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खोखला हो रहा झारखंड में पुलिस संगठन, डीजीपी के लेटर से मची पुलिस महकमे में खलबली - jharkhand police organization

झारखंड पुलिस के मुखिया यानी डीजीपी अपने ही कनीय पुलिस अधिकारियों के काम करने के रवैए को लेकर खासे नाराज चल रहे हैं. डीजीपी कमल नयन चौबे ने अपनी नाराजगी पत्र के माध्यम से सभी अधिकारियों के पास भेज उन्हें अपनी कार्यशैली को सुधारने का निर्देश दिया है.

jharkhand dgp kamal nayan chaubey
झारखंड डीजीपी कमल नयन चौबे
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Published : Jan 9, 2020, 10:59 AM IST

Updated : Jan 9, 2020, 11:27 AM IST

रांची: झारखंड में पुलिस के वरीय अधिकारियों के द्वारा विभिन्न कार्यालयों के निरीक्षण नहीं किए जाने से राज्य के डीजीपी कमल नयन चौबे बेहद नाराज हैं. डीजीपी के अनुसार यह एक चिंताजनक बात है. लंबे समय से वरीय अधिकारियों ने पुलिस लाइन थाना, डीएसपी और एसपी कार्यालय का निरीक्षण नहीं किया है. इस कारण जिला स्तर पर पुलिस संगठन खोखला होता जा रहा है.

वीडियो में पूरी रिपोर्ट

डीजी के अनुसार यदि निरीक्षण जैसे कार्यो की अनदेखी इसी तरह से जारी रही तो आने वाले समय में नई पीढ़ी को खोखली पुलिस व्यवस्था विरासत में मिलेगी. नक्सल अभियान और अपराध नियंत्रण में व्यस्त रहने के बहाना बना अधिकारी निरीक्षण से बच रहे हैं.

बैठक की तो आई जानकारी सामने

डीजीपी ने अधिकारियों को लिखे पत्र में कहा है कि योगदान देने के बाद उन्हें रिटायर और सेवारत अधिकारियों के साथ औपचारिक तथा अनौपचारिक बैठक की है. इन बैठकों में यह बात सामने आई है, जो काफी चिंताजनक है. डीजीपी के अनुसार जिला पुलिस लाइन में एसपी की उपस्थिति में परेड और दूसरी गतिविधियां प्राय बंद हो गई हैं. इसी प्रकार थाना, डीएसपी और एसपी कार्यालय का निरीक्षण भी अब नहीं हो रहा है. इससे पुलिस की कार्यशैली में गिरावट आ रही है.

पढ़ें- पंचेत के नेहरू पार्क में छिपा है कई रहस्य, पिकनिक मनाने काफी संख्या में पहुंचते हैं लोग

उन्होंने कहा कि वैसे उपक्रम जहां बड़ी संख्या में कर्मी काम करते हैं वहां निरीक्षण अति महत्वपूर्ण होता है. रेलवे, केंद्रीय बलों और सेना का उदाहरण देते हुए डीजीपी ने निरीक्षण की गंभीरता का जिक्र अधिकारियों से किया है.

फिर से शुरू होगा निरीक्षण व्यवस्था

डीजीपी ने निरीक्षण व्यवस्था को फिर से शुरू करने का निर्देश जारी किया है. इसकी रूपरेखा तैयार कर ली गई है. निरीक्षण के तरीके अपराध के बदलते स्वरूप को देखते हुए किया गया है. सूचना तकनीक को लागू रजिस्टर युग की उपयोगिता को समाप्त करने की बात डीजीपी ने कही है.

रांची: झारखंड में पुलिस के वरीय अधिकारियों के द्वारा विभिन्न कार्यालयों के निरीक्षण नहीं किए जाने से राज्य के डीजीपी कमल नयन चौबे बेहद नाराज हैं. डीजीपी के अनुसार यह एक चिंताजनक बात है. लंबे समय से वरीय अधिकारियों ने पुलिस लाइन थाना, डीएसपी और एसपी कार्यालय का निरीक्षण नहीं किया है. इस कारण जिला स्तर पर पुलिस संगठन खोखला होता जा रहा है.

वीडियो में पूरी रिपोर्ट

डीजी के अनुसार यदि निरीक्षण जैसे कार्यो की अनदेखी इसी तरह से जारी रही तो आने वाले समय में नई पीढ़ी को खोखली पुलिस व्यवस्था विरासत में मिलेगी. नक्सल अभियान और अपराध नियंत्रण में व्यस्त रहने के बहाना बना अधिकारी निरीक्षण से बच रहे हैं.

