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रांचीः धरती के भगवान का कमाल, कटे हुए हाथ को जोड़कर डॉक्टरों ने पेश की मिसाल

रांची के श्री जगन्नाथ अस्पताल में एक युवक का हाथ जोड़ कर इतिहास रच दिया. दरअसल, जमशेदपुर के संदीप सिंह का हाथ मशीन में फंसकर शरीर से अलग हो गया था जिसे डॉक्टर्स ने जोड़ दिया.

doctors created history in ranchi
रांची में डॉक्टर्स ने रचा इतिहास
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Published : May 16, 2020, 8:45 PM IST

रांची: झारखंड चिकित्सा के क्षेत्र में लगातार नए कीर्तिमान रचते जा रहा है. जिसका पिछले दिनों जीता जागता सबूत देखने को मिला रांची के श्री जगन्नाथ अस्पताल में. दरअसल, जमशेदपुर के रहने वाले संदीप सिंह का हाथ मशीन में फंसकर पूरी तरह से कट गया था. जिसमें उनकी हड्डी, नस और मांसपेसियां बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके थे. लेकिन डॉक्टरों ने उसके कटे हुए हाथ को जोड़कर उनके जीवन में फिर से नई उम्मीद भर दी.

वीडियो में देखिए पूरी खबर

डॉक्टर सुधीर कुमार बताते हैं कि जिस भयावह तरीके से घायल का हाथ कट कर शरीर से अलग हुआ था उसे देखकर हम लोगों ने भी सोचा कि शायद इलाज करना मुश्किल होगा, लेकिन चिकित्सा धर्म को देखते हुए कटे हुए हाथ को हम लोगों ने जोड़ने के लिए इलाज शुरू किया और हमारी कोशिश रंग लाई. इसी के साथ इस कठिन ऑपरेशन को सफल बनाया गया.

ये भी पढ़ें- झारखंड के 12 मजदूरों की यूपी सड़क हादसे में मौत, बोकारो के रहने वाले थे सभी मजदूर

डॉक्टर सुधीर कुमार बताते हैं कि जिस प्रकार से मशीन में हाथ कटा था, वैसी स्थिति में हाथ को जोड़ना बहुत ही मुश्किल है, क्योंकि हाथ के नस हड्डी और कई अंग पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके थे, लेकिन हम लोगों ने सभी को मिलाकर काफी बारीकियों के साथ मरीज का ऑपरेशन कर उसके हाथ को फिर से वापस जोड़ दिया. इसीलिए आज रांची में यह ऑपरेशन कर एक नया कीर्तिमान कहा जा सकता है.

मरीज के परिजनों ने कहा

वहीं घायल संदीप सिंह के परिजन प्रियंका बताती हैं कि जिस तरह से हाथ कटने के बाद कटे हुए अंग की स्थिति भयावह थी, उसे देखकर हम लोगों ने उम्मीद ही छोड़ दी थी, लेकिन जगन्नाथपुर के डॉक्टर सुधीर कुमार ने असंभव को संभव कर दिया, इसीलिए शायद डॉक्टरों को धरती का भगवान कहा जाता है.

अपना हाथ देख खुश हुए घायल संदीप सिंह

अपना हाथ वापस देखने के बाद घायल संदीप सिंह बताते हैं कि जिस प्रकार से रांची के डॉक्टरों ने हमारे हाथ को जोड़ा है, निश्चित रूप से हमारे और हमारे परिवार के लिए भगवान से कम नहीं हैं. इस ऑपरेशन में डॉ. सुधीर कुमार के नेतृत्व में डॉ. निलय कुमार, डॉ. संजीव शुक्ला, डॉ. प्रशांत मंदिनवार के अलावा नर्सिंग स्टाफ दीपिका, अंजू और शकुंतला ने प्रमुख भूमिका निभाई.

गौरतलब है कि इस जटिल ऑपरेशन को सफल बनाने के बाद राज्य वासियों को झारखंड के चिकित्सा के क्षेत्र और पद्धति पर एक नया विश्वास पैदा होगा.

रांची: झारखंड चिकित्सा के क्षेत्र में लगातार नए कीर्तिमान रचते जा रहा है. जिसका पिछले दिनों जीता जागता सबूत देखने को मिला रांची के श्री जगन्नाथ अस्पताल में. दरअसल, जमशेदपुर के रहने वाले संदीप सिंह का हाथ मशीन में फंसकर पूरी तरह से कट गया था. जिसमें उनकी हड्डी, नस और मांसपेसियां बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके थे. लेकिन डॉक्टरों ने उसके कटे हुए हाथ को जोड़कर उनके जीवन में फिर से नई उम्मीद भर दी.

वीडियो में देखिए पूरी खबर

डॉक्टर सुधीर कुमार बताते हैं कि जिस भयावह तरीके से घायल का हाथ कट कर शरीर से अलग हुआ था उसे देखकर हम लोगों ने भी सोचा कि शायद इलाज करना मुश्किल होगा, लेकिन चिकित्सा धर्म को देखते हुए कटे हुए हाथ को हम लोगों ने जोड़ने के लिए इलाज शुरू किया और हमारी कोशिश रंग लाई. इसी के साथ इस कठिन ऑपरेशन को सफल बनाया गया.

ये भी पढ़ें- झारखंड के 12 मजदूरों की यूपी सड़क हादसे में मौत, बोकारो के रहने वाले थे सभी मजदूर

डॉक्टर सुधीर कुमार बताते हैं कि जिस प्रकार से मशीन में हाथ कटा था, वैसी स्थिति में हाथ को जोड़ना बहुत ही मुश्किल है, क्योंकि हाथ के नस हड्डी और कई अंग पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके थे, लेकिन हम लोगों ने सभी को मिलाकर काफी बारीकियों के साथ मरीज का ऑपरेशन कर उसके हाथ को फिर से वापस जोड़ दिया. इसीलिए आज रांची में यह ऑपरेशन कर एक नया कीर्तिमान कहा जा सकता है.

मरीज के परिजनों ने कहा

वहीं घायल संदीप सिंह के परिजन प्रियंका बताती हैं कि जिस तरह से हाथ कटने के बाद कटे हुए अंग की स्थिति भयावह थी, उसे देखकर हम लोगों ने उम्मीद ही छोड़ दी थी, लेकिन जगन्नाथपुर के डॉक्टर सुधीर कुमार ने असंभव को संभव कर दिया, इसीलिए शायद डॉक्टरों को धरती का भगवान कहा जाता है.

अपना हाथ देख खुश हुए घायल संदीप सिंह

अपना हाथ वापस देखने के बाद घायल संदीप सिंह बताते हैं कि जिस प्रकार से रांची के डॉक्टरों ने हमारे हाथ को जोड़ा है, निश्चित रूप से हमारे और हमारे परिवार के लिए भगवान से कम नहीं हैं. इस ऑपरेशन में डॉ. सुधीर कुमार के नेतृत्व में डॉ. निलय कुमार, डॉ. संजीव शुक्ला, डॉ. प्रशांत मंदिनवार के अलावा नर्सिंग स्टाफ दीपिका, अंजू और शकुंतला ने प्रमुख भूमिका निभाई.

गौरतलब है कि इस जटिल ऑपरेशन को सफल बनाने के बाद राज्य वासियों को झारखंड के चिकित्सा के क्षेत्र और पद्धति पर एक नया विश्वास पैदा होगा.

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