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ठंड में गर्म कपड़ों का व्यवसाय पड़ा ठंडा, कोरोना को लेकर लोग खरीददारी में बरत रहे एहतियात - रांची में गर्म कपड़े का कारोबार का ठप

झारखंड में ठंड ने पूरी तरह से दस्तक दे दी है. इसके साथ ही गर्म कपड़ों का बाजार भी सज कर तैयार हो चुका है, लेकिन कोरोना वायरस के मद्देनजर व्यवसायी वर्ग थोड़ी चिंतित है. इस बार आसानी से सेनेटाइज होने वाले कपड़ों की डिमांड देखने को मिल रही है.

demand for sanitized hot clothes in ranchi
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Published : Dec 2, 2020, 5:13 PM IST

रांची: देश भर में कोरोना महामारी का प्रकोप एक बार फिर तीसरे चरण में देखने को मिल रहा है. कई राज्यों में तो इस महामारी को लेकर अलर्ट भी जारी किया गया है. वहीं, एक बार फिर एहतियातन और सुरक्षात्मक कई कदम उठाए जा रहे हैं. वहीं, झारखंड में ठंड ने पूरी तरह दस्तक दे दी है. इसके साथ ही गर्म कपड़ों का बाजार भी सज कर तैयार हो चुका है लेकिन कोरोना वायरस के मद्देनजर व्यवसायी वर्ग थोड़ी चिंतित है. तो दूसरी और ऑनलाइन बाजार ने इनकी कमर तोड़ कर रख दी है. कोरोना को लेकर गर्म कपड़े को लेकर भी लोग थोड़े संजीदा दिख रहे हैं. आसानी से सेनेटाइज होने वाले कपड़ों की डिमांड इस बार बाजार में देखने को मिल रही है.

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पारंपरिक गर्म कपड़ों की भरमार
हर साल की तरह इस साल भी पारंपरिक गर्म कपड़ों की भरमार बाजार में उपलब्ध है, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इस साल नई वैरायटी के गर्म कपड़े बाजार में कम ही दिख रहे है. हर साल गर्म कपड़ों के बाजार में नई वैरायटी उतारी जाती है और जिसे लोग पसंद भी करते हैं लेकिन कोरोना महामारी के कारण इस बार विभिन्न राज्यों से ट्रांसपोर्टेशन में परेशानी आ रही है और इस वजह से नई वैरायटी के कपड़े बाजार में उतनी मात्रा में देखने को नहीं मिल रहे हैं. सर्दी की दस्तक के बाद बाजार गर्म कपड़ों से गर्म तो हो रहा है, लेकिन खरीदारों को मन मुताबिक वैरायटी नहीं मिल रहे हैं. इसलिए अधिकतर खरीदार इस बार ऑनलाइन शॉपिंग की ओर रुख कर रहे हैं. जिससे व्यवसायियों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

सेनेटाइज होने वाले कपड़ों की डिमांड
पिछले कुछ दिनों से ठंड का प्रकोप बढ़ा है. कोहरा और ठंड से तापमान घटने के कारण लोगों को सर्दी की दस्तक का एहसास होने लगा है. लोगों को सर्दी से बचाव की जितनी चिंता है उससे ज्यादा इस साल कोरोना महामारी से बचने के लिए कपड़े भी चुन रहे हैं. लोग कहते हैं कि ऐसे गर्म कपड़ों की डिमांड बढ़ी है. जिसे आसानी से धोया जा सके. बार-बार सेनेटाइज किया जा सके और इस मांग को पूरा करने में शहर के व्यवसायी सक्षम नहीं दिख रहे हैं.

ये भी पढ़े- जामताड़ाः 2 दिसंबर से पैसेंजर ट्रेन की होगी शुरुआत, रेलवे बोर्ड ने दी हरी झंडी

50 फीसदी रह गया है कारोबार
पारंपरिक गर्म कपड़े ही बाजार में उपलब्ध हैं. नए सीजन में नए डिजाइन के गर्म कपड़े बाजार में देखने को नहीं मिल रहा है. हालांकि, बाजार में बच्चों के लिए रेडीमेड ऊनी कपड़ों की भरमार दिख रही है. मध्यम और गरीब वर्गों के लिए सस्ते कपड़े भी उपलब्ध है. मफलर, स्टाफ, दस्ताने सर्दी से बचाव के सामान भी बाजार में उपलब्ध जरूर हैं लेकिन थोड़े अलग और हटकर कपड़े इस बार उपलब्ध नहीं दिख रहे हैं. व्यवसायियों की मानें तो इस बार कोरोना महामारी के वजह से गर्म कपड़ों का बाजार 50 फीसदी रह गया है. कोरोना के कारण लोग बाजारों में तो आ रहे हैं लेकिन पिछले साल की तुलना में कम हैं. लोग ऑनलाइन खरीदारी करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं. जिससे गर्म कपड़ों का बाजार इस साल ठंडा दिख रहा है. व्यवसायी चिंतित हैं तो खरीदारों को मन मुताबिक गर्म कपड़े बाजार में उपलब्ध नहीं हो रहा है.


