजिक रूप से धार्मिक आयोजनों पर रोक थी. जबकि साल 20221 में कोरोना के डेल्टा वेरिएंट के घातक प्रभाव के कारण कड़ी शर्तों के साथ पूजा का आयोजन हुआ था. लिहाजा, तीन वर्षों के बाद बिना किसी डर के दुर्गोत्सव का आयोजन हो रहा है. इसको यादगार बनाने के लिए पूजा समितियों ने करोड़ो रू. खर्च किए हैं. लेकिन इस खुशी में चार चांद तभी लग पाएगा, जब मौसम साथ देगा.
खास बात यह है कि पिछले कई दिनों मौसम की बेरूखी के कारण वायरल बीमारियां भी फैली हैं. एलर्जी, सर्दी और बुखार के मामले बढ़े हैं. इसका सीधा असर बच्चों पर पड़ रहा है. अस्पतालों में मरीजों की भीड़ लगी हुई है. लोग प्रार्थना कर रहे हैं कि आने वाले कुछ दिनों तक बारिश न हो, ताकि दुर्गोत्सव का आनंद उठाया जा सके.