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रांची: 40 हजार अवैध वाटर कनेक्शन किए जाएंगे वैध, विभागीय सचिव ने दिए निर्देश

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Published : Mar 14, 2020, 8:13 AM IST

रांची में नगर विकास विभाग की समीक्षा बैठक हुई. बैठक के दौरान विभागीय सचिव ने अवैध वाटर कनेक्शन को वैध करने का निर्देश दिया. बता दें कि राजधानी में 40 हजार से ज्यादा अवैध वाटर कनेक्शन हैं.

departmental secretary directed to legalize illegal water connections in ranchi
नगर विकास विभाग की समीक्षा बैठक

रांची: नगर विकास विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान यह बात सामने आई कि राजधानी में 40 हजार से ज्यादा अवैध वाटर कनेक्शन हैं. इस पर विभागीय सचिव ने सभी अवैध कनेक्शन को वैध करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही हर वैध वॉटर कनेक्शन को मीटर से जुड़ने को भी कहा है.

सचिव ने परेशानियों की समीक्षा की

प्रदेश के कई शहरों में विभिन्नों मदों से निर्माणाधिन जलापूर्ति योजनाओं की प्रगति, उसमें आनवाले खर्च, जनता को उससे होनेवाले फायदें और निर्माण में आ रही परेशानियों की समीक्षा की. पेयजल की योजनाओं में मुख्य रुप से नेशनल हाइवे ऑथरिटी ऑफ इंडिया, स्टेट हाईवे ऑथरिटी ऑफ झारखंड, बीसीसीएल, डीवीसी और वन विभाग से एनओसी और क्लेयरेंस लेना है. जिसमें कई तक्नीकि समस्याएं भी आती हैं. सचिव ने पेयजलापूर्ति योजना के क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों से भी बातचीत की.

धनबाद में निर्माणाधिन सड़क का करेंगे निरीक्षण

बैठक में धनबाद में बीस किमी तक बन रहे स्मार्ट रोड में यूटिलिटी डक्ट, फूटपाथ, साईकिल लेन, कनेक्टिंग जंक्शन इत्यादि की जानकारी ली. इसके लिए जमीन संबंधित आ रही समस्या को लेकर जिला स्तर पर एक समन्वय समिति बनाने का भी सचिव नें निर्देश दिया. विभागीय सचिव नें कहा कि वो जल्द धनबाद में निर्माणाधिन सड़क का भौतीक निरीक्षण करेंगे.

ये भी देखें- डीवीसी की बिजली कटौती से जनता परेशान, झामुमो ने डीवीसी सब स्टेशन पर किया प्रदर्शन

बैठक में विभाग के मुख्य अभियंता राजीव कुमार बासुदेवा, पीडीटी जुडको रमेश कुमार, जुडको के कई जीएम, डीजीएम, एनएंडटी, जिंदल, ईपीसी श्रीराम इत्यादि कई कंपनी के पदाधिकारी मौजूद रहे.

रांची: नगर विकास विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान यह बात सामने आई कि राजधानी में 40 हजार से ज्यादा अवैध वाटर कनेक्शन हैं. इस पर विभागीय सचिव ने सभी अवैध कनेक्शन को वैध करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही हर वैध वॉटर कनेक्शन को मीटर से जुड़ने को भी कहा है.

सचिव ने परेशानियों की समीक्षा की

प्रदेश के कई शहरों में विभिन्नों मदों से निर्माणाधिन जलापूर्ति योजनाओं की प्रगति, उसमें आनवाले खर्च, जनता को उससे होनेवाले फायदें और निर्माण में आ रही परेशानियों की समीक्षा की. पेयजल की योजनाओं में मुख्य रुप से नेशनल हाइवे ऑथरिटी ऑफ इंडिया, स्टेट हाईवे ऑथरिटी ऑफ झारखंड, बीसीसीएल, डीवीसी और वन विभाग से एनओसी और क्लेयरेंस लेना है. जिसमें कई तक्नीकि समस्याएं भी आती हैं. सचिव ने पेयजलापूर्ति योजना के क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों से भी बातचीत की.

धनबाद में निर्माणाधिन सड़क का करेंगे निरीक्षण

बैठक में धनबाद में बीस किमी तक बन रहे स्मार्ट रोड में यूटिलिटी डक्ट, फूटपाथ, साईकिल लेन, कनेक्टिंग जंक्शन इत्यादि की जानकारी ली. इसके लिए जमीन संबंधित आ रही समस्या को लेकर जिला स्तर पर एक समन्वय समिति बनाने का भी सचिव नें निर्देश दिया. विभागीय सचिव नें कहा कि वो जल्द धनबाद में निर्माणाधिन सड़क का भौतीक निरीक्षण करेंगे.

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बैठक में विभाग के मुख्य अभियंता राजीव कुमार बासुदेवा, पीडीटी जुडको रमेश कुमार, जुडको के कई जीएम, डीजीएम, एनएंडटी, जिंदल, ईपीसी श्रीराम इत्यादि कई कंपनी के पदाधिकारी मौजूद रहे.

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