बाजार में एहतिहात नहीं बरत रहे हैं लोग
कोरोना महामारी के बावजूद रांची के कुछ बाजारों में रौनक देखी जा रही है. लोग गर्म कपड़ों की खरीदारी करने जरूर निकल रहे हैं लेकिन जो सुरक्षात्मक कदम उठाना चाहिए वो इन बाजारों में नहीं दिख रहा है. बाजार में लोग कपड़े पहन कर साइज देख रहे हैं जिसकी मनाही है. इस ओर भी संबंधित लोगों को ध्यान देने की जरूरत है.

रांची: देश भर में कोरोना महामारी का प्रकोप एक बार फिर तीसरे चरण में देखने को मिल रहा है. कई राज्यों में तो इस महामारी को लेकर अलर्ट भी जारी किया गया है. वहीं, एक बार फिर एहतियातन और सुरक्षात्मक कई कदम उठाए जा रहे हैं. वहीं, झारखंड में ठंड ने पूरी तरह दस्तक दे दी है. इसके साथ ही गर्म कपड़ों का बाजार भी सज कर तैयार हो चुका है लेकिन कोरोना वायरस के मद्देनजर व्यवसायी वर्ग थोड़ी चिंतित है. तो दूसरी और ऑनलाइन बाजार ने इनकी कमर तोड़ कर रख दी है. कोरोना को लेकर गर्म कपड़े को लेकर भी लोग थोड़े संजीदा दिख रहे हैं. आसानी से सेनेटाइज होने वाले कपड़ों की डिमांड इस बार बाजार में देखने को मिल रही है.

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पारंपरिक गर्म कपड़ों की भरमार
हर साल की तरह इस साल भी पारंपरिक गर्म कपड़ों की भरमार बाजार में उपलब्ध है, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इस साल नई वैरायटी के गर्म कपड़े बाजार में कम ही दिख रहे है. हर साल गर्म कपड़ों के बाजार में नई वैरायटी उतारी जाती है और जिसे लोग पसंद भी करते हैं लेकिन कोरोना महामारी के कारण इस बार विभिन्न राज्यों से ट्रांसपोर्टेशन में परेशानी आ रही है और इस वजह से नई वैरायटी के कपड़े बाजार में उतनी मात्रा में देखने को नहीं मिल रहे हैं. सर्दी की दस्तक के बाद बाजार गर्म कपड़ों से गर्म तो हो रहा है, लेकिन खरीदारों को मन मुताबिक वैरायटी नहीं मिल रहे हैं. इसलिए अधिकतर खरीदार इस बार ऑनलाइन शॉपिंग की ओर रुख कर रहे हैं. जिससे व्यवसायियों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

सेनेटाइज होने वाले कपड़ों की डिमांड
पिछले कुछ दिनों से ठंड का प्रकोप बढ़ा है. कोहरा और ठंड से तापमान घटने के कारण लोगों को सर्दी की दस्तक का एहसास होने लगा है. लोगों को सर्दी से बचाव की जितनी चिंता है उससे ज्यादा इस साल कोरोना महामारी से बचने के लिए कपड़े भी चुन रहे हैं. लोग कहते हैं कि ऐसे गर्म कपड़ों की डिमांड बढ़ी है. जिसे आसानी से धोया जा सके. बार-बार सेनेटाइज किया जा सके और इस मांग को पूरा करने में शहर के व्यवसायी सक्षम नहीं दिख रहे हैं.

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50 फीसदी रह गया है कारोबार
पारंपरिक गर्म कपड़े ही बाजार में उपलब्ध हैं. नए सीजन में नए डिजाइन के गर्म कपड़े बाजार में देखने को नहीं मिल रहा है. हालांकि, बाजार में बच्चों के लिए रेडीमेड ऊनी कपड़ों की भरमार दिख रही है. मध्यम और गरीब वर्गों के लिए सस्ते कपड़े भी उपलब्ध है. मफलर, स्टाफ, दस्ताने सर्दी से बचाव के सामान भी बाजार में उपलब्ध जरूर हैं लेकिन थोड़े अलग और हटकर कपड़े इस बार उपलब्ध नहीं दिख रहे हैं. व्यवसायियों की मानें तो इस बार कोरोना महामारी के वजह से गर्म कपड़ों का बाजार 50 फीसदी रह गया है. कोरोना के कारण लोग बाजारों में तो आ रहे हैं लेकिन पिछले साल की तुलना में कम हैं. लोग ऑनलाइन खरीदारी करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं. जिससे गर्म कपड़ों का बाजार इस साल ठंडा दिख रहा है. व्यवसायी चिंतित हैं तो खरीदारों को मन मुताबिक गर्म कपड़े बाजार में उपलब्ध नहीं हो रहा है.


बाजार में एहतिहात नहीं बरत रहे हैं लोग
कोरोना महामारी के बावजूद रांची के कुछ बाजारों में रौनक देखी जा रही है. लोग गर्म कपड़ों की खरीदारी करने जरूर निकल रहे हैं लेकिन जो सुरक्षात्मक कदम उठाना चाहिए वो इन बाजारों में नहीं दिख रहा है. बाजार में लोग कपड़े पहन कर साइज देख रहे हैं जिसकी मनाही है. इस ओर भी संबंधित लोगों को ध्यान देने की जरूरत है.

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