रांची: दुमका विधानसभा सीट झारखंड के संथाल क्षेत्र का हिस्सा है. इसकी 78 फीसदी आबादी ग्रामीण है और शेष 22 फीसदी आबादी शहरी है. इस विधानसभा सीट में 6.55 फीसदी अनुसूचित जाति (SC) और 43.41 फीसदी अनुसूचित जनजाति (ST) की आबादी है.
दुमका पूरे संताल परगना में हॉट सीट माना जाता है. यह सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट है. दुमका में 2 प्रखंड दुमका सदर और मसलिया है. इस क्षेत्र में मयूराक्षी मसानजोर डैम है, जिसे कनाडा सरकार की मदद से 1952 में बनाया गया था. हालांकि, डैम के दुमका में होने के बावजूद पूर्ण स्वामित्व पश्चिम बंगाल को दे दिया गया. इसे लेकर विवाद आज भी जारी है.
दुमका विधानसभा क्षेत्र (10)
- कुल वोटर 2,50,720
- पुरुष मतदाता 1,26,210
- महिला मतदाता 1,24,510
- नए पुरुष मतदाता 4,472
- नई महिला मतदाता 3,621
जेएमएम की परंपरागत सीट
दुमका विधानसभा सीट जेएमएम की परंपरागत सीट मानी जाती है. इस सीट से जेएमएम के टिकट पर स्टीफन मरांडी ने 5 बार जीत दर्ज किए हैं. 2009 में हेमंत सोरेन ने पहली बार यहां से जीत दर्ज की और राज्य के उपमुख्यमंत्री और फिर मुख्यमंत्री का पद संभाला.
बीजेपी की लुईस मरांडी की जीत
2014 के चुनाव में हेमंत सोरेन का मुकाबला बीजेपी की डॉ लुईस मरांडी से हुआ. लुईस मरांडी ने हेमंत सोरेन को लगभग 5 हजार वोटों से हराकर पहली बार बीजेपी का परचम लहराया. पहली बार विधायक बनने वाली लुईस मरांडी को सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार ने राज्य का कल्याण मंत्रालय सौंप दिया गया.
2019 विधानसभा चुनाव
2019 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर हेमंत सोरेन ने बीजेपी की लुईस मरांडी को हराया. इस चुनाव में हेमंत सोरेन दो सीटों से चुनाव लड़ रहे थे. हेमंत ने दोनों सीट पर जीत दर्ज की. बाद में इस सीट को हेमंत सोरेन ने छोड़ दिया, जिसके बाद इस सीट पर अब उप चुनाव हो रहा है.
लुईस मरांडी और बसंत सोरेन में मुकाबला
दुमका विधानसभा उप चुनाव में इस सीट पर बीजेपी की लुईस मरांडी एक बार फिर किस्मत आजमा रही हैं. वहीं उनका मुकाबला जेएमएम के बसंत सोरेन से हैं. बसंत सोरेन हेमंत के छोटे भाई हैं. इस सीट पर नाम वापसी के बाद 12 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं, जिसमें 8 निर्दलीय प्रत्याशी हैं.