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रांची में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा पर कोरोना संकट! जिला प्रसाशन से अब तक नहीं मिली अनुमति - bhagwan jagannath Rath Yatra in ranchi

रांची के धुर्वा स्थित जगन्नाथ मंदिर में रथ यात्रा को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं, लेकिन इस बार कोरोना के प्रभाव को लेकर मेले का आयोजन नहीं किया जाएगा. न ही जिला प्रशासन ने भी रथ खींचने को लेकर अब तक कोई निर्णय नहीं लिया है. बता दें कि रथ खींचने में लगभग 300 लोगों की जरूरत होती है.

Preparations started for Rath Yatra
रथ की मरम्मत करते मजदूर
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Published : Jun 16, 2020, 1:11 PM IST

रांची: भगवान श्री जगन्नाथ की ऐतिहासिक रथ यात्रा झारखंड के राजधानी में बड़े धूमधाम से निकाली जाती है. इसकी परंपरा राजधानी में पिछले कई वर्षों से चली आ रही है. इसे लेकर हर साल राजधानी के धुर्वा स्थित जगन्नाथ मंदिर से भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा निकाली जाती है. यह परंपरा 329 वर्षों से की जा रही है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-सिमडेगाः पत्थर माफिया कर रहे अपनी मनमानी, बड़े स्तर पर चल रहा अवैध खनन का कारोबार

रथ यात्रा पर कोरोना संकट

जगन्नाथ मंदिर के प्रधान पुजारी ब्रज भूषण नाथ मिश्र बताते हैं कि हर वर्ष रथ खींचने की परंपरा बड़े धूमधाम से मनाई जाती है. ऐसे में इस साल कोरोना वायरस की संकट को देखते हुए कई तरह के एहतियात बरते जा रहे हैं ताकि भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जा सके और भीड़ ना हो इसका ख्याल रखा जाए.

पुजारी ब्रज भूषण नाथ ने कहा कि भीड़ ना होने के लिए इस बार मेले का आयोजन नहीं किया जाएगा. वहीं, उन्होंने बताया कि रथ खींचने की परंपरा में लगभग 250 सौ से 300 लोगों की जरूरत पड़ती है ऐसे में किस तरह से वैकल्पिक व्यवस्था के साथ रथ खींचने की परंपरा को कायम रखा जाए, इसको लेकर अभी तक जिला प्रशासन की तरफ से कोई पहल नहीं की गई है.

23 जून से पहले लिया जाएगा निर्णय

उन्होंने बताया कि रथ की मरम्मत और भगवान जगन्नाथ की सिंगार पूजा की तैयारी हो चुकी है. अब सिर्फ रथ खींचने की परंपरा को कैसे पूरा किया जाए इसको लेकर चर्चा की जानी बाकी है. लेकिन अभी तक इस पर ना तो मंदिर समिति और ना ही जिला प्रशासन के लोगों ने किसी तरह का कोई निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि 23 जून से पहले यह निर्णय लिया जाए ताकि जो भी फैसला जिला प्रशासन और मंदिर समिति लेगी उसी के आधार पर भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाएगी.

बता दें कि भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा जगन्नाथ मंदिर से मौसी बाड़ी तक ले जायी जाती है. इसमें लगभग 300 से 400 लोगों की जरूरत पड़ती है लेकिन कोरोना के इस संकट को देखते हुए जरूरत है कि किसी तरह की वैकल्पिक व्यवस्था का इंतजाम किया जाए, ताकि ऐतिहासिक भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा की परंपरा को चालू रखा जा सके.

रांची: भगवान श्री जगन्नाथ की ऐतिहासिक रथ यात्रा झारखंड के राजधानी में बड़े धूमधाम से निकाली जाती है. इसकी परंपरा राजधानी में पिछले कई वर्षों से चली आ रही है. इसे लेकर हर साल राजधानी के धुर्वा स्थित जगन्नाथ मंदिर से भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा निकाली जाती है. यह परंपरा 329 वर्षों से की जा रही है.

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रथ यात्रा पर कोरोना संकट

जगन्नाथ मंदिर के प्रधान पुजारी ब्रज भूषण नाथ मिश्र बताते हैं कि हर वर्ष रथ खींचने की परंपरा बड़े धूमधाम से मनाई जाती है. ऐसे में इस साल कोरोना वायरस की संकट को देखते हुए कई तरह के एहतियात बरते जा रहे हैं ताकि भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जा सके और भीड़ ना हो इसका ख्याल रखा जाए.

पुजारी ब्रज भूषण नाथ ने कहा कि भीड़ ना होने के लिए इस बार मेले का आयोजन नहीं किया जाएगा. वहीं, उन्होंने बताया कि रथ खींचने की परंपरा में लगभग 250 सौ से 300 लोगों की जरूरत पड़ती है ऐसे में किस तरह से वैकल्पिक व्यवस्था के साथ रथ खींचने की परंपरा को कायम रखा जाए, इसको लेकर अभी तक जिला प्रशासन की तरफ से कोई पहल नहीं की गई है.

23 जून से पहले लिया जाएगा निर्णय

उन्होंने बताया कि रथ की मरम्मत और भगवान जगन्नाथ की सिंगार पूजा की तैयारी हो चुकी है. अब सिर्फ रथ खींचने की परंपरा को कैसे पूरा किया जाए इसको लेकर चर्चा की जानी बाकी है. लेकिन अभी तक इस पर ना तो मंदिर समिति और ना ही जिला प्रशासन के लोगों ने किसी तरह का कोई निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि 23 जून से पहले यह निर्णय लिया जाए ताकि जो भी फैसला जिला प्रशासन और मंदिर समिति लेगी उसी के आधार पर भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाएगी.

बता दें कि भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा जगन्नाथ मंदिर से मौसी बाड़ी तक ले जायी जाती है. इसमें लगभग 300 से 400 लोगों की जरूरत पड़ती है लेकिन कोरोना के इस संकट को देखते हुए जरूरत है कि किसी तरह की वैकल्पिक व्यवस्था का इंतजाम किया जाए, ताकि ऐतिहासिक भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा की परंपरा को चालू रखा जा सके.

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