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Indigo पर लगा पांच लाख का जुर्माना, रांची एयरपोर्ट पर दिव्यांग बच्चे को फ्लाइट से सफर की नहीं दी थी इजाजत

रांची एयरपोर्ट पर दिव्यांग बच्चे को फ्लाइट में नहीं चढ़ने देने के मामले में DGCA ने इंडिगो पर 5 लाख का जुर्माना लगाया है. इसके साथ ही इंडिगो को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है.

DGCA imposes Rs 5 lakh fine on IndiGo
DGCA imposes Rs 5 lakh fine on IndiGo
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Published : May 28, 2022, 5:00 PM IST

Updated : May 28, 2022, 8:00 PM IST

रांची: बिरसा मुंडा एयरपोर्ट रांची पर दिव्यांग बच्चे को फ्लाइट में नहीं बैठने देने के मामले में DGCA ने इंडिगो पर 5 लाख का जुर्माना लगाया है. इसके साथ ही इंडिगो को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है. इंडिगो ने 7 मई को रांची एयरपोर्ट पर एक दिव्यांग बच्चे को उस वक्त फ्लाइट पर चढ़ने से रोक दिया जब वह थोड़ा घबराया हुआ और अशांत था.

ये भी पढ़ें: रांची एयरपोर्ट पर दिव्यांग बच्चे को इंडिगो ने सफर करने से रोका, जानिए क्या है पूरा मामला

दिव्यांग बच्चे को फ्लाइट में नहीं चढ़ने देने के बाद एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें बच्चे के माता पिता परेशान दिख रहे थे. इस मामले के तूल पकड़ने के बाद इस मामले में नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस पर संज्ञान लिया और ट्वीट के जरिए कहा कि 'ऐसे रवैये के लिए जीरो टॉलरेंस है. किसी भी इंसान को इससे नहीं गुजरना चाहिए. मामले की खुद जांच कर रहा हूं, जिसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.' इस मामले में नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने भी इंडिगो से रिपोर्ट मांगी थी.

बोकारो के एक परिवार को हैदराबाद जाना था, इसके लिए वे बोकारो से रांची पहुंचे थे. उस दौरान उनका मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चा थोड़ा घबराया हुआ था और लगातार रो रहा था. जिसके बाद इंडिगो की रांची-हैदराबाद उड़ान में चढ़ने से रोक दिया गया. इस दौरान बच्चे के माता पिता ने एयरलाइंस कर्मचारियों का काफी समझाने की कोशिश की लेकिन वे टस से मस नहीं हुए. यही नहीं इस दौरान वहां मौजूद यात्रियों ने भी एयरलाइंस के कर्मचारियों से उन्हें यात्रा करने देने की अपील की लेकिन एयरलाइंस कंपनी के कर्मियों ने बच्चे को फ्लाइट में चढ़ने की इजाजत नहीं दी थी. इसके बाद माता-पिता भी फ्लाइट में नहीं चढ़े.

नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय एक टीम का गठन किया था. डीजीसीए ने एक बयान में कहा, सात मई को रांची हवाईअड्डे पर दिव्यांग बच्चे के साथ इंडिगो के कर्मचारियों का व्यवहार गलत था और इससे स्थिति बिगड़ गई थी. बयान में कहा गया है कि बच्चे के साथ करुणा का व्यवहार किया जाना चाहिए था और बच्चे की घबराहट दूर कर उसे शांत किया जाना चाहिए था.

बयान के अनुसार विशेष परिस्थितियों में असाधारण प्रतिक्रिया की आवश्यकता होती है, लेकिन एयरलाइन के कर्मचारी ऐसा करने में विफल रहे. विमानन नियामक ने कहा है कि इसे देखते हुए, डीजीसीए में सक्षम प्राधिकारी ने संबंधित विमान नियमों के प्रावधानों के तहत एयरलाइन पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाने का फैसला किया है.

क्या है पूरा मामला: मनीषा गुप्ता नामक महिला ने अपने पोस्ट में बताया कि उस बच्चे की स्थिति खराब जरूर थी लेकिन उनके अभिभावक अपने बच्चे को शांत कराने में जुटे थे. ताकि वह आराम से सफर कर सके.अभिभावक अपने बच्चे को ठीक करने के बाद सफर करने को तैयार थे. कई यात्री भी उनकी मदद करने आगे आए. लेकिन एयरपोर्ट और इंडिगो एयरलाइंस के कर्मचारियों के द्वारा उस बच्चे के अभिभावक के साथ सख्ती की गई. मनीषा गुप्ता ने अपने पोस्ट पर लिखते हुए बताया कि एयरपोर्ट प्रबंधन ने अभिभावक और बच्चे को सफर करने से सख्त मना कर दिया. एयरपोर्ट पर मौजूद कर्मचारियों ने कहा कि बच्चे के सफर करने से अन्य पैसेंजर को समस्या हो सकती है.

दिव्यांग के सफर पर रोक : पोस्ट के मुताबिक बच्चे के अभिभावक एयरपोर्ट पर तैनात कर्मचारी और इंडिगो के मैनेजर के सामने गिड़गिड़ाते रहे कि उन्हें सफर करने दिया जाए. बच्चे की मां ने कहा कि एक मां होने के नाते वह कभी भी यह नहीं चाहेगी कि उनका बच्चा खुद को या किसी को कोई हानि पहुंचाए, लेकिन एयरपोर्ट प्रबंधन ने उनकी एक न सुनी और उस बच्चे के अभिभावक को सफर करने से साफ मना कर दिया. आखिर तक एयरपोर्ट प्रबंधन और इंडिगो एयरलाइंस के मैनेजर ने बच्चे और उनके अभिभावक को फ्लाइट पर नहीं चढ़ने दिया और इस प्रकार उनकी हैदराबाद की फ्लाइट छूट गई.