बैठक की तो आई जानकारी सामने

डीजीपी ने अधिकारियों को लिखे पत्र में कहा है कि योगदान देने के बाद उन्हें रिटायर और सेवारत अधिकारियों के साथ औपचारिक तथा अनौपचारिक बैठक की है. इन बैठकों में यह बात सामने आई है, जो काफी चिंताजनक है. डीजीपी के अनुसार जिला पुलिस लाइन में एसपी की उपस्थिति में परेड और दूसरी गतिविधियां प्राय बंद हो गई हैं. इसी प्रकार थाना, डीएसपी और एसपी कार्यालय का निरीक्षण भी अब नहीं हो रहा है. इससे पुलिस की कार्यशैली में गिरावट आ रही है.

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उन्होंने कहा कि वैसे उपक्रम जहां बड़ी संख्या में कर्मी काम करते हैं वहां निरीक्षण अति महत्वपूर्ण होता है. रेलवे, केंद्रीय बलों और सेना का उदाहरण देते हुए डीजीपी ने निरीक्षण की गंभीरता का जिक्र अधिकारियों से किया है.

फिर से शुरू होगा निरीक्षण व्यवस्था

डीजीपी ने निरीक्षण व्यवस्था को फिर से शुरू करने का निर्देश जारी किया है. इसकी रूपरेखा तैयार कर ली गई है. निरीक्षण के तरीके अपराध के बदलते स्वरूप को देखते हुए किया गया है. सूचना तकनीक को लागू रजिस्टर युग की उपयोगिता को समाप्त करने की बात डीजीपी ने कही है.

Intro:झारखंड पुलिस के मुखिया यानी डीजीपी अपने ही कनीय पुलिस अधिकारियों के काम करने के रवैए को लेकर खासे नाराज चल रहे हैं .डीजीपी कमल नयन चौबे ने अपनी नाराजगी पत्र के माध्यम से सभी अधिकारियों के पास भेज उन्हें अपनी कार्यशैली को सुधारने का निर्देश दिया है.

दरअसल झारखंड में पुलिस के वरीय अधिकारियों के द्वारा विभिन्न कार्यालयों के निरीक्षण नहीं किए जाने से राज्य के डीजीपी कमल नयन चौबे बेहद नाराज हैं .डीजीपी के अनुसार यह एक चिंताजनक बात है. लंबे समय से वरीय अधिकारियों ने पुलिस लाइन थाना ,डीएसपी और एसपी कार्यालय का निरीक्षण नहीं किया है .इस कारण जिला स्तर पर पुलिस संगठन खोखला होता जा रहा है. डीजी के अनुसार यदि निरीक्षण जैसे कार्यो की अनदेखी इसी तरह से जारी रही तो आने वाले समय में नई पीढ़ी को खोखली पुलिस व्यवस्था विरासत में मिलेगी .नक्सल अभियान और अपराध नियंत्रण में व्यस्त रहने के बहाना बना अधिकारी निरीक्षण से बच रहे हैं.




Body:बैठक की तो आई जानकारी सामने

डीजीपी ने अधिकारियों को लिखे पत्र में कहा है कि योगदान देने के बाद उन्हें रिटायर और सेवारत अधिकारियों के साथ औपचारिक तथा अनौपचारिक बैठक की है .इन बैठकों में यह बात सामने आई है ,जो काफी चिंताजनक है. डीजीपी के अनुसार जिला पुलिस लाइन में एसपी की उपस्थिति में परेड और दूसरी गतिविधियां प्राय बंद हो गई हैं .इसी प्रकार थाना, डीएसपी और एसपी कार्यालय का निरीक्षण भी अब नहीं हो रहा है. इससे पुलिस की कार्यशैली में गिरावट आ रही है .उन्होंने कहा कि वैसे उपक्रम जहां बड़ी संख्या में कर्मी काम करते हैं वहां निरीक्षण अति महत्वपूर्ण होता है .रेलवे ,केंद्रीय बलों और सेना का उदाहरण देते हुए डीजीपी ने निरीक्षण की गंभीरता का जिक्र अधिकारियों से किया है.


Conclusion:फिर से शुरू होगा निरीक्षण व्यवस्था

डीजीपी ने निरीक्षण व्यवस्था को फिर से शुरू करने का निर्देश जारी किया है. इसकी रूपरेखा तैयार कर ली गई है .निरीक्षण के तरीके अपराध के बदलते स्वरूप को देखते हुए किया गया है. सूचना तकनीक को लागू रजिस्टर युग की उपयोगिता को समाप्त करने की बात डीजीपी ने कही है.
Last Updated : Jan 9, 2020, 11:27 AM IST
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