रांचीः झारखंड में इन दिनों लगातार अच्छी बारिश हो रही है. ऐसे में जगह जगह खासकर घरों के छतों पर रखे खराब टायर, कोई बर्तन में जमा पानी डेंगू के खतरे को बढ़ा रहा है. डेंगू फैलाने वाले वायरस का वाहक एडिस मच्छर का लार्वा इन्हीं साफ पानी के बर्तनों में तब पनपता है, जब वह पांच- सात दिनों तक यू ही जमा रहता है. ऐसे में राजधानी रांची सहित राज्य भर में डेंगू का खतरा बढ़ने लगा है.
ये भी पढ़ेंः CRPF के 17 जवान डेंगू और 6 चिकनगुनिया से पीड़ित, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
अस्पताल में डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ रही है
रिम्स के मेडिसीन विभाग के हेड डॉ. विद्यापति कहते हैं कि भले ही अभी स्थिति कमांड में हो और पैनिक होने वाली स्थिति नहीं हो पर धीरे धीरे अब डेंगू के मरीजों का भी अस्पताल पहुंचना शुरू हो गया है. उन्होंने ईटीवी भारत से कहा कि ज्यादातर लोगों का इलाज ओपीडी में ही होता है, जबकि कई मरीजों का इलाज इंडोर में हो रहा है.
रिम्स के मेडिसीन विभाग के ही वरीय चिकित्सक डॉ. संजय सिंह कहते हैं कि तेज बुखार के साथ सिर और आंखों में तेज दर्द, त्वचा पर चकत्ते उभर आना, कमजोरी, आंखे लाल होना, उल्टी और नाक से खून आने जैसे कई लक्षण उभर आते हैं.
साफ पानी में ही पनपता है एडिस मच्छर
एडिस मच्छर का लार्वा वैसी जगह पनपता है, जहां साफ पानी खुली जगह पर लंबे दिनों तक जमा रहता है. इसलिए अपने घरों में और आसपास की जगह पर छतों पर पानी नहीं जमा होने दें. पानी के बर्तन से लंबे दिनों तक जमा पानी गिराकर बर्तन को साबुन या राख से रगड़ रगड़ कर साफ कर दें. अपने घरों के आसपास एंटी लार्वा दवा का छिड़काव करें.
दिन और शाम में ज्यादा एक्टिव रहता एडिस मच्छर
ऐसा देखा गया है कि एडिस मच्छर अन्य मच्छरों की अपेक्षा दिन या शाम के समय ज्यादा एक्टिव रहते हैं. ऐसे में इस समय में मच्छरों से बचने के उपाय जरूरी हैं.
बिना चिकित्सक की सलाह के दवा न खाएं
रिम्स मेडिसीन विभाग के हेड डॉ. विद्यापति कहते हैं कि डेंगू में प्लेटलेट्स की कमी हो जाती है, ऐसे में बिना डॉक्टर की सलाह के दवा दुकान से लाकर या खुद से दवा का चुनाव कर खाना जानलेवा तक हो सकता है. डॉ विद्यापति ने कहा कि तेज बुखार और अन्य लक्षण होने की स्थिति में पास के सरकारी अस्पताल या फिर किसी योग्य चिकित्सक की सलाह पर ही दवा शुरू करें.