रांची: बिरसा मुंडा एयरपोर्ट रांची पर दिव्यांग बच्चे को फ्लाइट में नहीं बैठने देने के मामले में DGCA ने इंडिगो पर 5 लाख का जुर्माना लगाया है. इसके साथ ही इंडिगो को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है. इंडिगो ने 7 मई को रांची एयरपोर्ट पर एक दिव्यांग बच्चे को उस वक्त फ्लाइट पर चढ़ने से रोक दिया जब वह थोड़ा घबराया हुआ और अशांत था.

ये भी पढ़ें: रांची एयरपोर्ट पर दिव्यांग बच्चे को इंडिगो ने सफर करने से रोका, जानिए क्या है पूरा मामला

दिव्यांग बच्चे को फ्लाइट में नहीं चढ़ने देने के बाद एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें बच्चे के माता पिता परेशान दिख रहे थे. इस मामले के तूल पकड़ने के बाद इस मामले में नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस पर संज्ञान लिया और ट्वीट के जरिए कहा कि 'ऐसे रवैये के लिए जीरो टॉलरेंस है. किसी भी इंसान को इससे नहीं गुजरना चाहिए. मामले की खुद जांच कर रहा हूं, जिसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.' इस मामले में नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने भी इंडिगो से रिपोर्ट मांगी थी.

बोकारो के एक परिवार को हैदराबाद जाना था, इसके लिए वे बोकारो से रांची पहुंचे थे. उस दौरान उनका मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चा थोड़ा घबराया हुआ था और लगातार रो रहा था. जिसके बाद इंडिगो की रांची-हैदराबाद उड़ान में चढ़ने से रोक दिया गया. इस दौरान बच्चे के माता पिता ने एयरलाइंस कर्मचारियों का काफी समझाने की कोशिश की लेकिन वे टस से मस नहीं हुए. यही नहीं इस दौरान वहां मौजूद यात्रियों ने भी एयरलाइंस के कर्मचारियों से उन्हें यात्रा करने देने की अपील की लेकिन एयरलाइंस कंपनी के कर्मियों ने बच्चे को फ्लाइट में चढ़ने की इजाजत नहीं दी थी. इसके बाद माता-पिता भी फ्लाइट में नहीं चढ़े.

नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय एक टीम का गठन किया था. डीजीसीए ने एक बयान में कहा, सात मई को रांची हवाईअड्डे पर दिव्यांग बच्चे के साथ इंडिगो के कर्मचारियों का व्यवहार गलत था और इससे स्थिति बिगड़ गई थी. बयान में कहा गया है कि बच्चे के साथ करुणा का व्यवहार किया जाना चाहिए था और बच्चे की घबराहट दूर कर उसे शांत किया जाना चाहिए था.

बयान के अनुसार विशेष परिस्थितियों में असाधारण प्रतिक्रिया की आवश्यकता होती है, लेकिन एयरलाइन के कर्मचारी ऐसा करने में विफल रहे. विमानन नियामक ने कहा है कि इसे देखते हुए, डीजीसीए में सक्षम प्राधिकारी ने संबंधित विमान नियमों के प्रावधानों के तहत एयरलाइन पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाने का फैसला किया है.

क्या है पूरा मामला: मनीषा गुप्ता नामक महिला ने अपने पोस्ट में बताया कि उस बच्चे की स्थिति खराब जरूर थी लेकिन उनके अभिभावक अपने बच्चे को शांत कराने में जुटे थे. ताकि वह आराम से सफर कर सके.अभिभावक अपने बच्चे को ठीक करने के बाद सफर करने को तैयार थे. कई यात्री भी उनकी मदद करने आगे आए. लेकिन एयरपोर्ट और इंडिगो एयरलाइंस के कर्मचारियों के द्वारा उस बच्चे के अभिभावक के साथ सख्ती की गई. मनीषा गुप्ता ने अपने पोस्ट पर लिखते हुए बताया कि एयरपोर्ट प्रबंधन ने अभिभावक और बच्चे को सफर करने से सख्त मना कर दिया. एयरपोर्ट पर मौजूद कर्मचारियों ने कहा कि बच्चे के सफर करने से अन्य पैसेंजर को समस्या हो सकती है.

दिव्यांग के सफर पर रोक : पोस्ट के मुताबिक बच्चे के अभिभावक एयरपोर्ट पर तैनात कर्मचारी और इंडिगो के मैनेजर के सामने गिड़गिड़ाते रहे कि उन्हें सफर करने दिया जाए. बच्चे की मां ने कहा कि एक मां होने के नाते वह कभी भी यह नहीं चाहेगी कि उनका बच्चा खुद को या किसी को कोई हानि पहुंचाए, लेकिन एयरपोर्ट प्रबंधन ने उनकी एक न सुनी और उस बच्चे के अभिभावक को सफर करने से साफ मना कर दिया. आखिर तक एयरपोर्ट प्रबंधन और इंडिगो एयरलाइंस के मैनेजर ने बच्चे और उनके अभिभावक को फ्लाइट पर नहीं चढ़ने दिया और इस प्रकार उनकी हैदराबाद की फ्लाइट छूट गई.

Last Updated : May 28, 2022, 8:00 PM IST
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